Health Alert: Drinking tea with tea bags can cause serious health problems, know what are the risks. : चाय, जो दुनिया भर में एक बेहद लोकप्रिय पेय है, अक्सर हमारे दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है। भारत में तो लगभग हर व्यक्ति सुबह-शाम चाय पीता है। यह न केवल ऊर्जा प्रदान करती है,
बल्कि कई लोगों के लिए यह आराम और ताजगी का एहसास भी कराती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी पसंदीदा चाय आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी लाभकारी या हानिकारक हो सकती है? खासकर अगर आप टी-बैग वाली चाय का सेवन करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम हो सकती है। हाल ही में हुए एक अध्ययन ने यह खुलासा किया है कि टी-बैग वाली चाय, खासकर अगर वह प्लास्टिक युक्त हो, तो यह आपके स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है, और इसके दीर्घकालिक परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
चाय पीने के लाभ और नुकसान
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चाय पीने के लाभों और नुकसानों पर लंबे समय से बहस होती रही है। अगर आप पारंपरिक तरीके से चाय बनाते हैं, जैसे कि ताजे पत्तियों से बनी चाय बिना चीनी और दूध के, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है। वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि बिना दूध और चीनी वाली चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हृदय रोग, मधुमेह, और कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। लेकिन अगर आप टी-बैग से बनी चाय पीते हैं, तो हालिया शोध के मुताबिक, यह आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। खासकर जब चाय में प्लास्टिक की सामग्री का उपयोग होता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। (Drinking tea with tea bags)
टी-बैग में छिपे खतरनाक माइक्रोप्लास्टिक कण
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टी-बैग से बनी चाय के बारे में हाल के शोध से यह सामने आया है कि जब प्लास्टिक युक्त टी-बैग को गर्म पानी में डाला जाता है, तो इसके अंदर से अरबों की संख्या में सूक्ष्म प्लास्टिक कण (माइक्रोप्लास्टिक) निकलते हैं। ये कण चाय के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। जर्नल केमोस्फियर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जब टी-बैग को गर्म पानी में डाला जाता है, तो उसमें से नैनो और माइक्रो प्लास्टिक कण निकलते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं में अवशोषित हो जाते हैं।
शोध के निष्कर्ष और चिंताएं
ऑटोनोमस यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना (UAB) के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को किया। उनके अनुसार, प्लास्टिक युक्त टी-बैग को गर्म पानी में डालने से इससे नैनो प्लास्टिक कण रिलीज होते हैं, जो सीधे हमारे शरीर में घुस जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक गंभीर समस्या बन सकती है, क्योंकि यह प्रदूषण का एक नया रूप है, जो इंसान के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता, रिकार्डो मार्कोस डॉडर के मुताबिक, प्लास्टिक के कणों का आकार जितना छोटा होगा, उनका अवशोषण शरीर में उतना ही ज्यादा होगा।
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माइक्रोप्लास्टिक से होने वाले स्वास्थ्य खतरे
माइक्रोप्लास्टिक का मानव स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। अध्ययन में पाया गया कि चाय पीने के बाद, प्लास्टिक के कण हमारी आंतों में बलगम बनाने वाली कोशिकाओं द्वारा अवशोषित हो जाते हैं। इससे यह कण धीरे-धीरे रक्तप्रवाह और शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाते हैं। जब यह कण शरीर में प्रवेश करते हैं, तो लंबे समय तक इनका प्रभाव हार्मोनल सिस्टम पर पड़ता है, जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कैंसर, हार्मोनल विकार, और एंडोक्राइन डिसरप्शन का कारण बन सकता है।
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माइक्रोप्लास्टिक से शरीर के अंदर हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो प्रजनन, विकास और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, कुछ शोधों में यह भी सामने आया है कि माइक्रोप्लास्टिक के कण कोशिकाओं में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे कोशिका स्तर पर नुकसान हो सकता है और दीर्घकालिक रूप से यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
टी-बैग्स में कितने माइक्रोप्लास्टिक होते हैं?
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यूएबी के शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक युक्त टी-बैग्स से चाय बनाने के दौरान निकलने वाले माइक्रोप्लास्टिक कणों की मात्रा का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि प्लास्टिक युक्त टी-बैग्स से प्रति बूंद चाय में अरबों प्लास्टिक के सूक्ष्म कण निकलते हैं। उदाहरण के लिए, एक पॉलीप्रोपाइलीन युक्त टी-बैग से एक बूंद चाय में लगभग 1.2 बिलियन (120 करोड़) प्लास्टिक के सूक्ष्म कण निकल सकते हैं। इसके अलावा, सेल्यूलोज युक्त टी-बैग से 13.5 करोड़ कण और नायलॉन-6 युक्त टी-बैग से 81.8 लाख कण निकल सकते हैं। यह संख्या इतनी बड़ी है कि अगर इसे नियमित रूप से पीते हैं, तो आपके शरीर में इन सूक्ष्म कणों की मात्रा काफी बढ़ सकती है।
क्या करना चाहिए?
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि टी-बैग के इस्तेमाल से बचना चाहिए। अगर आप टी-बैग वाली चाय पीते हैं, तो सुनिश्चित करें कि बैग में प्लास्टिक की कोई सामग्री न हो। कुछ ब्रांड्स अब प्लास्टिक-मुक्त टी-बैग्स का उत्पादन कर रहे हैं, जिनमें बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग किया गया है। ऐसी चाय का सेवन करना बेहतर हो सकता है। इसके अलावा, आप पारंपरिक तरीके से चाय बना सकते हैं, जिसमें ताजे चाय पत्तों का उपयोग किया जाता है, जिससे माइक्रोप्लास्टिक के खतरे से बचा जा सकता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि अगर आप चाय पीने के शौक़ीन हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह चाय स्वच्छ और सुरक्षित हो। माइक्रोप्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में हम अपनी चाय और अन्य पेय पदार्थों को सुरक्षित रूप से ग्रहण कर सकें।
निष्कर्ष
Drinking tea with tea bags : टी-बैग से बनी चाय का सेवन, खासकर प्लास्टिक युक्त बैग से, एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर सकता है। माइक्रोप्लास्टिक कणों के शरीर में प्रवेश से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, चाय पीते समय यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी चाय के स्रोत और उसकी सामग्री के बारे में जागरूक रहें। आपको इस समस्या से बचने के लिए प्लास्टिक-मुक्त चाय बैग्स का चयन करना चाहिए और ताजे चाय पत्तों का ही उपयोग करना चाहिए। इस तरह हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं और माइक्रोप्लास्टिक के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।