चेन्नई में दिखा तिलक वर्मा का जलवा
इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में तिलक वर्मा ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से भारतीय टीम को एक यादगार जीत दिलाई। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 165 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के शुरुआती विकेट लगातार गिरते रहे, लेकिन तिलक ने एक छोर संभाले रखा और नाबाद 72 रन बनाकर भारत को 19.2 ओवर में 8 विकेट पर 166 रन तक पहुंचा दिया। उनकी इस पारी में 4 चौके और 5 छक्के शामिल थे।
लक्ष्य का पीछा करते हुए संकटमोचक बने तिलक
जब भारतीय टीम दबाव में थी, तिलक वर्मा ने शानदार संयम और आक्रामकता का प्रदर्शन किया। उन्होंने इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों का डटकर सामना किया और अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल किया। मैच खत्म होने के बाद भी तिलक नाबाद रहे, जो उनकी मैच फिनिश करने की क्षमता को दर्शाता है।
टी20 में बनाया अनोखा रिकॉर्ड
तिलक वर्मा ने ना केवल इस मैच में अपनी टीम को जीत दिलाई, बल्कि टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक अनोखा रिकॉर्ड भी बनाया। वे लगातार 318 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं, वह भी बिना आउट हुए। पिछली चार पारियों में तिलक का स्कोर 72*, 19*, 120*, और 107* रहा है। उन्होंने 2023 में बनाए गए मार्क चापमैन के 271 रनों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी दिखाया दमखम
तिलक वर्मा की बल्लेबाजी का जलवा सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ ही नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी देखने को मिला। उन्होंने उस दौरे पर चार मैचों में कुल 280 रन बनाए। सेंचुरियन में नाबाद 107 और जोहानिसबर्ग में नाबाद 120 रन की पारी उनकी उत्कृष्ट बल्लेबाजी का प्रमाण हैं।
2022 में खेले गए पांच टी20 मैचों में तिलक ने 102 के औसत और 163 के स्ट्राइक रेट से कुल 306 रन बनाए। इसमें दो शतक भी शामिल थे।
जोफ्रा आर्चर को बनाया निशाना
दूसरे टी20 में तिलक वर्मा ने इंग्लैंड के प्रमुख गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के खिलाफ विशेष रणनीति अपनाई। कोलकाता में पहले मैच में शानदार प्रदर्शन करने वाले आर्चर को तिलक ने चेन्नई में आक्रामक बल्लेबाजी से बेअसर कर दिया। आर्चर ने चार ओवर में 60 रन लुटाए। मैच के बाद तिलक ने कहा, “मैंने जानबूझकर उनके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज को निशाना बनाया। यदि आप प्रमुख गेंदबाज को दबाव में डालते हैं, तो पूरी टीम पर इसका असर होता है।”
भारत के लिए एक अनमोल रत्न
तिलक वर्मा ने खुद को भारतीय क्रिकेट के भविष्य के रूप में स्थापित कर लिया है। उनकी बल्लेबाजी में संयम, आक्रामकता और मैच फिनिश करने की क्षमता उन्हें खास बनाती है। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी पारियों ने साबित कर दिया है कि वे बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं।
निष्कर्ष
तिलक वर्मा की निरंतरता और बल्लेबाजी कौशल ने उन्हें भारतीय टीम का एक अनमोल रत्न बना दिया है। उनकी शानदार पारियों ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को एक नया सितारा दिया है, जो न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सक्षम है।