Boxing Day Test: Nitish Reddy became India’s new discovery, won everyone’s heart with his brilliant performance. : मेलबर्न में जारी बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम को एक नया सितारा मिला है। 21 वर्षीय नीतीश रेड्डी ने अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय टेस्ट करियर में अपनी छाप छोड़ दी है। उन्होंने मेलबर्न टेस्ट में अपनी पहली अर्धशतकीय पारी खेली और शानदार बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया। नीतीश ने सिर्फ बल्ले से ही नहीं, बल्कि गेंदबाजी में भी अपनी उपयोगिता साबित की है। आइए, नीतीश रेड्डी के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन और उनकी कहानी को विस्तार से जानते हैं।
मेलबर्न टेस्ट में ऐतिहासिक अर्धशतक
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नीतीश रेड्डी ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में 81 गेंदों में अपना पहला अर्धशतक जड़ा। जब भारत का स्कोर छह विकेट पर 191 रन था, तो टीम पर फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए नीतीश ने संयम और आक्रामकता का अनोखा मिश्रण दिखाया। उन्होंने अपनी पारी से भारत को न केवल फॉलोऑन से बचाया, बल्कि टीम को 275 रन तक पहुंचाकर मुश्किल स्थिति से निकाला।
नीतीश की बल्लेबाजी का मुख्य आकर्षण उनकी तकनीक थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पिच की उछाल और पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाजों का डटकर सामना किया। नीतीश की इस पारी ने साबित कर दिया कि वह भविष्य में भारतीय बल्लेबाजी क्रम का अहम हिस्सा बन सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में उभरते सितारे
नीतीश रेड्डी ने इस सीरीज में अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया है। उन्होंने न केवल मेलबर्न टेस्ट में बल्कि पूरी सीरीज में निरंतरता दिखाई है।
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- पहले टेस्ट: उन्होंने 41 और 38* रन बनाए।
- दूसरे टेस्ट (एडिलेड): दोनों पारियों में 42-42 रन बनाए।
- तीसरे टेस्ट (गाबा): पहली पारी में 16 रन बनाए।
- मेलबर्न टेस्ट: पहला अर्धशतक जड़ा और अब तक चार मैचों में 264 रन बना चुके हैं।
यह प्रदर्शन न केवल उनकी प्रतिभा को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वह दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं।
ऑलराउंडर के रूप में उभरते हुए
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भारतीय टीम लंबे समय से एक ऐसे ऑलराउंडर की तलाश में थी जो टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में योगदान दे सके। नीतीश रेड्डी ने अपने प्रदर्शन से उम्मीदें जगाई हैं कि वह हार्दिक पांड्या की कमी को पूरा कर सकते हैं।
नीतीश ने न केवल बल्लेबाजी में बल्कि गेंदबाजी में भी प्रभाव छोड़ा है। उन्होंने इस टेस्ट में तीन विकेट लिए और गेंद के साथ भी अपनी उपयोगिता साबित की। उनके इस प्रदर्शन ने भारत को एक बेहतरीन तेज गेंदबाज ऑलराउंडर मिलने की संभावना को मजबूत किया है।
तकनीक और मानसिक मजबूती
नीतीश रेड्डी की तकनीक तेज गेंदबाजों और स्पिनर्स दोनों के खिलाफ सॉलिड रही है। ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर उनकी बल्लेबाजी ने सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने न केवल शॉर्ट गेंदों का सामना किया, बल्कि शरीर पर गेंद लगने के बावजूद हार नहीं मानी।
उनका जश्न भी चर्चा में रहा, जिसमें उन्होंने अर्धशतक लगाने के बाद ‘पुष्पा’ फिल्म के अल्लू अर्जुन का मशहूर डायलॉग ‘झुकेगा नहीं’ की स्टाइल में जश्न मनाया। यह जश्न उनके आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को दिखाता है।
रिकॉर्ड और उपलब्धियां
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नीतीश रेड्डी ने अपने छोटे से करियर में कई रिकॉर्ड बना लिए हैं:
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में आठ छक्के लगाने वाले पहले भारतीय:
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में तेज गेंदबाजों के खिलाफ शानदार आक्रमणकारी खेल दिखाया। - नंबर सात या उससे नीचे बल्लेबाजी करने वाले शीर्ष भारतीय खिलाड़ी:
वह ऋषभ पंत और सैयद किरमानी के बाद एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।
प्रेरणादायक कहानी
नीतीश रेड्डी की यात्रा आसान नहीं रही है। एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले नीतीश के लिए क्रिकेट शुरू में सिर्फ एक मजे का साधन था। लेकिन जब उन्होंने अपने पिता को आर्थिक तंगी और संघर्ष करते देखा, तो उन्होंने खुद को बदलने का फैसला किया।
नीतीश ने बीसीसीआई के साथ एक इंटरव्यू में कहा:
“मैं क्रिकेट के प्रति शुरू में गंभीर नहीं था। मेरे पिता ने मेरे लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। उनकी आंखों में संघर्ष और त्याग देखकर मुझे एहसास हुआ कि मुझे जिम्मेदारी लेनी होगी। मैंने तब से कड़ी मेहनत शुरू की और यह मेरी सफलता की शुरुआत थी।”
उनके इस संघर्ष ने उन्हें क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित किया। आज उनकी सफलता का श्रेय उनके पिता के बलिदान और उनकी खुद की मेहनत को जाता है।
भविष्य की उम्मीद
नीतीश रेड्डी का प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आया है। जहां विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं नीतीश ने अपनी बल्लेबाजी से टीम को संभाला है।
उनके मौजूदा प्रदर्शन को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह भारतीय टीम के भविष्य के सितारे हैं। अगर वह इसी तरह से प्रदर्शन करते रहे, तो वह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकते हैं।
निष्कर्ष
नीतीश रेड्डी का प्रदर्शन यह दिखाता है कि कैसे मेहनत और दृढ़ संकल्प से एक खिलाड़ी किसी भी चुनौती को पार कर सकता है। उन्होंने अपनी तकनीक, मानसिक मजबूती और परिपक्वता से सभी को प्रभावित किया है।
भारतीय टीम को अब ऐसा खिलाड़ी मिल गया है, जो न केवल बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान दे सकता है, बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी टीम का सहारा बन सकता है। नीतीश रेड्डी की यह कहानी हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है कि अगर आप कड़ी मेहनत और लगन से कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है।
नीतीश रेड्डी ने मेलबर्न में जो किया, वह केवल एक शुरुआत है। आने वाले समय में वह भारतीय क्रिकेट को और भी ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।