भारत में एआई का बढ़ता उपयोग: नई रिपोर्ट में खुलासे

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परिचय

Increasing use of AI in India: Revelations in new report : आज की डिजिटल दुनिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हाल ही में प्रकाशित माइक्रोसॉफ्ट की ‘ग्लोबल ऑनलाइन सेफ्टी सर्वे’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एआई का उपयोग अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक हो रहा है। यह वैश्विक औसत से दोगुना है। इस रिपोर्ट में भारतीयों की एआई के प्रति बढ़ती रुचि, उपयोग के प्रमुख क्षेत्रों और इससे संबंधित चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है।

भारत में एआई का उपयोग: आंकड़ों पर एक नजर

Increasing use of AI in India: Revelations in new report

रिपोर्ट के अनुसार, 65% भारतीयों ने स्वीकार किया कि वे एआई का उपयोग कर रहे हैं। खासतौर पर, 25 से 44 वर्ष की उम्र के 84% लोग इसका सबसे अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इस अध्ययन में 13 से 17 वर्ष के लगभग 15,000 किशोरों और वयस्कों को शामिल किया गया था।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2023 की तुलना में 2024 में एआई के उपयोग में 26% की वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि भारतीयों के बीच एआई की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।

एआई का प्रमुख उपयोग किसमें किया जा रहा है?

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं। सबसे अधिक अनुवाद (Translation) के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, लोग इसे:

  • किसी प्रश्न का उत्तर खोजने
  • शैक्षिक उद्देश्यों के लिए
  • ऑनलाइन सामग्री बनाने
  • व्यक्तिगत सहायक के रूप में
  • डेटा विश्लेषण एवं व्यवसायिक कार्यों में

प्रयोग कर रहे हैं। खासतौर पर छात्रों और पेशेवरों के लिए एआई एक महत्वपूर्ण उपकरण बन चुका है।

युवाओं में एआई के प्रति बढ़ती रुचि

भारत में 25 से 44 वर्ष के बीच के लोग एआई का सबसे अधिक उपयोग कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि कार्यस्थलों में एआई का उपयोग बढ़ रहा है और पेशेवर लोग इसे अपने दैनिक कार्यों में शामिल कर रहे हैं।

एआई के उपयोग में वृद्धि के कारण

भारत में एआई के बढ़ते उपयोग के पीछे कई कारण हैं:

  1. इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच – भारत में सस्ते डेटा और स्मार्टफोन की अधिकता ने एआई को अधिक सुलभ बना दिया है।
  2. शिक्षा और व्यवसाय में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन – ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल बिजनेस के विस्तार ने एआई टूल्स की मांग को बढ़ाया है।
  3. सरकारी और निजी क्षेत्र द्वारा एआई को अपनाना – भारत सरकार और निजी कंपनियाँ एआई को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे इसके उपयोग में वृद्धि हुई है।
  4. स्टार्टअप और टेक इंडस्ट्री का विकास – भारतीय स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री तेजी से एआई को अपना रही है।

भारत में एआई से संबंधित चिंताएँ

रिपोर्ट में भारत में एआई को लेकर कुछ चिंताओं पर भी प्रकाश डाला गया है। इनमें शामिल हैं:

  1. डीपफेक (Deepfake) और घोटाले – एआई तकनीक का दुरुपयोग कर फर्जी वीडियो और छवि सामग्री बनाई जा रही है।
  2. ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर अपराध – एआई आधारित स्कैम और फर्जी जानकारी फैलाने के मामले बढ़ रहे हैं।
  3. डेटा गोपनीयता (Data Privacy) का मुद्दा – कई लोग एआई टूल्स पर अपनी निजी जानकारी साझा करने को लेकर चिंतित हैं।
  4. एआई मतिभ्रम (AI Hallucination) – कई बार एआई गलत या भ्रामक जानकारी प्रस्तुत कर सकता है, जिससे गलतफहमियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

भारतीय माता-पिता की बढ़ती सतर्कता

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय माता-पिता अब अपने बच्चों की डिजिटल सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी हुई सतर्कता देखी गई है, जो इस बात का संकेत है कि माता-पिता ऑनलाइन खतरों को समझने लगे हैं।

भविष्य में एआई का प्रभाव

आने वाले समय में भारत में एआई का प्रभाव और भी बढ़ सकता है। कुछ संभावित परिवर्तन निम्नलिखित हैं:

  1. शिक्षा क्षेत्र में एआई की भूमिका – स्मार्ट क्लासरूम और व्यक्तिगत शिक्षण सहायक (AI Tutors) अधिक प्रचलित हो सकते हैं।
  2. हेल्थकेयर में सुधार – मेडिकल डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट में एआई आधारित समाधान अधिक प्रभावी होंगे।
  3. नए रोजगार के अवसर – एआई से जुड़े क्षेत्रों में नौकरी के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन इसके साथ ही पारंपरिक नौकरियों पर खतरा भी बढ़ सकता है।
  4. सरकारी नीतियाँ और नियमन – सरकार एआई के सुरक्षित उपयोग के लिए नए नियम और दिशानिर्देश जारी कर सकती है।

निष्कर्ष

भारत में एआई का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है और यह कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हालाँकि, इसके साथ ही नए साइबर खतरों और डेटा सुरक्षा संबंधी मुद्दों को भी गंभीरता से लेना आवश्यक है।

सरकार, टेक कंपनियाँ और उपयोगकर्ता मिलकर एक सुरक्षित और नैतिक एआई वातावरण तैयार कर सकते हैं, जिससे तकनीकी विकास के साथ-साथ ऑनलाइन सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके

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