राजनीति: Rahul Gandhi का केंद्र सरकार पर तीखा हमला, कहा- UPSC से सीधी भर्ती दलित, ओबीसी और आदिवासियों के अधिकारों पर सीधा प्रहार
भाजपा के रामराज्य की विकृति और आरक्षण पर खतरा
Rahul Gandhi ने हाल ही में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का तथाकथित रामराज्य संविधान को नष्ट करने और बहुजन समुदायों से आरक्षण छीनने का प्रयास है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से यह संदेश दिया कि भाजपा का यह कदम संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और दलित, ओबीसी, और आदिवासी समुदायों के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रहा है।
UPSC से सीधी भर्ती पर Rahul Gandhi की चिंता
Rahul Gandhi ने UPSC से सीधी भर्ती के मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए इसे दलित, ओबीसी, और आदिवासी समुदायों पर हमला बताया। उन्होंने प्रशासनिक सुधार आयोग के माध्यम से इस नीति को जनविरोधी करार दिया और आरोप लगाया कि यह भर्ती प्रक्रिया संविधान के खिलाफ है। Rahul Gandhi ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा का यह कदम संविधान को बदलने की साजिश है और आरक्षण को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
केंद्र सरकार के कदमों पर आलोचना
रविवार को भी Rahul Gandhi ने एक्स पर एक और पोस्ट के माध्यम से नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के माध्यम से लोकसेवकों की भर्ती कर मोदी सरकार संविधान पर सीधा हमला कर रही है। विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों का आरक्षण खुलकर छीना जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री का पलटवार
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पलटवार करते हुए कहा कि सीधी भर्ती को लेकर पहला प्रयास यूपीए सरकार ने किया था। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सुधार आयोग को 2005 में यूपीए सरकार ने ही विकसित किया था। वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने इस आयोग की अध्यक्षता की थी और इसका उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक प्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक अनुकूल बनाना था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी UPSC से सीधी भर्ती को लेकर भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान को बदलने के लिए आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। खरगे ने आरोप लगाया कि सीधी भर्ती के प्रावधान संविधान पर हमला है और यह भाजपा का संविधान बदलने का चक्रव्यूह है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने सरकारी महकमों में रिक्तियां भरने के बजाय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचकर 5.1 लाख पद खत्म कर दिए हैं।
आरक्षित वर्गों के अधिकारों पर खतरा
खरगे ने कहा कि अनुबंधित भर्ती में 91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और एससी, एसटी, और ओबीसी वर्ग के पदों में 1.3 लाख की कमी आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने सीधी भर्ती के प्रावधान का उपयोग दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को छीनने के लिए किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षित वर्गों के पद अब आरएसएस के लोगों को दिए जा रहे हैं, जो संविधान के सिद्धांतों के विपरीत है।
निष्कर्ष
Rahul Gandhi और मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा सरकार पर सीधी भर्ती के माध्यम से संविधान और आरक्षण पर हमला करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह कदम भारतीय संविधान की मूल भावनाओं और आरक्षित वर्गों के अधिकारों के खिलाफ है। वहीं, भाजपा ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए बताया कि यह प्रक्रिया यूपीए सरकार के दौरान ही शुरू की गई थी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा विवाद का कारण बन सकता है।