महाकुंभ हादसा: अखिलेश यादव ने की यूपी सरकार की आलोचना, जानिए क्यों कहा इस्तीफा देना चाहता हूं

Mahakumbh Incident: Akhilesh Yadav
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महाकुंभ हादसा: अखिलेश यादव ने की यूपी सरकार की आलोचना, जानिए क्यों कहा इस्तीफा देना चाहता हूं

Mahakumbh Incident: Akhilesh Yadav criticized UP government, know why he said he wants to resign : समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महाकुंभ के आयोजन में हुई मौतों को लेकर राज्य सरकार पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस हादसे को लेकर लोकसभा में सरकार से कई सवाल किए और पारदर्शिता की मांग की। अखिलेश ने इस घटना पर अपना दर्द और गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, “लोग पुण्य कमाने के लिए आए थे, और वे अपनों के शव लेकर वापस लौटे।”

अखिलेश यादव ने महाकुंभ के आयोजन के दौरान की गई सरकारी व्यवस्थाओं को लेकर तीखा हमला बोला। उनका आरोप था कि जहां श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उचित व्यवस्थाओं की आवश्यकता थी, वहां सरकार ने सिर्फ राजनीतिक प्रचार किया। उन्होंने विशेष रूप से डबल इंजन वाली सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना न केवल शर्मनाक है, बल्कि निंदनीय भी है।

महाकुंभ हादसा और अखिलेश का आरोप

महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में करीब 30 लोग अपनी जान गंवा चुके थे और लगभग 60 लोग घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल किया कि इतने बड़े आयोजन के दौरान उचित सुरक्षा और प्रबंधन क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब लोग पुण्य कमाने के लिए आए थे, तो वे अपने अपनों के शव लेकर क्यों लौटे? यह सरकार की असफलता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

अखिलेश ने कहा, “सरकार ने महाकुंभ का प्रचार बहुत जोर-शोर से किया और कहा कि 100 करोड़ लोग आएंगे, इसके लिए तैयारियां की गईं। लेकिन अगर यह दावा गलत था, तो मैं इस्तीफा देना चाहता हूं। सरकार ने महाकुंभ के आयोजन को डिजिटल रूप से आयोजित करने का दावा किया था, लेकिन डिजिटल रिकॉर्ड और सीसीटीवी, ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के बावजूद मृतकों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। सरकार का यह दावा भी पूरी तरह से खोखला साबित हुआ।”

सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठाना

अखिलेश यादव ने यूपी सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार इस हादसे के आंकड़ों को दबा रही है। उन्होंने कहा कि अगर इस घटना में कोई गलती नहीं थी तो फिर सरकार ने आंकड़ों को क्यों दबाया, छिपाया और मिटाया? उन्होंने मांग की कि महाकुंभ की घटनाओं और व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को संसद में स्पष्ट आंकड़े पेश करने चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि महाकुंभ के आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को सौंप दी जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर तरीके से काम किया जा सके।

अखिलेश ने सरकार से मांग की कि महाकुंभ के दौरान हुई मौतों, घायलों के उपचार, दवाओं, डॉक्टरों, भोजन, पानी और परिवहन की उपलब्धता के बारे में सटीक आंकड़े पेश किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को लेकर पारदर्शिता और सटीक जानकारी जनता तक पहुंचनी चाहिए, ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके और सरकार के प्रयासों का सही मूल्यांकन किया जा सके।

सर्वदलीय बैठक की मांग और शोक की कमी

अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे के बाद सरकार की प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सरकार ने हादसे के बारे में पहले कोई संवेदना व्यक्त नहीं की। जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदना व्यक्त की, तो उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे 17 घंटे बाद स्वीकार किया।” अखिलेश ने यह भी कहा कि जब हादसे की जानकारी सामने आई, तो सरकार ने सरकारी हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए, जबकि ऐसा करने से पहले उन्हें शोक व्यक्त करना चाहिए था।

सपा प्रमुख ने सरकार से यह भी कहा कि एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर महाकुंभ हादसे की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह आग्रह किया कि इस बैठक में सभी दलों को शामिल करके स्थिति को स्पष्ट किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो।

राजनीतिक प्रचार पर हमलावर अखिलेश

अखिलेश यादव ने महाकुंभ के आयोजन में राजनीतिक प्रचार को लेकर सरकार पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर जब केंद्र और राज्य दोनों जगह एक ही पार्टी की सरकार हो, तो यह और भी निंदनीय हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक आयोजनों का उद्देश्य श्रद्धा और भक्ति के साथ लोगों को एकजुट करना होता है, लेकिन सरकार ने इसे एक राजनीतिक हथियार बना दिया।

अखिलेश ने महाकुंभ के आयोजन में डिजिटल तकनीकों के उपयोग का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि महाकुंभ का आयोजन पूरी तरह से डिजिटल तरीके से किया जाएगा, लेकिन जब उस डिजिटल व्यवस्था का वक्त आया तो सरकार ने मृतकों का डिजिटल रिकॉर्ड तक उपलब्ध नहीं कराया। अखिलेश ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया।

नतीजों पर प्रतिक्रिया और सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों और तथ्यों को छिपाने वालों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हुई मौतों और घायलों की जिम्मेदारी लेने वाले अधिकारियों और प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर सरकार सही व्यवस्था करती तो इस तरह की दुर्घटना नहीं होती और बहुत से लोगों की जान बच सकती थी।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने जो आंकड़े दिए हैं, उन्हें लेकर भी सवाल उठाए गए हैं और यह साबित हुआ कि सरकार ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर सही जानकारी नहीं दी। अखिलेश ने इस पूरे मामले में सरकार की जवाबदेही तय करने की बात की।

समाप्ति: जनता की सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी

अखिलेश यादव ने महाकुंभ के आयोजन में हुई मौतों को एक बड़ी त्रासदी करार देते हुए इस हादसे की जिम्मेदारी सरकार पर डाली। उन्होंने मांग की कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और व्यवस्थाओं में सुधार करना चाहिए। महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं, और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है।

अखिलेश यादव का यह बयान उत्तर प्रदेश सरकार की विफलताओं को उजागर करने वाला था और उन्होंने महाकुंभ की घटनाओं पर सरकार की निंदा की। उनका कहना था कि इस हादसे के बाद सरकार को अपनी नीतियों और व्यवस्थाओं में सुधार करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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