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स्पेस डे: इसरो के वैज्ञानिकों ने पीएम मोदी के साथ हुई बातचीत को किया याद, चंद्रयान मिशन से जुड़े रोचक अनुभव साझा किए

Space Day: ISRO veteran recalls conversation with Modi : आज देश अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है, और इस ऐतिहासिक दिन को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के साथ जोड़ा जा रहा है। इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने अनुभवों को साझा किया, जब उन्होंने चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 मिशनों के दौरान पीएम से मुलाकात की थी। 

पीएम मोदी की उपस्थिति से बढ़ा उत्साह

इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक आरुषि सेठ ने मंगलयान और चंद्रयान मिशन के दौरान पीएम मोदी के साथ हुई बातचीत को याद किया। उन्होंने बताया कि जब मंगलयान मंगल की कक्षा में प्रवेश कर रहा था और चंद्रयान-3 की लैंडिंग हो रही थी, तब प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने वैज्ञानिकों के उत्साह को और बढ़ा दिया था। “प्रधानमंत्री के हमारे साथ जुड़ने से हमें बहुत प्रेरणा मिली,” सेठ ने कहा। जब मिशन सफल हुआ, तो पीएम ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की और उनका उत्साहवर्धन किया।

पीएम मोदी की अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि

सेठ ने यह भी बताया कि पीएम मोदी की अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि उनके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते समय से ही थी। उन्होंने अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र का दौरा किया था, जहां से उनकी अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि और गहरी हो गई। प्रधानमंत्री ने इसरो के वैज्ञानिकों को अपनी इस यात्रा के अनुभवों को भी साझा किया और बताया कि कैसे वह अंतरिक्ष अनुसंधान में रुचि रखते हैं।

चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग

Space Day: ISRO veteran recalls conversation with Modi

इसरो की एक और वरिष्ठ वैज्ञानिक, पवित्रा शिंदे, ने चंद्रयान-3 मिशन के लैंडिंग के पल को याद किया। उन्होंने कहा, “लैंडिंग का समय सबसे ऐतिहासिक था। मैं पहली लाइन में बैठी थी और हमारे डॉप्लर्स पर नजर रख रही थी। जैसे ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह को छुआ, हमारे प्रमुख ने इसकी सफलता की घोषणा की। उसके बाद पीएम मोदी के साथ वर्चुअल बातचीत हुई, जो कि बेहद आनंदमय पल था।”

पीएम मोदी का सराहना और समर्थन

शिंदे ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री ने मिशन की सफलता पर पूरे इसरो समुदाय की सराहना की और तीन दिन बाद बंगलूरू आकर वैज्ञानिकों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने उन महिला वैज्ञानिकों में से एक होने का गर्व महसूस किया, जिन्होंने पीएम मोदी के साथ चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर बातचीत की। पीएम ने इस उपलब्धि को “अंगद के पैर जमाना” के रूप में वर्णित किया और इसके महत्व को बताया।

यह दिन इसरो और भारत के लिए गर्व का दिन है, जब पूरे देश ने इसरो के वैज्ञानिकों के समर्पण और मेहनत को सराहा और सम्मानित किया। स्पेस डे के इस मौके पर, यह यादें और भी खास हो जाती हैं, जब देश ने चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाया और इसे दुनिया के सामने एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।

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