Misuse of Generative AI by hackers: Malware code being prepared in minutes

हैकर्स द्वारा जेनरेटिव AI का दुरुपयोग: मिनटों में तैयार हो रहा मैलवेयर कोड, बढ़ते खतरों का खुलासा

Misuse of Generative AI by hackers: Malware code being prepared in minutes, increasing threats revealed : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की प्रगति के साथ-साथ तकनीक के दुरुपयोग के भी नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। जेनरेटिव AI, जो शुरुआत में कोडिंग और रचनात्मक कार्यों के लिए एक अद्वितीय उपकरण के रूप में देखा गया था, अब साइबर अपराधियों के हाथों में एक ताकतवर हथियार बन गया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि हैकर्स जेनरेटिव AI का उपयोग कर बेहद कम समय में सैकड़ों लाइनों का कोड लिखकर मैलवेयर बना रहे हैं और इसे दुनिया भर में साइबर हमलों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

जेनरेटिव AI: दोधारी तलवार

AI के विभिन्न उपयोगों में से जेनरेटिव AI का विशेष स्थान है, क्योंकि यह इंसानी दखल के बिना न केवल कोड लिख सकता है, बल्कि तस्वीरें, ऑडियो और वीडियो जैसी रचनाएं भी कर सकता है। इसका इस्तेमाल जहां रचनात्मक कार्यों, जैसे कि कंटेंट निर्माण, वेब डिजाइनिंग, और एप्लिकेशन डेवलपमेंट के लिए किया जा रहा है, वहीं अब साइबर क्राइम में भी इसका दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, जेनरेटिव AI का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोडिंग और प्रोग्रामिंग में हो रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हैकर्स जेनरेटिव AI का प्रयोग करके बेहद कम समय में जटिल और शक्तिशाली मैलवेयर कोड बना रहे हैं, जो साइबर हमलों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, पहले जहां मैलवेयर लिखने में घंटों या दिनों का समय लगता था, वहीं अब AI की मदद से इसे कुछ ही मिनटों में तैयार किया जा सकता है।

रिपोर्ट का खुलासा: फ्रेंच भाषी लोगों पर निशाना

हालिया रिपोर्ट में फ्रेंच बोलने वाले उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाते हुए एक दुर्भावनापूर्ण (मालिसियस) अभियान का पर्दाफाश किया गया है। इस अभियान के तहत, हैकर्स ने फ्रेंच भाषी लोगों की डिवाइसों में AsyncRAT नामक मैलवेयर डाला, जो उनकी स्क्रीन को एक्सेस करने, कीस्ट्रोक्स रिकॉर्ड करने, और संवेदनशील जानकारी चुराने में सक्षम था। इस मैलवेयर को VBScript और JavaScript प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखा गया था, और इसे जेनरेटिव AI की मदद से तैयार किया गया था।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मैलवेयर की संरचना बहुत ही जटिल और उन्नत थी। इसके कोड में हर पंक्ति को विस्तार से समझाने वाली टिप्पणियां लिखी गई थीं, ताकि इसे समझना और छिपाना आसान हो सके। इसके अलावा, इसमें उपयोग किए गए फंक्शन नाम और वेरिएबल्स स्थानीय भाषा में थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसे बेहद बारीकी से तैयार किया गया था।

AsyncRAT: खतरनाक मैलवेयर

AsyncRAT मैलवेयर खासकर इसलिए खतरनाक है, क्योंकि यह न केवल उपयोगकर्ता की स्क्रीन पर नजर रखता है, बल्कि उनके द्वारा टाइप किए गए कीस्ट्रोक्स को भी रिकॉर्ड करता है। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता की गोपनीय जानकारियां, जैसे कि पासवर्ड, बैंकिंग डिटेल्स, और अन्य व्यक्तिगत जानकारी आसानी से चोरी हो सकती हैं। इससे उपयोगकर्ताओं को भारी आर्थिक और व्यक्तिगत नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

जेनरेटिव AI का दुरुपयोग: बढ़ती चिंताएं

जेनरेटिव AI का प्रयोग अब उन लोगों के हाथों में भी पहुंच गया है, जिनके इरादे सही नहीं हैं। AI की इस शक्ति का इस्तेमाल अब न केवल डेटा चोरी के लिए किया जा रहा है, बल्कि मैलवेयर निर्माण और साइबर हमलों को अंजाम देने के लिए भी किया जा रहा है। साइबर अपराधी अब इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, और इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि इसे बड़े पैमाने पर तैनात किया जा सकता है।

रिपोर्ट बताती है कि जेनरेटिव AI की मदद से बनाए गए मैलवेयर में से कई ऐसे हैं, जिन्हें आसानी से पारंपरिक एंटीवायरस और साइबर सुरक्षा सिस्टमों से नहीं पहचाना जा सकता। AI द्वारा निर्मित कोड में ऐसी जटिलताएं होती हैं, जिन्हें समझना और उनका पता लगाना मुश्किल होता है। इससे साइबर अपराधियों को बिना पकड़े हुए सिस्टम में सेंध लगाने का मौका मिल जाता है।

AI आधारित साइबर हमलों का भविष्य

जेनरेटिव AI का दुरुपयोग इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाले समय में साइबर सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां और भी कठिन होने वाली हैं। AI की सहायता से हैकर्स ऐसे साइबर हमले कर सकते हैं, जो न केवल जटिल होंगे, बल्कि उन पर नजर रखना भी मुश्किल होगा। AI आधारित हमलों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें तेजी से तैयार किया जा सकता है, और इनमें इंसानी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती।

इसके अलावा, इन हमलों को इतने सटीक तरीके से डिजाइन किया जा सकता है कि वे किसी विशेष क्षेत्र या भाषा को भी टारगेट कर सकते हैं, जैसा कि फ्रेंच भाषी लोगों पर हुए हमले से स्पष्ट होता है। जेनरेटिव AI का उपयोग करके हैकर्स अब स्थानीय भाषाओं, फंक्शन नामों और वेरिएबल्स को अपने कोड में इस तरह से शामिल कर रहे हैं, जिससे यह कोड और भी कठिन और जटिल हो जाता है।

साइबर सुरक्षा की नई चुनौतियां

AI आधारित हमलों की यह नई लहर साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ी चुनौतियां पैदा कर रही है। पारंपरिक साइबर सुरक्षा प्रणाली अब इन जटिल कोड को पकड़ने में सक्षम नहीं रह गई हैं, और नए सुरक्षा समाधानों की आवश्यकता महसूस हो रही है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को अब AI के जरिए होने वाले हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए उन्नत उपकरण और तकनीकें विकसित करनी होंगी।

साइबर सुरक्षा संगठनों को भी जेनरेटिव AI के विकास पर नजर रखनी होगी, ताकि वे इस तकनीक के दुरुपयोग को रोक सकें। इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, जिसमें विभिन्न देशों के साइबर सुरक्षा संगठन मिलकर काम करें और ऐसी नीतियां विकसित करें, जो इस प्रकार के हमलों को रोकने में मददगार साबित हों।

निष्कर्ष

जेनरेटिव AI ने जहां तकनीक की दुनिया में नए आयाम खोले हैं, वहीं इसके दुरुपयोग ने गंभीर चिंताएं भी पैदा कर दी हैं। हैकर्स अब AI की मदद से जटिल मैलवेयर कोड तैयार कर रहे हैं और उन्हें साइबर हमलों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इस नई चुनौती से निपटने के लिए हमें न केवल उन्नत साइबर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है, बल्कि जेनरेटिव AI के विकास और उसके उपयोग पर भी सख्त निगरानी की जरूरत है।

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