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IND vs ENG: दुबे के कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में हर्षित राणा की एंट्री पर विवाद, वॉन और बटलर ने उठाए सवाल

IND vs ENG: Controversy over Harshit Rana’s entry as Dubey’s concussion substitute, Vaughan and Butler raised questions : भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टी20 मुकाबले में टीम इंडिया ने 15 रनों से जीत दर्ज कर ली, लेकिन इस मैच में हुए एक फैसले ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। शिवम दुबे के कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में तेज गेंदबाज हर्षित राणा की एंट्री ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन और मौजूदा कप्तान जोस बटलर को नाराज कर दिया। इस निर्णय को लेकर सोशल मीडिया पर भी फैंस ने कई तरह की प्रतिक्रियाएँ दीं।

हर्षित राणा का अप्रत्याशित डेब्यू

कोई नहीं सोच सकता था कि हर्षित राणा का टी20 डेब्यू एक कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में होगा। मैच के दौरान पहली पारी में बल्लेबाजी करते समय शिवम दुबे को जेमी ओवरटन की एक तेज गेंद सिर पर लगी। हालांकि, उन्हें बल्लेबाजी जारी रखने की अनुमति दी गई और वह आखिरी गेंद पर रन आउट हो गए। इसके बाद वह गेंदबाजी के लिए नहीं उतरे और भारतीय टीम ने हर्षित राणा को कन्कशन रिप्लेसमेंट के रूप में मैदान पर भेज दिया। हर्षित ने आते ही प्रभावशाली प्रदर्शन किया और तीन महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर इंग्लैंड के मध्यक्रम को तहस-नहस कर दिया।

माइकल वॉन ने उठाए सवाल

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन इस फैसले से बेहद असहमत दिखे। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “कैसे एक तेज गेंदबाज, जो पूरी तरह से गेंदबाजी पर निर्भर है, एक ऐसे बल्लेबाज की जगह मैदान पर उतर सकता है जो सिर्फ पार्ट टाइम गेंदबाजी करता था! यह पूरी तरह से गलत है।”

बटलर भी नाराज, भारतीय टीम मैनेजमेंट पर साधा निशाना

इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “यह किसी भी तरह से लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट नहीं था। या तो शिवम दुबे ने अपनी गेंदबाजी में 25 मील प्रति घंटे की गति बढ़ा ली है, या हर्षित राणा ने अपनी बल्लेबाजी में बड़ा सुधार कर लिया है। हम इस फैसले से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी।”

बटलर ने आगे कहा, “जब मैं बल्लेबाजी करने उतरा, तब मुझे पता चला कि हर्षित किसके लिए आए हैं। मुझे बिल्कुल भी यह लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट नहीं लगा। भारतीय टीम मैनेजमेंट का कहना था कि यह निर्णय मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने लिया था, लेकिन हमें इसके बारे में पूरी स्पष्टता चाहिए। हम इस मुद्दे पर आईसीसी से चर्चा करेंगे।”

फैंस की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ

सोशल मीडिया पर फैंस ने इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ दीं। कुछ लोगों ने इसे सही बताया, जबकि कुछ ने भारतीय टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठाए। कई लोगों का कहना था कि दुबे की जगह रमनदीप सिंह को सब्स्टिट्यूट के रूप में आना चाहिए था, क्योंकि वह एक बल्लेबाज हैं और दुबे की भूमिका से ज्यादा मेल खाते हैं।

कुछ फैंस ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि “शायद भारत ने एक नया तरीका खोज लिया है जिससे वे अपने तेज गेंदबाजों को टीम में शामिल कर सकते हैं।”

क्या कहता है कन्कशन रिप्लेसमेंट का नियम?

आईसीसी के नियमों के अनुसार, कन्कशन रिप्लेसमेंट के लिए टीम को लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट देना होता है। आईसीसी की खेल शर्तों के नियम 1.2.7.3 के अनुसार, “आईसीसी मैच रेफरी आमतौर पर एक कन्कशन रिप्लेसमेंट अनुरोध को तब मंजूरी देता है जब रिप्लेसमेंट लाइक टू लाइक हो और उस खिलाड़ी के टीम में आने पर रिप्लेसमेंट करने वाली टीम को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा।”

नियम 1.2.7.7 में कहा गया है कि “किसी भी कन्कशन रिप्लेसमेंट अनुरोध के संबंध में आईसीसी मैच रेफरी का निर्णय अंतिम होगा और किसी भी टीम को अपील का कोई अधिकार नहीं होगा।”

यह पहली बार नहीं

यह पहली बार नहीं है जब भारत को इस प्रकार के विवाद का सामना करना पड़ा हो। 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी20 मैच में रविंद्र जडेजा को सिर में चोट लगने के बाद युजवेंद्र चहल को कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में शामिल किया गया था। उस मैच में चहल ने तीन विकेट लेकर मैच का रुख पलट दिया था और प्लेयर ऑफ द मैच भी बने थे।

मैच का हाल

अगर मैच की बात करें, तो भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 181 रन बनाए। शुरुआत खराब रही और टीम ने महज 12 रन पर तीन विकेट गंवा दिए। संजू सैमसन एक रन, तिलक वर्मा और सूर्यकुमार यादव बिना खाता खोले आउट हो गए। अभिषेक शर्मा ने 19 गेंदों में 29 रन और रिंकू सिंह ने 26 गेंदों में 30 रन बनाकर कुछ हद तक पारी को संभाला।

इसके बाद शिवम दुबे और हार्दिक पांड्या ने पारी को संभाला और छठे विकेट के लिए 87 रनों की साझेदारी की। दुबे ने 34 गेंदों में 53 रन (7 चौके, 2 छक्के) और हार्दिक ने 30 गेंदों में 53 रन (4 चौके, 4 छक्के) बनाए।

इंग्लैंड की ओर से साकिब महमूद ने तीन और जेमी ओवरटन ने दो विकेट लिए, जबकि ब्राइडन कार्स और आदिल राशिद को एक-एक विकेट मिला।

इंग्लैंड की पारी

लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम की शुरुआत अच्छी रही। फिल सॉल्ट और बेन डकेट ने पहले विकेट के लिए 62 रन जोड़े। सॉल्ट 23 और डकेट 19 गेंदों में 39 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान बटलर सिर्फ 2 रन बना सके। हैरी ब्रूक ने 26 गेंदों में 51 रन (5 चौके, 2 छक्के) बनाए। लियाम लिविंगस्टोन 9, जैकब बेथेल 6 और ओवरटन 19 रन बना पाए।

ब्राइडन कार्स और जोफ्रा आर्चर बिना खाता खोले आउट हुए।

भारत की गेंदबाजी का जलवा

भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड को 166 रनों पर समेट दिया। हर्षित राणा ने 33 रन देकर 3 विकेट लिए और कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में शानदार प्रदर्शन किया। रवि बिश्नोई ने भी 3 विकेट झटके। वरुण चक्रवर्ती को 2, अर्शदीप सिंह और अक्षर पटेल को 1-1 विकेट मिला।

निष्कर्ष

भले ही भारत ने यह मैच जीत लिया और सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली, लेकिन हर्षित राणा के कन्कशन सब्स्टिट्यूट बनने का विवाद अभी भी गर्माया हुआ है। माइकल वॉन और जोस बटलर जैसे दिग्गज इसे नियमों का उल्लंघन मान रहे हैं। अब देखना होगा कि आईसीसी इस पर क्या निर्णय लेती है और क्या भविष्य में इस नियम में कोई बदलाव किया जाता है।

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