Green Tea: Can It Reduce the Risk of Heart Disease and Stroke? Know its healthy features : आज के दौर में स्वस्थ जीवनशैली अपनाना हर किसी की प्राथमिकता बन गई है। ऐसे में ग्रीन टी एक ऐसा पेय है, जिसे लोग सेहत के लिए बेहद लाभकारी मानते हैं। यह केवल एक सामान्य चाय नहीं है, बल्कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स इसे सेहत का खजाना बनाते हैं। कई शोधों में यह साबित हुआ है कि ग्रीन टी न केवल वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म सुधारने में सहायक होती है, बल्कि हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम कर सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे ग्रीन टी हमारे दिल को स्वस्थ रखने और स्ट्रोक की संभावना को घटाने में मदद करती है।
Table of Contents
ग्रीन टी और हृदय स्वास्थ्य: क्या कहता है विज्ञान?
शोधकर्ताओं के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन (Catechins) नामक पॉलीफेनोल शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है, जिससे हृदय की धमनियों में सूजन और कोलेस्ट्रॉल जमाव की संभावना कम होती है।
1. ग्रीन टी और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण
ग्रीन टी का नियमित सेवन शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में मदद करता है। LDL कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक बनाने का काम करता है, जिससे ब्लॉकेज की समस्या उत्पन्न होती है और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, HDL कोलेस्ट्रॉल धमनियों को साफ करने में सहायक होता है। एक अध्ययन के मुताबिक, जो लोग नियमित रूप से ग्रीन टी पीते हैं, उनमें हृदय रोग का खतरा लगभग 31% तक कम हो जाता है।
2. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक
हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, हृदय रोगों का एक बड़ा कारण है। ग्रीन टी में मौजूद फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है और हृदय पर पड़ने वाला दबाव घटता है। जापान में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोजाना 2-3 कप ग्रीन टी पीते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप की समस्या 40% तक कम हो जाती है।
3. हृदय धमनियों में ब्लॉकेज रोकने में मददगार
ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हृदय की धमनियों को लचीला बनाए रखते हैं, जिससे उनमें रुकावट नहीं आती। यह एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) नामक बीमारी से बचाव में मदद करता है, जो दिल के दौरे (Heart Attack) और स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण होती है।
क्या ग्रीन टी स्ट्रोक के खतरे को भी कम करती है?
स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। यह आमतौर पर ब्लड क्लॉट (थक्का) या रक्तवाहिकाओं के संकुचित होने के कारण होता है।
1. ग्रीन टी और ब्लड क्लॉट बनने से बचाव
ग्रीन टी में मौजूद एंटीथ्रॉम्बोटिक गुण रक्त के थक्के बनने से रोकने में मदद करते हैं। यह गुण खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं, जिन्हें पहले कभी स्ट्रोक या हार्ट अटैक हो चुका है।
2. ग्रीन टी और ब्रेन हेल्थ
शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्रीन टी में मौजूद L-Theanine नामक अमीनो एसिड दिमाग को सक्रिय रखता है और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (जैसे अल्जाइमर और पार्किंसंस) के खतरे को कम करता है।
3. जापानी अध्ययन के निष्कर्ष
जापान में 46,000 से अधिक लोगों पर किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग रोजाना 4-5 कप ग्रीन टी पीते हैं, उनमें स्ट्रोक का खतरा 62% तक कम हो जाता है। इस अध्ययन में 40 से 79 वर्ष की उम्र के प्रतिभागी शामिल थे, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों थे।
ग्रीन टी के अन्य महत्वपूर्ण लाभ
ग्रीन टी केवल हृदय और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद होती है। इसके अन्य लाभ निम्नलिखित हैं:
✅ वजन घटाने में सहायक: ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, जिससे कैलोरी जल्दी बर्न होती है और वजन कम करने में मदद मिलती है। ✅ ब्लड शुगर नियंत्रण: यह टाइप 2 डायबिटीज़ के खतरे को कम करने में सहायक होती है। ✅ कैंसर से बचाव: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। ✅ इम्यूनिटी बूस्टर: यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और संक्रमण से बचाने में मदद करती है। ✅ त्वचा को निखारने में मददगार: ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को जवां बनाए रखते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं।
ग्रीन टी पीने का सही तरीका
अच्छे परिणाम पाने के लिए ग्रीन टी को सही तरीके से सेवन करना जरूरी है।
➡️ समय: ग्रीन टी को सुबह खाली पेट या भोजन के 30-40 मिनट बाद लेना सबसे अच्छा होता है। ➡️ मात्रा: दिन में 2-3 कप ग्रीन टी पीना लाभदायक होता है, इससे अधिक मात्रा में सेवन करने से एसिडिटी हो सकती है। ➡️ बिना शक्कर: ग्रीन टी को बिना चीनी के पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर आप स्वाद बढ़ाना चाहते हैं तो इसमें शहद और नींबू मिला सकते हैं। ➡️ गर्म पानी लेकिन उबालें नहीं: ग्रीन टी को 80-85 डिग्री सेल्सियस पर बनाना चाहिए। ज्यादा गर्म पानी से इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं।
निष्कर्ष
ग्रीन टी अपने अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के कारण दुनियाभर में लोकप्रिय हो रही है। यह न केवल हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है, बल्कि वजन घटाने, डायबिटीज़ नियंत्रण और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाव करती है। शोध बताते हैं कि अगर इसे नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए, तो हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि, किसी भी चीज़ का अत्यधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए संतुलित मात्रा में ग्रीन टी का सेवन करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।