IND vs NZ: सुनील गावस्कर ने वॉशिंगटन सुंदर के चयन पर लिया यू-टर्न, भारतीय टीम के बदलावों की की सराहना
IND vs NZ: Sunil Gavaskar took a U-turn on the selection of Washington Sundar, praised the changes in the Indian team : भारतीय टीम और न्यूजीलैंड के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों ने क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। खासकर, भारत के पूर्व क्रिकेटर और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने शुरू में टीम चयन को लेकर असंतोष जताया था, परंतु अब वॉशिंगटन सुंदर के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपना दृष्टिकोण बदला है। गावस्कर ने न सिर्फ सुंदर की तारीफ की बल्कि यह भी माना कि भारतीय टीम का यह चयन, भले ही जोखिमभरा था, परंतु सही दिशा में किया गया एक अहम कदम साबित हुआ।
भारत की प्लेइंग-11 में महत्वपूर्ण बदलाव
दूसरे टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में तीन प्रमुख बदलाव किए गए। केएल राहुल, कुलदीप यादव और मोहम्मद सिराज को आराम दिया गया, और उनकी जगह शुभमन गिल, वॉशिंगटन सुंदर और आकाश दीप को टीम में शामिल किया गया। इस बदलाव के बाद कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए, जिनमें से एक प्रमुख नाम सुनील गावस्कर का था। उनका मानना था कि टीम में इतने बदलाव करना घबराहट से भरा निर्णय है, खासकर तब जब कोई खिलाड़ी चोटिल नहीं हो।
गावस्कर ने अपनी राय रखते हुए कहा था, “आमतौर पर, टीमें अपनी प्लेइंग-11 में इतने बदलाव नहीं करतीं। जब तक चोट की समस्या न हो, तीन बदलाव करना किसी दबाव में लिया गया फैसला प्रतीत होता है।”
वॉशिंगटन सुंदर के चयन पर गावस्कर की प्रारंभिक प्रतिक्रिया
गावस्कर ने विशेष रूप से वॉशिंगटन सुंदर के चयन पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि सुंदर को केवल उनकी निचले क्रम की बल्लेबाजी के लिए लिया गया है, जबकि गेंदबाजी में वे उतने असरदार नहीं हैं। गावस्कर ने इसे एक मजबूरन लिया गया फैसला बताया और कुलदीप यादव को प्राथमिकता देने की बात कही, क्योंकि वे बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अधिक कारगर साबित होते हैं।
उन्होंने कहा था, “सुंदर को शामिल करने का निर्णय यह दर्शाता है कि भारतीय टीम अपनी बल्लेबाजी को लेकर चिंतित है। यदि गेंदबाजी की बात होती, तो कुलदीप एक बेहतर विकल्प होते, क्योंकि उनकी गेंद वामहस्त बल्लेबाजों के लिए बाहर की ओर टर्न करती है।”
वॉशिंगटन सुंदर का शानदार प्रदर्शन
हालांकि, मैच के दौरान वॉशिंगटन सुंदर ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया। उन्होंने न केवल विकेट चटकाए, बल्कि एक अहम भूमिका निभाते हुए सात महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए, जिसने भारत की मैच में वापसी सुनिश्चित की। सुंदर के इस प्रदर्शन ने गावस्कर को भी प्रभावित किया, और वे इस चयन को भारतीय टीम के कोच और चयनकर्ताओं की प्रेरित सोच का परिणाम मानने लगे।
कमेंट्री के दौरान गावस्कर ने कहा, “क्या शानदार चयन है! वॉशिंगटन को प्लेइंग-11 में शामिल करना भारतीय टीम का एक रणनीतिक कदम है, जो उन्हें न केवल गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी में भी समर्थन दे रहा है।”
सुनील गावस्कर ने क्यों लिया यू-टर्न?
सुंदर के शानदार प्रदर्शन के बाद गावस्कर ने अपने बयान से यू-टर्न लिया। उन्होंने माना कि भारतीय टीम का यह चयन वास्तव में एक दूरदर्शी निर्णय था, जो भविष्य में टीम को स्थिरता प्रदान कर सकता है। गावस्कर ने सुंदर की क्षमता और प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय टीम को अब ऐसे ऑलराउंडरों की जरूरत है जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान दे सकें।
गावस्कर ने कहा, “सुंदर का चयन यह दर्शाता है कि भारतीय टीम को यह समझ है कि खेल में एक संतुलित ऑलराउंडर की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। यह एक साहसी निर्णय था, और सुंदर ने इसे अपने प्रदर्शन से सही साबित कर दिया।”
भारतीय टीम की रणनीति: क्यों किए गए इतने बदलाव?
गावस्कर के अनुसार, टीम में तीन बड़े बदलाव करना किसी दबाव का परिणाम हो सकता है, लेकिन यह सोच भी साफ है कि टीम चयनकर्ता नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं। इस रणनीति के तहत शुभमन गिल, वॉशिंगटन सुंदर और आकाश दीप को मौका दिया गया, ताकि टीम में ताजगी और नई ऊर्जा का संचार हो। इस बदलाव ने भी यह संकेत दिया कि भारतीय टीम लंबे समय तक सिर्फ कुछ खास खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं रहना चाहती, बल्कि नए खिलाड़ियों को तैयार कर रही है।
वॉशिंगटन सुंदर: भारतीय क्रिकेट में एक नई उम्मीद
वॉशिंगटन सुंदर का प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए कई संकेत छोड़ता है। एक ऑलराउंडर के रूप में उनका योगदान यह दर्शाता है कि भारत के पास नए जमाने के क्रिकेटरों की एक ऐसी फौज है जो गेंद और बल्ले दोनों से मैच पर प्रभाव डाल सकती है। सुंदर ने अपने प्रदर्शन से यह सिद्ध कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट को अब ऐसे ऑलराउंडर मिल रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
गावस्कर का संदेश: जोखिम लेना भी जरूरी
सुनील गावस्कर का इस घटना के बाद जो संदेश उभर कर सामने आता है, वह यह है कि कभी-कभी जोखिम लेना भी जरूरी होता है। क्रिकेट जैसे खेल में जहां हर छोटी सी गलती का बड़ा प्रभाव हो सकता है, वहां जोखिम लेना और नए खिलाड़ियों को मौका देना टीम की मजबूती के लिए आवश्यक है। गावस्कर ने यह भी माना कि भारतीय टीम का यह साहसिक निर्णय उन्हें लंबे समय तक फायदा देगा।
निष्कर्ष
गावस्कर द्वारा भारतीय टीम के इस बदलाव की आलोचना से लेकर प्रशंसा तक का सफर एक उदाहरण है कि कैसे खेल में हर निर्णय का मूल्यांकन उसके परिणाम के आधार पर होता है। वॉशिंगटन सुंदर ने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है और टीम में नए खिलाड़ियों को मौका देने की रणनीति सही दिशा में है।