IND vs AUS: बिना अश्विन और जडेजा के उतरी भारतीय टीम, गाबा टेस्ट के बाद पहली बार ऐसा हुआ
भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में एक ऐतिहासिक फैसला लिया। इस बार टीम में अनुभवी स्पिन जोड़ी, रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा, शामिल नहीं हैं। यह पहली बार हुआ है जब भारत 2021 के गाबा टेस्ट के बाद अश्विन और जडेजा दोनों के बिना मैदान पर उतरा है। इस फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें।
गाबा 2021 टेस्ट: जब अश्विन और जडेजा नहीं थे टीम का हिस्सा
जनवरी 2021 में खेले गए प्रतिष्ठित गाबा टेस्ट को कौन भूल सकता है? यह वही मैच था जहां भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। उस मैच में भी अश्विन और जडेजा दोनों टीम का हिस्सा नहीं थे।
- जडेजा का अंगूठे का फ्रैक्चर: जडेजा उस समय चोट के कारण बाहर थे। उनके अंगूठे में फ्रैक्चर हुआ था।
- अश्विन की पीठ की समस्या: अश्विन पीठ की समस्या से जूझ रहे थे, जिसके चलते वे टीम में शामिल नहीं हो सके।
उस मैच में वॉशिंगटन सुंदर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था और शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की जीत में अहम योगदान दिया था।
वॉशिंगटन सुंदर: एकमात्र स्पिनर के रूप में चुने गए
इस बार पर्थ टेस्ट में कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टॉस के दौरान पुष्टि की कि वॉशिंगटन सुंदर को एकमात्र स्पिनर के रूप में शामिल किया गया है। बुमराह ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी का फैसला करते हुए कहा, “वाशी एकमात्र स्पिनर हैं।”
सुंदर की भूमिका:
- सुंदर ने गाबा 2021 टेस्ट में चार विकेट लिए और महत्वपूर्ण अर्धशतक भी लगाया।
- उन्होंने शार्दुल ठाकुर के साथ एक अहम साझेदारी निभाई, जिसने भारत को ब्रिस्बेन में ऐतिहासिक जीत दिलाई।
ऑस्ट्रेलिया की परिस्थिति में सुंदर की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही टीम के लिए एक मजबूत विकल्प बन सकती हैं।
अश्विन और जडेजा की अनुपस्थिति पर विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
भारत के सबसे अनुभवी स्पिनर अश्विन और जडेजा को प्लेइंग-11 में शामिल न करना कई विशेषज्ञों के लिए चौंकाने वाला फैसला रहा।
अश्विन का अनुभव:
- अश्विन के नाम 3,474 टेस्ट रन और 470 से अधिक विकेट हैं।
- उनकी गेंदबाजी में नियंत्रण और निरंतरता उन्हें विशेष बनाती है।
जडेजा का योगदान:
- जडेजा ने 3,235 रन बनाए हैं और 275 विकेट लिए हैं।
- वे निचले क्रम में बल्लेबाजी में गहराई और फील्डिंग में भी उत्कृष्टता प्रदान करते हैं।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल हसी ने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा, “अश्विन और जडेजा बल्ले से भी मदद कर सकते हैं। उनका अनुभव मूल्यवान होता।”
सुंदर का हालिया प्रदर्शन और रणनीति
वॉशिंगटन सुंदर का चयन भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विशेष रणनीति को दर्शाता है। ऑस्ट्रेलिया के पास उस्मान ख्वाजा और ट्रेविस हेड जैसे पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। ऐसे में सुंदर की ऑफ-स्पिन गेंदबाजी एक बड़ा हथियार साबित हो सकती है।
सुंदर का घरेलू प्रदर्शन:
- न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में सुंदर ने 7/59 और 4/56 का शानदार प्रदर्शन किया।
- उनकी नियंत्रण बनाए रखने की क्षमता और विकेट लेने की धार भारत के लिए अहम साबित हो सकती है।
सुंदर ने दिखाया है कि वह दबाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन करने का माद्दा रखते हैं, जो उन्हें मौजूदा परिस्थितियों के लिए उपयुक्त बनाता है।
भारत की प्लेइंग-11 में नए चेहरे
भारत की प्लेइंग-11 इस बार कई नए चेहरों के साथ मैदान में उतरी है। टीम में युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी गई है।
भारतीय टीम:
- ओपनिंग बल्लेबाज: केएल राहुल और यशस्वी जयसवाल।
- मिडिल ऑर्डर: देवदत्त पडिक्कल, विराट कोहली, ऋषभ पंत।
- ऑलराउंडर: वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी।
- गेंदबाज: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, हर्षित राणा।
ऑस्ट्रेलियाई टीम:
- उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, मिचेल मार्श, पैट कमिंस (कप्तान)।
अश्विन-जडेजा के बिना टीम का प्रदर्शन: क्या भारत दोहराएगा इतिहास?
2021 में गाबा टेस्ट की तरह, भारत के पास एक बार फिर इतिहास रचने का मौका है। हालांकि, अश्विन और जडेजा की अनुपस्थिति से टीम का संतुलन प्रभावित हो सकता है, लेकिन वॉशिंगटन सुंदर और अन्य युवा खिलाड़ी इस मौके को भुनाने के लिए तैयार हैं।
क्या हो सकता है टीम के लिए चुनौतीपूर्ण?
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तेज पिचों पर स्पिनरों की भूमिका सीमित हो सकती है।
- अनुभवी खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में युवा खिलाड़ियों पर प्रदर्शन का दबाव होगा।
फायदे:
- युवा खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का मौका मिलेगा।
- टीम के नए संयोजन से ऑस्ट्रेलिया को चौंकाने का मौका।
निष्कर्ष
भारत का पर्थ टेस्ट में अश्विन और जडेजा के बिना उतरना एक साहसिक और रणनीतिक फैसला है। वॉशिंगटन सुंदर पर टीम ने जो भरोसा दिखाया है, वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य की ओर इशारा करता है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि युवा खिलाड़ियों की यह टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैसे प्रदर्शन करती है।
इस ऐतिहासिक मुकाबले में जीत भारत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा सकती है, और युवा खिलाड़ियों को बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन अवसर मिलेगा।