महाकुंभ 2025 का आयोजन अपने चरम पर है, जहाँ लाखों श्रद्धालु संगम के पावन जल में स्नान कर रहे हैं। इसी बीच एक नाम विशेष रूप से चर्चा में है—डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर दास। ये एक ऐसे संत हैं, जो आध्यात्मिक संदेशों को डिजिटल माध्यमों के ज़रिए जन-जन तक पहुँचाने में लगे हुए हैं। उनके हाथ में ट्राइपॉड, कैमरा और वायरलेस माइक रहता है, जिससे वे कुंभ के हर पल को सोशल मीडिया पर लाइव साझा कर रहे हैं।
डिजिटल बाबा: गोरखपुर से आध्यात्म की राह तक का सफर
गोरखपुर में जन्मे डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर दास का वास्तविक नाम राम प्रकाश भट्ट है। इन्होंने बी.कॉम तक की पढ़ाई पूरी की और फिर वर्ष 2008 में अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से दीक्षा प्राप्त कर संन्यास मार्ग अपना लिया। तब से ये आध्यात्मिक साधना में लीन हैं और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित हैं।
इनके आध्यात्मिक अध्ययन की यात्रा बेहद रोचक रही है। इन्होंने भारत के प्रतिष्ठित गुरुकुलों में जाकर शास्त्रों, वेदों और उपनिषदों का गहन अध्ययन किया। प्रमुख गुरुकुलों में शामिल हैं:
- वानप्रस्थ साधक ग्राम आश्रम, साबरकांठा, गुजरात
- कलवा गुरुकुल, जींद, हरियाणा
- संदीपनी हिमालय गुरुकुल, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
- बिहार स्कूल ऑफ योग, रिखियापीठ, देवघर, झारखंड
- कैवल्यधाम योग संस्थान, लोनावला, महाराष्ट्र
इसके अलावा, इन्होंने खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से संगीत की शिक्षा भी ग्रहण की है।
कुंभ में डिजिटल बाबा का नया अंदाज
डिजिटल बाबा ने सनातन धर्म के प्रचार के लिए डिजिटल युग का भरपूर उपयोग किया है। प्रयागराज के कुंभ मेले में वे श्रद्धालुओं और साधु-संतों से संवाद कर उनकी बातचीत को सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित कर रहे हैं।
- वे ट्राइपॉड और कैमरा लेकर मेले के विभिन्न हिस्सों में घूमते हैं।
- श्रद्धालुओं और संतो से सीधे बातचीत कर आध्यात्मिक ज्ञान को सरल भाषा में समझाते हैं।
- फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुंभ के अद्भुत अनुभव साझा कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर डिजिटल बाबा की धूम
डिजिटल बाबा के फेसबुक पेज पर 3.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, और उनकी पोस्ट्स को हजारों लोग पसंद और साझा करते हैं। वे नियमित रूप से:
- धार्मिक प्रवचन
- सनातन धर्म से जुड़े विचार
- श्रीमद्भागवत कथा और वेदांत ज्ञान
- युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक संदेश
को डिजिटल माध्यम से प्रसारित करते हैं।
डिजिटल बाबा का उद्देश्य: युवाओं को आध्यात्मिक मार्ग पर लाना
डिजिटल बाबा का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करना है। वे मानते हैं कि:
“चमत्कार देखने से लोग आकर्षित होते हैं, लेकिन आत्मा की तृप्ति केवल आत्मज्ञान से ही संभव है।”
आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया और इंटरनेट में उलझी हुई है। इसीलिए डिजिटल बाबा उन्हीं माध्यमों का उपयोग कर उन्हें जीवन के सच्चे अर्थ को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका मानना है कि:
- चमत्कार से जीवन नहीं बदलता, बल्कि उत्तम विचार और आध्यात्मिक ज्ञान से बदलाव संभव है।
- हर व्यक्ति को अपने अस्तित्व को पहचानने की आवश्यकता है।
- आध्यात्मिक ज्ञान से ही जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति संभव है।
डिजिटल बाबा का आध्यात्मिक जीवन
डिजिटल बाबा पिछले 15 वर्षों से ब्रह्मचारी जीवन व्यतीत कर रहे हैं और अपने आध्यात्मिक उत्थान के लिए हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ धाम में साधनारत हैं। वे नियमित रूप से श्रीराम कथा, श्रीमद्भागवत कथा और वेदांत प्रवचन देते हैं। देशभर में वे धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं।
डिजिटल बाबा का अनूठा व्यक्तित्व
डिजिटल बाबा न केवल एक आध्यात्मिक गुरु हैं, बल्कि वे एनसीसी कैडेट भी रह चुके हैं। अपने विद्यार्थी जीवन में उन्होंने रंगमंच और नाटकों में अभिनय भी किया था। कभी फिल्म इंडस्ट्री में जाने का सपना देखने वाले राम प्रकाश भट्ट आज पूरी तरह से सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं।
वे कहते हैं:
“हमारे जीवन में सब कुछ पूर्व निर्धारित है। कभी नहीं सोचा था कि हम एक दिन आध्यात्मिक जीवन को अपनाएँगे और कथा वाचक बनेंगे। लेकिन विधि का विधान हमें इस पथ पर ले आया।”
महाकुंभ में डिजिटल बाबा की लोकप्रियता
महाकुंभ में डिजिटल बाबा का अनूठा व्यक्तित्व श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लोग उनसे मिलने के लिए उत्सुक रहते हैं, और वे किसी भी श्रद्धालु से सीधे बातचीत करने में संकोच नहीं करते। वे सभी से सहजता से मिलते हैं और आध्यात्मिक ज्ञान साझा करते हैं।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 में डिजिटल बाबा ने आध्यात्म और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है। वे सोशल मीडिया के माध्यम से सनातन धर्म के विचारों को घर-घर तक पहुँचा रहे हैं।
उनका अनूठा अंदाज युवा पीढ़ी को आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करने में सफल हो रहा है।
डिजिटल बाबा का संदेश स्पष्ट है—
“सोशल मीडिया में भटकने से बेहतर है कि हम उसका सही उपयोग करें और जीवन के सच्चे ज्ञान को प्राप्त करें।”