डिजिटल इंडिया की मुहिम के साथ देशभर में ऑनलाइन पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है। अब हर छोटे-बड़े लेन-देन के लिए लोग गूगल पे (Google Pay), फोनपे (PhonePe), पेटीएम (Paytm) जैसे UPI (Unified Payments Interface) आधारित ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, डिजिटल सुविधा के साथ एक बड़ा खतरा भी सामने आया है—फर्जी UPI ऐप्स का। ये नकली ऐप्स दिखने में बिलकुल असली जैसे होते हैं और लोगों को बड़ी चालाकी से ठग लेते हैं।
अगर आप भी डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि ये फर्जी ऐप्स कैसे काम करते हैं, इनसे कैसे बचा जाए, और क्या करें अगर आप ठगी का शिकार हो जाएं।
कैसे होती है यह ठगी?
आजकल कई ऐसे नकली UPI ऐप्स गूगल प्ले स्टोर या अन्य वेबसाइट्स पर उपलब्ध हैं जो असली गूगल पे या फोनपे जैसे दिखते हैं। इन ऐप्स का आइकन, इंटरफेस और नाम इतने समान होते हैं कि एक आम यूज़र के लिए फर्क करना बेहद मुश्किल होता है।
इन फर्जी ऐप्स को डाउनलोड करने के बाद जब यूज़र इनका इस्तेमाल करता है, तो ये ऐप्स उसकी संवेदनशील जानकारी जैसे कि बैंक अकाउंट नंबर, UPI पिन, OTP और मोबाइल नंबर चुरा लेते हैं। इसके बाद फ्रॉड करने वाले उस जानकारी का इस्तेमाल करके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।
कुछ मामलों में, ये फ्रॉड ऐप्स पैसे भेजने की झूठी रसीद (फेक पेमेंट स्क्रीनशॉट) भी जेनरेट कर देते हैं, जिससे दुकानदार या व्यापारियों को लगता है कि उन्हें भुगतान मिल गया है, जबकि असल में पैसा नहीं आता।
ठगों की चालाक रणनीति
- फर्जी ऐप्स प्ले स्टोर पर अपलोड करना
कुछ साइबर अपराधी नकली ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड कर देते हैं। ऐप का नाम, लोगो और यूआई बिल्कुल असली ऐप जैसा होता है। कई बार नाम में बस हल्का सा बदलाव किया जाता है, जैसे “GooglePay” की जगह “Googlee Pay” या “PhonePe” की जगह “PhonPay”। - सोशल मीडिया और मैसेजिंग के जरिए प्रचार
इन फर्जी ऐप्स के लिंक को सोशल मीडिया, व्हाट्सएप या SMS के जरिए फैलाया जाता है, जिनमें लिखा होता है—”ये नया ऑफिशियल ऐप है”, या “यह ऐप ज्यादा कैशबैक देता है” आदि। - झूठे रिव्यू और रेटिंग्स
ऐप को असली दिखाने के लिए झूठे रिव्यू और हाई रेटिंग्स डाले जाते हैं, जिससे यूज़र भ्रमित हो जाता है और ऐप इंस्टॉल कर लेता है।
कैसे पहचानें फर्जी UPI ऐप को?
- ऐप का नाम ध्यान से पढ़ें
कई बार फर्जी ऐप का नाम लगभग असली ऐप जैसा होता है, लेकिन एक-दो अक्षर कम या ज्यादा हो सकते हैं। उदाहरण: PhonePay या GooglPay। - डेवलपर का नाम जांचें
असली ऐप्स हमेशा भरोसेमंद कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं। जैसे Google Pay का डेवलपर “Google LLC” होता है और PhonePe का “PhonePe Pvt Ltd”। किसी भी अनजान डेवलपर का ऐप डाउनलोड न करें। - रिव्यू और डाउनलोड की संख्या देखें
असली ऐप्स के लाखों-करोड़ों डाउनलोड होते हैं और हजारों रिव्यू होते हैं। अगर किसी UPI ऐप के डाउनलोड बहुत कम हैं या रिव्यू नकली लगते हैं, तो सतर्क हो जाएं। - साइट या लिंक से ऐप डाउनलोड न करें
किसी भी थर्ड-पार्टी वेबसाइट या अज्ञात लिंक से ऐप डाउनलोड न करें। हमेशा गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें।
फर्जी पेमेंट रसीद से कैसे बचें?
कई ठग नकली पेमेंट रसीद बनाकर दुकानदारों को दिखाते हैं। इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है:
- पेमेंट नोटिफिकेशन चेक करें:
अगर वाकई में पेमेंट हुआ है तो आपके बैंक या UPI ऐप पर तुरंत नोटिफिकेशन आएगा। सिर्फ स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें। - अकाउंट बैलेंस देखें:
ऐप के भीतर जाकर या बैंक ऐप से बैलेंस चेक करें कि पैसा आया है या नहीं। - SMS अलर्ट पर भरोसा करें:
बैंक से जब पैसा आता है, तब SMS भी आता है। यदि ऐसा न हो, तो शक करना चाहिए।
ठगी से बचने के लिए ये सावधानियाँ बरतें
- UPI पिन किसी से साझा न करें:
आपका UPI पिन केवल आपके लिए है। कोई भी असली ऐप या कंपनी कभी भी यह जानकारी नहीं मांगती। - फोन एक्सेस न दें:
किसी को भी अपना फोन एक्सेस करने या किसी भीड-भाड़ वाली जगह पर अनजान ऐप इंस्टॉल करने की अनुमति न दें। - स्क्रीन शेयरिंग ऐप से बचें:
कई बार ठग TeamViewer, AnyDesk जैसे ऐप्स से स्क्रीन शेयरिंग कर आपकी डिटेल्स चुरा लेते हैं। इनसे बचें। - 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू रखें:
हर पेमेंट के लिए OTP और UPI पिन ज़रूरी रखें ताकि अतिरिक्त सुरक्षा बनी रहे। - साइबर हेल्पलाइन नंबर याद रखें:
अगर आप ठगी के शिकार हो जाएं तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
सरकार और कंपनियों की चेतावनी
गूगल और फोनपे जैसी कंपनियाँ पहले ही चेतावनी जारी कर चुकी हैं कि वे कभी भी फोन या SMS के जरिए आपके बैंक डिटेल्स नहीं मांगतीं। उन्होंने यूज़र्स को सचेत किया है कि केवल ऑफिशियल ऐप्स ही डाउनलोड करें और हर पेमेंट को खुद वेरिफाई करें।
RBI और NPCI ने भी आम जनता को फर्जी ऐप्स और UPI फ्रॉड से बचने की सलाह दी है। साथ ही, बैंकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे फ्रॉड की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें।
निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा है
डिजिटल पेमेंट ने हमारी जिंदगी को आसान जरूर बनाया है, लेकिन इसके साथ साइबर धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ गया है। नकली UPI ऐप्स की मदद से हो रही ठगी से बचने का एकमात्र उपाय है—सतर्क रहना और सही जानकारी रखना।
ध्यान रखें:
- कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले जांच-पड़ताल करें।
- कभी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
- अपने पर्सनल बैंकिंग डिटेल्स किसी से साझा न करें।
अगर आप सतर्क हैं, तो आप खुद को और अपने पैसों को सुरक्षित रख सकते हैं।