IND vs AUS: सिराज के समर्थन में रवि शास्त्री, बोले – भारतीय गेंदबाज को आगे भी यही आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए

IND vs AUS: Siraj's supporter Ravi Shastri
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IND vs AUS: Siraj’s supporter Ravi Shastri said – Indian journalists should adopt the same aggressive attitude in future also : ऑस्ट्रेलिया में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने एक बार फिर अपनी आक्रामकता से क्रिकेट जगत का ध्यान खींचा। एडिलेड टेस्ट के दौरान सिराज की कुछ आक्रामक हरकतें और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के साथ नोकझोंक को लेकर उन्हें आईसीसी से जुर्माना भी झेलना पड़ा था, लेकिन इस घटना के बाद भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने सिराज के पक्ष में खुलकर अपनी बात रखी है। शास्त्री ने सिराज के आक्रामक रवैये की सराहना की और कहा कि भारतीय तेज गेंदबाजों को आगे भी इसी तरह का जुझारू और आक्रामक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

सिराज का आक्रामक रवैया

एडिलेड टेस्ट के दौरान मोहम्मद सिराज को दर्शकों से हूटिंग का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा, सिराज की मार्नस लाबुशेन और ट्रेविस हेड के साथ भी गर्मा-गर्मी हो गई थी, जिसके चलते आईसीसी ने सिराज पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया और उनके खाते में एक डिमेरिट अंक जोड़ दिया। यह घटना तब हुई जब सिराज ने हेड को बोल्ड किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी आक्रामकता दिखाते हुए हेड से कुछ तीखी बातें की। इस पर हेड ने भी सिराज से पलटवार किया, जिससे थोड़ी देर के लिए माहौल गरम हो गया था। हालांकि, यह विवाद जल्द ही शांत हो गया था, और अब शास्त्री इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए सिराज का समर्थन कर रहे हैं।

रवि शास्त्री का बयान

रवि शास्त्री ने कहा कि मोहम्मद सिराज को अपने आक्रामक रवैये को बनाए रखना चाहिए और भारतीय क्रिकेट में इस तरह का रवैया महत्वपूर्ण है। शास्त्री ने अपने कोचिंग कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि जब वे भारतीय टीम के मुख्य कोच थे, तो उन्होंने हमेशा यही सलाह दी थी कि ऑस्ट्रेलिया को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए। शास्त्री ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम को कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए, खासकर जब बात ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हो। उनका मानना है कि सिराज ने जो किया, वह एक तेज गेंदबाज का स्वाभाविक व्यवहार था और इसे नकारात्मक तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए।

शास्त्री ने एक कॉलम में लिखा, “मुझे यकीन है कि सिराज और हेड के बीच जो हुआ, वह अब सुलझ चुका होगा। सिराज ने अपनी भावनाओं का इजहार किया, और यह किसी भी तेज गेंदबाज के लिए सामान्य बात है। किसी तेज गेंदबाज से ऐसा ही व्यवहार आप उम्मीद करते हैं, खासकर जब वह हेड जैसी कड़ी चुनौती को आउट करता है।” शास्त्री का यह भी मानना था कि सिराज ने जो किया वह भारतीय टीम के लिए फायदेमंद था, क्योंकि उन्होंने अपने प्रदर्शन के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया को यह संदेश दिया कि भारतीय खिलाड़ी भी उतने ही आक्रामक और लड़ाकू हैं जितना कोई अन्य टीम हो सकती है।

शास्त्री की नीति

रवि शास्त्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जब वह भारतीय क्रिकेट टीम के कोच थे, तो उनकी नीति यह थी कि ऑस्ट्रेलिया जैसे टीमों को उसी की भाषा में समझाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने कभी भी ऑस्ट्रेलिया में कदम पीछे नहीं खींचे। मेरा मानना था कि हमें अपनी टीम को यह सिखाना चाहिए कि किसी भी स्थिति में हमें अपनी आक्रामकता बनाए रखनी चाहिए, और इस नीति को विराट कोहली, ऋषभ पंत और बाकी खिलाड़ियों ने भी पूरी तरह से अपनाया।” शास्त्री का कहना था कि यह टीम का रवैया बन गया था, और उसी कारण भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीतें हासिल कीं।

सिराज और हेड के बीच नोकझोंक

एडिलेड टेस्ट के दौरान मोहम्मद सिराज ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रेविस हेड को 310 रन के स्कोर पर आउट किया था। सिराज ने हेड को यॉर्कर डाला, जिसे हेड सही से समझ नहीं पाए और वह बोल्ड हो गए। हेड की यह पारी बेहद शानदार रही, उन्होंने 141 गेंदों में 140 रन बनाए थे, जिसमें 17 चौके और 4 छक्के शामिल थे। हेड को आउट करने के बाद सिराज ने अपनी आक्रामकता का प्रदर्शन किया और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने वाले हेड को पवेलियन लौटते समय कुछ कहा।

इस घटना के बाद हेड ने भी सिराज से कुछ शब्दों में प्रतिक्रिया दी, और इस दौरान दोनों के बीच थोड़ी सी गर्मागर्मी देखने को मिली। हालांकि, यह स्थिति कुछ सेकंड के लिए ही बनी रही और उसके बाद दोनों खिलाड़ी मैच में अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि क्रिकेट केवल खेल नहीं है, बल्कि इसमें भावना और प्रतिस्पर्धा की भी गहरी भूमिका होती है।

शास्त्री की रणनीति और भारतीय टीम का आत्मविश्वास

रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में दो बार टेस्ट सीरीज जीतने का ऐतिहासिक काम किया। शास्त्री का मानना था कि भारतीय टीम को आत्मविश्वास और आक्रामकता से भरा होना चाहिए, खासकर जब वह दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रही हो। शास्त्री का कहना था कि भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को अपनी शैली में खेलकर उसे उसी की भाषा में जवाब दिया। उन्होंने बताया कि यह रणनीति उनके कार्यकाल में सफल रही और खिलाड़ियों ने इस मानसिकता को पूरी तरह अपनाया।

निष्कर्ष

मोहम्मद सिराज की आक्रामकता को लेकर रवि शास्त्री का बयान भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है। शास्त्री के अनुसार, सिराज को अपनी आक्रामकता और प्रतिस्पर्धा की भावना को बनाए रखना चाहिए, क्योंकि यही भारतीय क्रिकेट की पहचान है। भारतीय टीम का रवैया हमेशा से ही निडर और लड़ाकू रहा है, और शास्त्री चाहते हैं कि यह रवैया भविष्य में भी जारी रहे। सिराज ने जो किया, वह क्रिकेट के स्वाभाविक हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए, और इसने भारतीय टीम को यह संदेश दिया कि वे हर परिस्थितियों में अपनी कड़ी मेहनत और जुझारूपन से ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।

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