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MahaKumbha 2025: आखिरी दौर में बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सभी ट्रेनें फुल, मुरादाबाद जेल में 700 बंदियों ने किया संगम स्नान

MahaKumbha 2025: Crowd of devotees increased in the last round, all trains full, 700 prisoners took Sangam bath in Moradabad jail : महाकुंभ 2025 के समापन की तिथि नज़दीक आते ही श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज में उमड़ पड़ी है। लाखों लोग पुण्य अर्जित करने के लिए संगम तट पर डुबकी लगाने पहुँच रहे हैं। इस बढ़ती भीड़ के कारण ट्रेनों में भारी भीड़ देखी जा रही है, वहीं रेलवे भीड़ को नियंत्रित करने और अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की व्यवस्था में जुटा हुआ है। इसी बीच, मुरादाबाद जिला जेल में 700 से अधिक बंदियों ने भी संगम के पवित्र जल से स्नान किया और हर-हर महादेव के जयकारे लगाए।


प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़, सीट पाने के लिए मची मारामारी

महाकुंभ के अंतिम दौर में प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में ज़बरदस्त भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु सीट पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिससे रेलवे स्टेशनों पर अफरा-तफरी का माहौल है।

  • शुक्रवार को नौचंदी, लिंक और संगम एक्सप्रेस समेत सभी प्रमुख ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई थीं।
  • स्पेशल ट्रेनों में भी कोई सीट खाली नहीं बची।
  • यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे 26 फरवरी तक अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों के संचालन पर विचार कर रहा है।

स्टेशनों पर यात्रियों की स्थिति

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  • जनरल डिब्बों में जितने यात्री बैठे थे, उससे ज्यादा यात्री खड़े थे।
  • ट्रेन की गैलरी और टॉयलेट के पास भी लोग बैठे नजर आए।
  • सीधी ट्रेन नहीं मिलने पर यात्री लखनऊ रूट की ट्रेनों में चढ़ रहे हैं, जिससे बेगमपुरा, श्रमजीवी, काशी विश्वनाथ, सप्तक्रांति एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी जबरदस्त भीड़ हो गई।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, मुरादाबाद से प्रतिदिन 10,000 से अधिक यात्री जनरल टिकट पर यात्रा कर रहे हैं, जबकि 3,000 यात्री आरक्षित टिकट के जरिए सफर कर रहे हैं।


रेलवे की विशेष व्यवस्था: प्रयागराज के लिए चलेंगी और स्पेशल ट्रेनें

रेलवे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रेनें चला रहा है।

  • 26 फरवरी तक प्रयागराज जाने के लिए कुल 11 ट्रेनें उपलब्ध हैं।
  • इनमें 6 नियमित ट्रेनें और 5 स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं।
  • नियमित ट्रेनों में पहले से कोई सीट खाली नहीं है, जबकि कुछ स्पेशल ट्रेनों में ही जगह बची है।

रेलवे अधिकारी आदित्य गुप्ता ने बताया कि भीड़ को देखते हुए प्रयागराज और फाफामऊ से वापसी के लिए भी अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं।


मुरादाबाद जेल में 700 बंदियों ने किया संगम स्नान, गूँजा हर-हर महादेव

महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर मुरादाबाद जिला जेल में भी श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखने को मिला। 700 से अधिक बंदियों ने संगम के पवित्र जल से स्नान किया और भगवान शिव की स्तुति की।

कैसे हुआ आयोजन?

  • जेल प्रशासन को प्रयागराज से तीन गैलन संगम का जल प्राप्त हुआ था।
  • जेल परिसर में स्नान के लिए विशेष कुंड बनाया गया, जिसमें संगम का जल मिलाया गया।
  • जेल अधीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ लखनऊ जेल से कारागार मंत्री दारा सिंह ने किया।

बंदियों में दिखी विशेष श्रद्धा

  • जेल में कुल 2200 बंदी हैं, जिनमें से लगभग 50% हिंदू हैं।
  • 700 से अधिक बंदियों ने श्रद्धा पूर्वक स्नान किया और पूजा-अर्चना की।
  • स्नान के बाद बंदियों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए, जिससे पूरा जेल परिसर भक्तिमय हो गया।

प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए बंदियों के लिए इस विशेष व्यवस्था को लागू किया था, ताकि वे भी पुण्य लाभ प्राप्त कर सकें।


महाकुंभ 2025: संगम स्नान का महत्व

महाकुंभ में संगम स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती) में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • स्कंद पुराण और पद्म पुराण में महाकुंभ स्नान की महिमा का वर्णन किया गया है।
  • हजारों साधु-संत और श्रद्धालु मोक्ष प्राप्ति के लिए संगम में डुबकी लगाते हैं।
  • महाकुंभ में 108 बार स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है।

महाकुंभ 2025: भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था

प्रयागराज में लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं।

  • पूरे कुंभ क्षेत्र में CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
  • सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई है।
  • भीड़ नियंत्रण के लिए ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है।

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में सीटों के लिए होड़ मची हुई है, जिससे रेलवे को अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की योजना बनानी पड़ी है।

वहीं, महाकुंभ के धार्मिक महत्व को समझते हुए मुरादाबाद जेल में भी 700 से अधिक बंदियों ने संगम स्नान किया और भक्ति में लीन हो गए।

महाकुंभ न केवल आस्था और श्रद्धा का संगम है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक शांति का भी प्रतीक है। अब जब महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, तो यह देखना रोचक होगा कि अगले कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ और रेलवे की व्यवस्थाएँ किस प्रकार संतुलित रहेंगी।

आपका अनुभव कैसा रहा?

क्या आपने महाकुंभ में संगम स्नान किया? अगर हां, तो हमें अपने अनुभव कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएं! 🚩

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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