SIM card rules: DoT’s strict warning, violation will attract fine up to Rs 50 lakh : भारत में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अपराधी फर्जी सिम कार्ड, एसएमएस हेडर और अन्य दूरसंचार संसाधनों का उपयोग कर मासूम जनता को ठग रहे हैं। इस खतरे को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम अधिनियम, 2023 के तहत नए नियम लागू किए हैं।
अब यदि कोई फर्जी सिम कार्ड प्राप्त करता है, किसी अन्य को उपयोग के लिए देता है, या धोखाधड़ी के उद्देश्य से टेलीकॉम संसाधनों का दुरुपयोग करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
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भारत में साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामले

हाल के वर्षों में साइबर क्राइम और ऑनलाइन धोखाधड़ी में तेज़ी आई है। साइबर अपराधी फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिम कार्ड प्राप्त कर, लोगों को ठगने के लिए स्पैम कॉल्स और फर्जी एसएमएस भेज रहे हैं।
➡️ मुख्य धोखाधड़ी के तरीके:
✔️ फर्जी दस्तावेजों से सिम कार्ड लेना
✔️ दूसरों के नाम पर सिम कार्ड लेकर अपराध में इस्तेमाल करना
✔️ फर्जी एसएमएस हेडर से लोगों को गुमराह करना
✔️ आईपी एड्रेस और आईएमईआई नंबर बदलकर धोखाधड़ी करना
DoT ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सके।
कैसे होती है सिम कार्ड धोखाधड़ी?
➡️ 1. फर्जी दस्तावेजों का उपयोग:
अपराधी आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य आईडी प्रूफ की नकल कर सिम कार्ड जारी करवा लेते हैं और फिर इनका उपयोग ठगी में करते हैं।
➡️ 2. दूसरों के नाम पर सिम कार्ड लेना:
कई लोग अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदकर किसी और को उपयोग के लिए दे देते हैं, जो कि गैर-कानूनी है।
➡️ 3. प्वाइंट ऑफ सेल (POS) की संलिप्तता:
कुछ सिम कार्ड विक्रय केंद्र (POS) जानबूझकर या अनजाने में अपराधियों को सिम कार्ड जारी कर देते हैं, जिससे वे भी अपराध में भागीदार बन जाते हैं।
➡️ 4. एसएमएस हेडर और आईएमईआई नंबर में बदलाव:
अपराधी आईपी एड्रेस और IMEI नंबर में बदलाव कर, बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों के नाम से फर्जी संदेश भेजते हैं, जिससे लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।

DoT की सख्त चेतावनी
दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस बढ़ती समस्या को रोकने के लिए टेलीकम्युनिकेशन अधिनियम, 2023 के तहत सख्त नियम लागू किए हैं।
📢 ➡️ टेलीकॉम नियमों के मुख्य बिंदु:
✔️ धारा 42 (3) (c): टेलीकॉम पहचान में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ प्रतिबंधित है।
✔️ धारा 42 (3) (e): कोई भी व्यक्ति धोखाधड़ी के माध्यम से सिम कार्ड या दूरसंचार पहचान प्राप्त नहीं कर सकता।
✔️ धारा 42 (7): यह अपराध गंभीर (नॉन-बेलेबल) माना गया है और इसे आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत दंडनीय बनाया गया है।
🚨 यदि कोई व्यक्ति सिम कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी में पकड़ा जाता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
अगर आप गलती से किसी को सिम कार्ड दे दें तो क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदकर किसी अन्य को दे देता है, और वह व्यक्ति साइबर अपराध में शामिल पाया जाता है, तो असली सिम कार्ड धारक भी कानूनी कार्यवाही का सामना कर सकता है।
DoT ने लोगों को सख्त चेतावनी दी है कि वे अपने नाम से लिए गए सिम कार्ड को किसी अन्य को उपयोग के लिए न दें।
कैसे बचें सिम कार्ड धोखाधड़ी से?
✅ 1. किसी अनजान व्यक्ति को अपना सिम कार्ड न दें:
अपने नाम पर जारी किए गए सिम कार्ड को दूसरों को उपयोग के लिए देना अवैध है।
✅ 2. केवल अधिकृत विक्रेताओं से सिम कार्ड खरीदें:
सिम कार्ड खरीदते समय किसी भी अनाधिकृत दुकान या एजेंट से बचें और केवल अधिकृत टेलीकॉम स्टोर से ही खरीदें।
✅ 3. अपने दस्तावेज़ों की सुरक्षा करें:
आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि को सावधानीपूर्वक संभालें ताकि कोई इनका गलत इस्तेमाल न कर सके।
✅ 4. स्पैम कॉल और एसएमएस से सावधान रहें:
अगर आपको किसी अनजान नंबर से कॉल या एसएमएस आता है जो बैंक, इनकम टैक्स या अन्य किसी संस्था के नाम से फर्जी ऑफर देता है, तो उस पर भरोसा न करें।
✅ 5. टेलीकॉम कंपनियों की हेल्पलाइन पर शिकायत करें:
अगर आपको लगता है कि आपके नाम पर फर्जी सिम कार्ड लिया गया है या कोई संदिग्ध गतिविधि हो रही है, तो तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
भारत में साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए, दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग पर सख्त नियम लागू किए हैं।
📌 यदि कोई फर्जी दस्तावेजों से सिम कार्ड लेता है, किसी अन्य को उपयोग के लिए देता है या धोखाधड़ी के उद्देश्य से एसएमएस हेडर और IMEI नंबर में बदलाव करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
🚨 अब समय आ गया है कि हम सतर्क रहें और साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बचें।
🔹 क्या आपको लगता है कि ये नए नियम साइबर धोखाधड़ी को रोकने में प्रभावी होंगे? नीचे कमेंट में अपनी राय बताएं! ⬇️