गंगा-यमुना के संगम पर आस्था का महासंगम
Mahakumbh 2025: The great festival of faith of Sanatan Dharma, flood of devotees gathered from North to South. : महाकुंभ 2025 का आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की गहरी जड़ों को प्रतिबिंबित करता है। इस बार का महाकुंभ न केवल उत्तर भारत, बल्कि दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं में भी उत्साह की लहरें फैला रहा है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा सांसद डॉ. के लक्ष्मण ने संगम में पुण्य स्नान कर इस दिव्य आयोजन की भव्यता का अनुभव किया। उन्होंने इस विशाल समागम की व्यवस्थाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की।
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विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप देने के अपने संकल्प को साकार किया है। इस आयोजन ने उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक सनातन धर्म के अनुयायियों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। प्रह्लाद जोशी ने संगम की रेती पर कहा कि यह महाकुंभ केवल भारत का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा मानव समागम है।
सनातन धर्म के लिए अद्भुत अनुभव
महाकुंभ में स्नान कर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे भारतीय सनातन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए एक अलौकिक अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की व्यवस्था को देखकर स्पष्ट होता है कि भारत की आस्था कितनी सुदृढ़ और गहरी है।
दुनिया को सनातन धर्म की शक्ति का परिचय
प्रह्लाद जोशी ने इस अवसर पर कहा कि भारत का सनातन धर्म न केवल देशवासियों, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणास्रोत है। लाखों-करोड़ों श्रद्धालु संगम में आकर इस महापर्व का हिस्सा बन रहे हैं, जिससे सनातन धर्म की शक्ति का भव्य प्रदर्शन हो रहा है।
144 वर्षों बाद ऐसा दुर्लभ संयोग
राज्यसभा सांसद डॉ. के लक्ष्मण ने उत्तर प्रदेश सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि 144 वर्षों बाद ऐसा अवसर आया है जब श्रद्धालु इस महापर्व का अनुभव कर रहे हैं। दक्षिण भारत से भी लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व को दर्शाने का एक ऐतिहासिक अवसर है।
सनातन धर्म के विरुद्ध साजिशें, लेकिन आस्था सर्वोपरि
डॉ. के लक्ष्मण ने यह भी कहा कि कुछ नकारात्मक तत्व महाकुंभ को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं, लेकिन आस्था की शक्ति इन सभी साजिशों पर भारी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की कुशल व्यवस्थाओं के चलते यह आयोजन अभूतपूर्व सफलता प्राप्त कर रहा है।
महाकुंभ की स्मृतियां अविस्मरणीय
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भी पवित्र संगम में स्नान कर इस आयोजन को अपने जीवन की सबसे अविस्मरणीय घटना बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सिर्फ हिंदुत्व का प्रतीक नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि यह पवित्र डुबकी व्यक्ति को आत्ममंथन करने और समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा देती है।
योगी सरकार की ऐतिहासिक व्यवस्थाएं
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने असाधारण व्यवस्थाएं की हैं। सुरक्षा से लेकर यातायात, भोजन, जल आपूर्ति और चिकित्सा सुविधाओं तक हर चीज का विशेष ध्यान रखा गया है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासन दिन-रात कार्यरत है।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और सनातन धर्म की अद्भुत शक्ति का परिचायक है। इस महापर्व ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है और भारत की आध्यात्मिक विरासत को विश्वपटल पर स्थापित किया है। यह आयोजन न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।