वीरेंद्र सहवाग की विशेष बातचीत: रोहित शर्मा, भारतीय क्रिकेट और जय शाह पर राय
Virender Sehwag’s exclusive interview: Opinion on Rohit Sharma, Indian cricket and Jay Shah : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग हाल ही में गुरुग्राम में आयोजित अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में सहवाग ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए, जिनमें हरियाणा के खेल क्षेत्र में बदलाव, विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन, रोहित शर्मा द्वारा उनके छक्कों के रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना, और जय शाह के आईसीसी अध्यक्ष बनने से भारतीय क्रिकेट को होने वाले संभावित लाभ शामिल थे। आइए, सहवाग की इस खास बातचीत के मुख्य अंशों पर एक नजर डालते हैं।
हरियाणा के खेल में योगदान और बदलाव
जब सहवाग से हरियाणा में खेल के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने गर्व से कहा कि हरियाणा ने ओलंपिक में पदक लाने के मामले में देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा, “हरियाणा तो ओलंपिक में पदक लाने का गढ़ है। यहां से निकलने वाले खिलाड़ी, चाहे वे पहलवान हों, निशानेबाज हों, या मुक्केबाज, सभी ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य का नाम ऊँचा किया है।” सहवाग ने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों को कई सुविधाएं दी हैं, जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिला है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें क्रिकेट अकादमी खोलने के लिए जमीन मुहैया करवाई, जिससे राज्य के बच्चों को शिक्षा और खेल दोनों का लाभ मिल सके। सहवाग का मानना है कि इन सुविधाओं और समर्थन के कारण ही हरियाणा के खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक में पदक जीतने की दिशा में निरंतर अग्रसर हैं।
विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के प्रदर्शन के बारे में पूछे गए सवाल पर सहवाग ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम एक और स्वर्ण पदक मिस कर गए। यदि 100 ग्राम वजन नहीं बढ़ा होता और सब कुछ ठीक होता, तो हम शायद स्वर्ण पदक जीतने की संभावना देख रहे होते।” सहवाग ने इस बात पर जोर दिया कि खिलाड़ी की मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। विनेश फोगाट ने पिछले चार वर्षों में कड़ी मेहनत की थी, जिसे लोग नहीं देख रहे हैं। सहवाग का मानना है कि चाहे पदक मिले या न मिले, विनेश फोगाट भारतीय खेल प्रेमियों के लिए हमेशा हीरो रहेंगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि विनेश भविष्य की प्रतियोगिताओं में अपनी मेहनत से भारत के लिए पदक जीतेंगी।
रोहित शर्मा का छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना
सहवाग से जब उनके 90 छक्कों के टेस्ट क्रिकेट रिकॉर्ड के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “मैं तो चाहूंगा कि पहले ही मैच में रोहित मेरे 90 छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ दें। रिकॉर्ड तो बनते ही टूटने के लिए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि उन्हें खुद इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में इतने छक्के मारे हैं। उन्होंने रोहित शर्मा की तारीफ की और कहा कि यदि रोहित उनका रिकॉर्ड तोड़ते हैं, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व की बात होगी। सहवाग ने मजाकिया लहजे में कहा कि शायद आने वाले समय में ऋषभ पंत यह रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। यह दर्शाता है कि सहवाग अपने रिकॉर्ड को लेकर सहज हैं और नए खिलाड़ियों को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं।
जय शाह के आईसीसी अध्यक्ष बनने पर राय
जय शाह के आईसीसी अध्यक्ष बनने और बीसीसीआई में उनके योगदान पर बात करते हुए सहवाग ने कहा, “जय शाह के आने से हमें यह फायदा हुआ कि टीवी प्रसारण अधिकारों में वृद्धि हुई, जिससे बीसीसीआई का राजस्व भी बढ़ा।” उन्होंने यह भी कहा कि शाह के कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट ने टी20 विश्व कप और कई सीरीज जीती हैं, जो कि एक सकारात्मक संकेत है। सहवाग ने यह भी बताया कि जय शाह प्रो खिलाड़ी हैं, और यदि किसी खिलाड़ी को कोई समस्या होती है, तो शाह सबसे पहले उनकी मदद के लिए खड़े होते हैं। यह बताता है कि जय शाह खिलाड़ियों का सम्मान करते हैं और उनके हितों का ध्यान रखते हैं। सहवाग ने इस बात पर जोर दिया कि जय शाह के बाद जो भी बीसीसीआई में आएगा, उसे भारतीय क्रिकेट को और आगे ले जाने और युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
सहवाग की इस बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि वे न केवल एक महान खिलाड़ी हैं, बल्कि एक दूरदर्शी व्यक्ति भी हैं, जो भारतीय क्रिकेट और खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। उन्होंने हरियाणा के खेल के क्षेत्र में हो रहे बदलावों, विनेश फोगाट के प्रदर्शन, रोहित शर्मा के छक्कों के रिकॉर्ड को लेकर अपनी स्पष्ट राय रखी। साथ ही, जय शाह के आईसीसी अध्यक्ष बनने के संभावित फायदों पर भी चर्चा की। सहवाग का यह दृष्टिकोण बताता है कि वे भारतीय क्रिकेट के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को लेकर कितने गंभीर हैं। उनके विचार और सुझाव भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।