इंदौर: गणपति घाट का बाइपास तैयार, अब रुकेंगे सड़क हादसे, सुरक्षा में होगी बड़ी राहत
Indore: Bypass of Ganpati Ghat मध्य प्रदेश के सबसे बड़े ब्लैक स्पॉट गणपति घाट पर सड़क हादसों की घटनाएं अक्सर सुर्खियां बनती रही हैं। खासकर भारी वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले सामने आते रहे हैं। अब इस घाट के खतरनाक रास्ते पर एक बड़ी राहत मिलने जा रही है, क्योंकि अगले माह तक गणपति घाट का बाइपास तैयार हो जाएगा। यह बाइपास 8 किलोमीटर लंबा होगा और इसे खोलने से पहले संबंधित अधिकारियों ने कहा है कि अब इस खतरनाक घाट पर हादसों की संख्या में कमी आएगी।
गणपति घाट: सड़क हादसों का प्रमुख केंद्र
गणपति घाट, जो इंदौर से सेंधवा जाने वाले मार्ग पर स्थित है, लंबे समय से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा ब्लैक स्पॉट रहा है। यहां पर होने वाले हादसे अक्सर भयंकर होते हैं और इसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। इस घाट पर खासकर पुराने और भारी वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। इन हादसों के प्रमुख कारणों में एक महत्वपूर्ण कारण घाट की ढलान है, जहां भारी वाहनों का लोड आगे की ओर खिंचने लगता है, और जैसे ही ड्राइवर ब्रेक लगाता है, ब्रेक फेल हो जाते हैं। इससे वाहन अनियंत्रित होकर अन्य वाहनों को टक्कर मारते हैं और हादसे होते हैं। कई बार तो टक्कर के बाद घर्षण के कारण वाहनों में आग लग जाती है, जिससे दुर्घटना और भी भयंकर हो जाती है।
300 से अधिक मौतें: गणपति घाट की काली तस्वीर
गणपति घाट पर पिछले दस सालों में 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इन हादसों में कई बार तो वाहनों में आग लगने के कारण लोग अंदर ही फंस जाते थे और बच नहीं पाते थे। 2009 में मुंबई-आगरा राजमार्ग के फोरलेन मार्ग का निर्माण हुआ था और उस समय घाट पर पहाड़ियों को काटकर रास्ता बनाया गया था। लेकिन इस मार्ग के निर्माण के बाद भी हादसों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों के अनुसार, 20 दिसंबर तक नए बाइपास का ट्रैफिक के लिए उद्घाटन किया जाएगा, और इसके बाद इस खतरनाक घाट से भारी वाहनों की आवाजाही बंद हो जाएगी।
गणपति घाट के बाइपास का निर्माण: 150 करोड़ की लागत
गणपति घाट के बाइपास की परियोजना पिछले चार वर्षों से चल रही थी। यह बाइपास ढाल गांव से नीमगढ़ तक बनेगा, और इसके निर्माण पर लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत आई है। हालांकि, निर्माण कार्य में देरी वन भूमि की स्वीकृति और निजी भूमि के अधिग्रहण में बाधाओं के कारण हुई थी, लेकिन अब यह परियोजना अपनी अंतिम स्थिति में है। नए बाइपास का उद्घाटन अगले महीने तक होने की संभावना है। इस बाइपास के निर्माण से न केवल इंदौर से सेंधवा तक का सफर सुरक्षित होगा, बल्कि ट्रैफिक की समस्या भी हल हो जाएगी।
पुराने वाहनों का समस्या: हादसों का मुख्य कारण
गणपति घाट पर अक्सर पुराने भारी वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं सामने आई हैं। विशेष रूप से, जो वाहन फर्शी और लोहे के रोल या अन्य भारी सामान लेकर चल रहे होते हैं, वे ढलान पर लोड की वजह से अधिक खतरे में रहते हैं। जब ये वाहन ब्रेक लगाते हैं, तो अक्सर ब्रेक फेल हो जाते हैं और वाहन आगे की ओर दौड़ने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप ये वाहन आगे चल रहे अन्य वाहनों से टकरा जाते हैं, और टक्कर के बाद घर्षण के कारण आग लग जाती है। यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है, क्योंकि आग की वजह से अक्सर वाहन में सवार लोग नहीं बच पाते थे।
चार महीने पहले का भयंकर हादसा
गणपति घाट पर अगस्त महीने में एक भयंकर हादसा हुआ था। इस दुर्घटना में एक कंटेनर के ब्रेक फेल हो गए थे, जिससे कंटेनर ने आगे चल रहे ट्रक को जोरदार टक्कर मार दी। इसके बाद ट्रक दूसरी लेन में चल रही कारों से टकरा गया, और उसमें आग लग गई। इस हादसे में छह वाहन आपस में टकरा गए और सभी में आग लग गई। इस दुर्घटना में कई लोग अपनी जान बचाने के लिए वाहन से कूद पड़े, लेकिन छह लोग घायल हो गए थे। इससे पहले, चार साल पहले एक और हादसा हुआ था, जिसमें इंदौर से महाराष्ट्र जा रहे एक परिवार की कार हादसे का शिकार हो गई थी। इस हादसे में पति-पत्नी और दो बच्चों की जान चली गई थी।
बाइपास के निर्माण में विशेषताएं: हरियाली और जलस्त्रोत
गणपति घाट का नया बाइपास केवल ट्रैफिक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नहीं बनाया गया है, बल्कि पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखा गया है। बाइपास के समीप छोटे जलस्त्रोत बनाए गए हैं, ताकि हरियाली बनी रहे और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखा जा सके। इस बाइपास के निर्माण से न केवल इंदौर-सेंधवा मार्ग पर यात्रा करना सुरक्षित होगा, बल्कि स्थानीय क्षेत्र की सूरत भी बेहतर होगी।
भविष्य में क्या बदलाव आएंगे?
गणपति घाट के बाइपास के उद्घाटन के बाद, इंदौर से सेंधवा जाने वाले भारी वाहन इस मार्ग से होकर नहीं जाएंगे। इससे गणपति घाट पर होने वाले हादसों में कमी आएगी और ट्रैफिक का दबाव भी घटेगा। इसके अलावा, नया बाइपास क्षेत्रीय लोगों के लिए भी एक राहत लेकर आएगा, क्योंकि इससे दुर्घटनाओं की संख्या में तो कमी आएगी ही, साथ ही यात्रा की गति भी बढ़ेगी।
इसके साथ ही, यह बाइपास इंदौर और सेंधवा के बीच कनेक्टिविटी को भी बेहतर करेगा। जिससे दोनों शहरों के बीच व्यापार, परिवहन और यात्रा में गति आएगी। इस परियोजना से न केवल ट्रैफिक की समस्याएं हल होंगी, बल्कि दुर्घटनाओं के कारण होने वाली दुखद घटनाओं में भी कमी आएगी।
निष्कर्ष
गणपति घाट का नया बाइपास मध्य प्रदेश की सड़क सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। पिछले कई सालों से इस घाट पर होने वाले हादसों ने कई जिंदगियों को तबाह किया है। लेकिन अब, नए बाइपास के निर्माण से इन दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा। आगामी महीनों में इस बाइपास के संचालन के बाद, क्षेत्रीय सुरक्षा और ट्रैफिक की स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है, और यह इंदौर से सेंधवा के बीच यात्रा को सुरक्षित और आसान बना देगा।
4o mini