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फ्री रिचार्ज: तीन महीने का मुफ्त रिचार्ज ऑफर, लेकिन क्या सच में शुरू हुई है ‘प्रधानमंत्री फ्री रिचार्ज योजना’?

Free Recharge: Three months free recharge offer, but has ‘Pradhan Mantri Free Recharge Scheme’ really started? आजकल WhatsApp और सोशल मीडिया पर एक संदेश तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री मुफ्त रिचार्ज योजना’ के तहत भारतीय मोबाइल उपयोगकर्ताओं को तीन महीने का मुफ्त रिचार्ज देने का ऐलान किया है। लेकिन क्या यह सच है? नहीं! यह संदेश पूरी तरह फर्जी है। यह एक धोखाधड़ी है जो लोगों को गुमराह करने और उनकी निजी जानकारी चुराने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है।

इस लेख में, हम इस प्रकार के स्कैम के पीछे की हकीकत और लोगों को इससे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।


क्या है ‘प्रधानमंत्री मुफ्त रिचार्ज योजना’ के पीछे की सच्चाई?

यह फर्जी योजना एक झूठी अफवाह है जिसे स्कैमर्स ने फैलाया है। इस योजना के बारे में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सभी भारतीय मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए तीन महीने का मुफ्त रिचार्ज देने का फैसला किया है। लेकिन सरकार की ओर से ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है।

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी इस संदेश की जांच की है और इसे फर्जी करार दिया है। PIB ने स्पष्ट किया है कि यह स्कैम है, और किसी भी उपयोगकर्ता को इस तरह के संदेशों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।


कैसे काम करता है यह स्कैम?

  1. WhatsApp संदेश का प्रसार:
    स्कैमर्स एक आकर्षक और विश्वसनीय लगने वाला संदेश बनाते हैं और उसे सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, खासतौर पर WhatsApp के माध्यम से फैलाते हैं। संदेश में लिखा होता है कि सरकार तीन महीने के लिए मुफ्त रिचार्ज प्रदान कर रही है।
  2. लुभावना लिंक:
    इस संदेश में एक लिंक होता है, जिसे क्लिक करने पर उपयोगकर्ता को किसी वेबसाइट पर ले जाया जाता है। यह वेबसाइट दिखने में सरकारी वेबसाइट की तरह लग सकती है, लेकिन वास्तव में यह फर्जी होती है।
  3. निजी जानकारी की चोरी:
    वेबसाइट उपयोगकर्ता से उनके नाम, फोन नंबर, पता, और अन्य व्यक्तिगत जानकारी भरने के लिए कहती है। इसके बाद, ये जानकारी स्कैमर्स द्वारा चुराई जाती है और इसका दुरुपयोग किया जाता है।
  4. मालवेयर और वायरस का खतरा:
    इस प्रकार के फर्जी लिंक पर क्लिक करने से आपके फोन या डिवाइस में मालवेयर या वायरस डाउनलोड हो सकता है, जिससे आपकी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी खतरे में पड़ सकती है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे स्कैम

यह पहली बार नहीं है जब इस प्रकार का स्कैम सामने आया हो। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद भी ऐसा ही एक संदेश वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की खुशी में सभी उपयोगकर्ताओं को 599 रुपये का मुफ्त रिचार्ज दिया जाएगा।

यह संदेश भी उसी तरह का फर्जी दावा था, और इसे भी जनता को गुमराह करने के लिए बनाया गया था।


PIB फैक्ट चेक की सलाह

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इन प्रकार के संदेशों को लेकर जनता को जागरूक किया है। उनकी फैक्ट चेक टीम ने बताया है कि:

  1. ऐसे संदेश झूठे होते हैं।
  2. किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
  3. अपनी निजी जानकारी कभी भी किसी फर्जी वेबसाइट पर न डालें।
  4. स्कैम की जानकारी मिलने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।

कैसे पहचानें फर्जी संदेश?

  1. अधिकृत स्रोत पर ध्यान दें:
    अगर किसी योजना या ऑफर के बारे में दावा किया जा रहा है, तो सबसे पहले उसकी पुष्टि सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या भरोसेमंद समाचार माध्यम से करें।
  2. लुभावने दावों से बचें:
    “तीन महीने का फ्री रिचार्ज,” “599 रुपये मुफ्त में,” जैसे आकर्षक वादे आमतौर पर फर्जी होते हैं।
  3. लिंक की जांच करें:
    फर्जी लिंक अक्सर लंबे और अजीब दिखने वाले होते हैं। जैसे, xyz.fakerecharge.com। आधिकारिक वेबसाइट हमेशा भरोसेमंद डोमेन जैसे .gov.in पर आधारित होती है।
  4. व्यक्तिगत जानकारी न दें:
    अगर कोई ऑफर आपसे निजी जानकारी मांगता है, तो सतर्क हो जाएं।

सरकार की योजनाओं की वास्तविक जानकारी कैसे प्राप्त करें?

  1. आधिकारिक वेबसाइट:
    प्रधानमंत्री या किसी सरकारी योजना की जानकारी के लिए www.india.gov.in या संबंधित मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं।
  2. सोशल मीडिया:
    सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स से जानकारी प्राप्त करें।
  3. समाचार माध्यम:
    भरोसेमंद समाचार एजेंसियां और चैनल भी सटीक जानकारी देते हैं।
  4. PIB फैक्ट चेक:
    किसी भी संदिग्ध सूचना की जांच के लिए PIB Fact Check का उपयोग करें।

स्कैम से बचने के उपाय

  1. संदेश को अनदेखा करें:
    ऐसे संदेशों को फॉरवर्ड न करें और तुरंत डिलीट कर दें।
  2. लिंक पर क्लिक न करें:
    संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  3. ऐप्स को अपडेट रखें:
    अपने मोबाइल और अन्य डिवाइस पर एंटीवायरस और सुरक्षा सुविधाओं को अपडेट रखें।
  4. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें:
    अगर आपको किसी स्कैम के बारे में पता चलता है, तो इसे साइबर अपराध विभाग या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।

क्या करें अगर आप स्कैम का शिकार हो जाएं?

  1. बैंक और मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करें:
    अगर आपने किसी फर्जी लिंक पर क्लिक किया है और बैंक विवरण साझा किया है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।
  2. पुलिस में शिकायत दर्ज करें:
    साइबर अपराध विभाग में शिकायत करें।
  3. पासवर्ड बदलें:
    अगर आपने किसी लिंक पर क्लिक किया है, तो अपने सभी महत्वपूर्ण अकाउंट्स के पासवर्ड तुरंत बदल लें।
  4. मालवेयर स्कैन करें:
    अपने डिवाइस को एंटीवायरस से स्कैन करें।

निष्कर्ष

‘प्रधानमंत्री मुफ्त रिचार्ज योजना’ पूरी तरह से एक फर्जी स्कैम है। यह संदेश केवल लोगों को गुमराह करने और उनकी निजी जानकारी चुराने के लिए फैलाया जा रहा है। सरकार ने स्पष्ट रूप से इस योजना का खंडन किया है, और जनता को ऐसे धोखाधड़ी वाले संदेशों से सतर्क रहने की सलाह दी है।

आज के डिजिटल युग में, हमें अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के फर्जी संदेश या लिंक के झांसे में नहीं आना चाहिए। जानकारी के लिए हमेशा अधिकृत स्रोतों पर भरोसा करें और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें।

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