लिवर की समस्याएँ कई प्रकार की हो सकती हैं, और इनमें से प्रत्येक का शरीर के मेटाबॉलिज्म और वजन प्रबंधन पर अलग-अलग असर पड़ता है। आइए इनके बारे में विस्तार से समझते हैं:1. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)यह स्थिति तब होती है जब लिवर में वसा का जमाव होता है, लेकिन व्यक्ति शराब नहीं पीता। यह आजकल एक आम समस्या बन गई है, खासकर मोटापे, इंसुलिन रेसिस्टेंस, और टाइप 2 डायबिटीज़ के कारण।यह शुरुआती दौर में कोई लक्षण नहीं देता, लेकिन समय रहते इसका इलाज न हो तो यह सिरोसिस या लिवर फेलियर का रूप ले सकता है।वजन घटाना इस स्थिति में और कठिन हो जाता है क्योंकि शरीर वसा को एनर्जी में बदलने में असमर्थ होता है।2. लिवर सिरोसिसजब लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होकर स्थायी रूप से बदल जाती हैं और उनके स्थान पर फाइब्रस टिशू आ जाता है, तो उसे सिरोसिस कहते हैं।यह स्थिति लंबे समय से चल रही लिवर की बीमारी का परिणाम होती है, जैसे NAFLD, हेपेटाइटिस बी या सी।सिरोसिस में लिवर मेटाबॉलिक गतिविधि पूरी तरह से प्रभावित होती है, जिससे शरीर में वजन बढ़ सकता है या मसल लॉस हो सकता है।3. हेपेटाइटिसयह लिवर की सूजन की स्थिति है जो वायरस, एल्कोहल, या टॉक्सिन्स के कारण हो सकती है।हेपेटाइटिस बी और सी वायरस जनित होते हैं, जो धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं।इस दौरान मेटाबॉलिक प्रोसेस प्रभावित होने से शरीर में थकान, वजन बढ़ना, या भूख न लगना जैसे लक्षण सामने आते हैं।—लिवर डैमेज की अनदेखी न करेंकई बार हम वजन को लेकर सतर्क रहते हैं, लेकिन उसके मूल कारण की तरफ ध्यान नहीं देते। कुछ लक्षण जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है:चेहरे पर पीलापन या आंखों में सफेदी का बदलनाहमेशा थकावट रहनापेट का बार-बार फूला हुआ महसूस होनागैस, बदहजमी और पेट दर्दस्किन पर अचानक खुजली या लाल चकत्तेइन लक्षणों के पीछे लिवर की समस्या हो सकती है। इन संकेतों को हल्के में लेना आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।—लिवर के लिए कौनसे खाद्य पदार्थ लाभकारी हैं?लिवर की सेहत बनाए रखने के लिए कुछ नेचुरल और हेल्दी फूड्स को अपने डाइट में शामिल करना ज़रूरी है:1. हल्दी – इसमें करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो लिवर को डिटॉक्स करता है।2. अदरक और लहसुन – ये पाचन में सुधार कर लिवर पर लोड कम करते हैं।3. ग्रीन टी – इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो लिवर सेल्स को सुरक्षा प्रदान करते हैं।4. बीटरूट (चुकंदर) – यह रक्त शुद्ध करने के साथ-साथ लिवर फंक्शन को बेहतर बनाता है।5. नट्स और बीज – इनमें हेल्दी फैट्स और विटामिन-ई होता है जो लिवर के लिए लाभकारी है।—जीवनशैली में बदलाववजन घटाने और लिवर की सेहत बनाए रखने के लिए सिर्फ डाइट ही नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवनशैली में सुधार ज़रूरी है:सोने और जागने का समय नियमित करेंतनाव को योग, ध्यान या किसी रचनात्मक कार्य से कम करेंडॉक्टर से बिना पूछे दवाइयाँ न लें – कई बार पेनकिलर्स, एंटीबायोटिक्स और सप्लीमेंट्स लिवर को नुकसान पहुंचाते हैंस्क्रीन टाइम सीमित करें, विशेषकर रात मेंहर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद ज़रूर लें—कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?अगर नीचे दिए गए लक्षण 2 सप्ताह से ज़्यादा समय तक बने रहें, तो आपको जल्द से जल्द किसी गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट या हेपेटोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए:लगातार थकानबार-बार पेट में भारीपनभूख का कम होनाअचानक वजन बढ़ना या घटनात्वचा पर खुजली या लाल धब्बेपीलिया के लक्षण—निष्कर्षअगर आप लंबे समय से कोशिशों के बावजूद वजन कम नहीं कर पा रहे हैं, तो यह आपके लिवर की सेहत का इशारा हो सकता है। लिवर का सही तरीके से काम करना शरीर के वजन नियंत्रण, ऊर्जा के स्तर और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।समय रहते लिवर की देखभाल करना न केवल वजन घटाने में मदद करेगा, बल्कि आपको भविष्य की जटिल बीमारियों से भी बचाएगा।
लिवर की बीमारियाँ: प्रकार और प्रभाव
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