Habits that damage nerves: Know the causes, symptoms and prevention measures : हमारे शरीर में नसें यानी नर्वस सिस्टम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह संपूर्ण शरीर के अंगों को मस्तिष्क से जोड़ने का काम करता है, जिससे शरीर का हर अंग सही ढंग से कार्य कर पाता है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली, खराब आदतें और कुछ बीमारियां नसों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं। नसों के खराब होने पर न केवल दर्द और कमजोरी होती है, बल्कि यह आपके दैनिक जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
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इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नसें खराब होने के कारण, नसों के डैमेज होने के लक्षण, और उनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।
नसों के खराब होने के प्रमुख कारण (Causes of Nerve Damage)
1. डायबिटीज यानी मधुमेह
डायबिटीज को नसों के डैमेज का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। जब शरीर में शुगर लेवल लगातार हाई बना रहता है, तो यह नसों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसे डायबेटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है, जिसमें खासकर पैरों की नसें प्रभावित होती हैं।
2. लंबे समय तक शराब का सेवन
अत्यधिक मात्रा में और लंबे समय तक शराब पीने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, विशेषकर विटामिन बी1 (थायामिन)। इससे नसों को पोषण नहीं मिल पाता और धीरे-धीरे वे डैमेज हो जाती हैं।
3. स्मोकिंग और तंबाकू सेवन
सिगरेट और तंबाकू में मौजूद रसायन नसों की कार्यक्षमता को घटाते हैं। यह रक्त प्रवाह को कम कर नसों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करता है, जिससे वे कमजोर और क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
4. विटामिन की कमी
विशेष रूप से विटामिन B12, B6, और E की कमी से नसें कमजोर होने लगती हैं। ये विटामिन नर्वस सिस्टम को मजबूत रखने में अत्यंत आवश्यक होते हैं।
5. लंबे समय तक किसी एक स्थिति में रहना
अगर आप घंटों तक एक ही स्थिति में बैठे रहते हैं, जैसे कंप्यूटर पर काम करते समय या मोबाइल चलाते समय, तो इससे नसों पर दबाव बनता है। यह दबाव लंबे समय तक जारी रहा तो नसों में सूजन, सुन्नता और दर्द जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं।
6. मेडिकल कंडीशंस और दवाएं
कई बार कुछ मेडिकल कंडीशन्स जैसे थायरॉइड की समस्या, लिवर और किडनी की बीमारियां, और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर भी नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स से भी नसों पर बुरा असर पड़ता है।
नसों के डैमेज होने के लक्षण (Symptoms of Nerve Damage)
अगर आपकी नसें प्रभावित हो रही हैं, तो शरीर कुछ संकेत जरूर देता है। इन संकेतों को पहचानना और समय रहते इलाज करवाना बेहद जरूरी है:
- हाथों और पैरों में झुनझुनाहट या सुन्नपन
- जलन या चुभन जैसा अहसास
- मांसपेशियों में कमजोरी
- चलने में असंतुलन
- किसी वस्तु को पकड़ने में कठिनाई
- अत्यधिक पसीना आना या बिल्कुल न आना
- ब्लड प्रेशर और हार्टबीट में अनियमितता
यदि ये लक्षण लगातार बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नसों को डैमेज होने से कैसे बचाएं? (Prevention Tips for Nerve Damage)
1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद आपकी नसों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। रोजाना कम से कम 30 मिनट का योग या वॉक करें।
2. ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें
अगर आपको डायबिटीज है तो अपने शुगर लेवल पर विशेष ध्यान दें। समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें।
3. विटामिन और मिनरल युक्त आहार लें
नसों की मजबूती के लिए आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, अखरोट, अंडे, दूध, दालें और फलों को शामिल करें। जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह से सप्लिमेंट्स भी लें।
4. धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें
स्मोकिंग और ड्रिंकिंग दोनों ही आपकी नसों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इन्हें पूरी तरह त्याग देना ही सबसे बेहतर उपाय है।
5. लंबे समय तक बैठने से बचें
हर 30-40 मिनट बाद थोड़ी देर खड़े हों, चलें या स्ट्रेचिंग करें। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और नसों पर दबाव नहीं बनता।
6. मानसिक तनाव कम करें
तनाव भी नसों को प्रभावित कर सकता है। ध्यान, मेडिटेशन, संगीत या प्रकृति में समय बिताकर खुद को शांत और संतुलित रखें।
नसों की समस्या का इलाज कैसे होता है? (Treatment for Nerve Damage)
नसों के डैमेज होने की स्थिति में उपचार का तरीका उस व्यक्ति की स्थिति और कारणों पर निर्भर करता है। आमतौर पर निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं:
- दवाइयां: नसों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए दर्द निवारक और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जाती हैं।
- फिजियोथेरेपी: प्रभावित हिस्से की मालिश और हल्की एक्सरसाइज से नसों को फिर से सक्रिय किया जाता है।
- विटामिन सप्लिमेंट्स: B-कॉम्प्लेक्स, B12, D3 आदि का सपोर्ट दिया जाता है।
- एलोपैथी के अलावा आयुर्वेद और होम्योपैथी में भी नसों की समस्याओं का इलाज मौजूद है, लेकिन इन्हें विशेषज्ञ की सलाह से ही अपनाएं।
निष्कर्ष (Conclusion)
नसें हमारे शरीर की संचार प्रणाली की रीढ़ होती हैं। इनका सही तरीके से कार्य करना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसलिए अगर आप ऊपर बताए गए कारणों या लक्षणों को पहचानते हैं, तो समय रहते सतर्क हो जाएं। अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके आप नसों को डैमेज होने से बचा सकते हैं और एक स्वस्थ, ऊर्जा-पूर्ण जीवन जी सकते हैं।
याद रखें, स्वस्थ नसें = सक्रिय जीवन।