CT 2025: Dhoni’s magic, which Ashwin, Karthik and superstars have not forgotten even today : 2013 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल का वह ऐतिहासिक मुकाबला आज भी क्रिकेट प्रेमियों की यादों में ताजा है। इंग्लैंड के खिलाफ इस निर्णायक मैच में भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 129 रनों का बचाव कर इतिहास रच दिया था। धोनी की असाधारण रणनीति और निर्णय लेने की क्षमता ने भारत को यह गौरव दिलाया। भारतीय क्रिकेट के दिग्गज जैसे रविचंद्रन अश्विन, दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना और आकाश चोपड़ा आज भी धोनी की उस चतुराई और खेल की समझ को याद करते हैं।
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धोनी की रणनीति: ट्रॉट के खिलाफ मास्टरस्ट्रोक
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भारत के पूर्व स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में धोनी ने उन्हें एक खास रणनीति अपनाने को कहा था। अश्विन ने कहा:
“मुझे आज भी याद है कि माही भाई मेरे पास आए और कहा—ट्रॉट को ओवर द स्टंप गेंदबाजी मत करो। अराउंड द विकेट गेंदबाजी करो। ट्रॉट लेग साइड पर खेलने की कोशिश करेगा और अगर गेंद स्पिन करेगी, तो वह स्टंप हो जाएगा।”
अश्विन ने यह रणनीति अपनाई और धोनी की भविष्यवाणी बिल्कुल सटीक साबित हुई। इस विकेट ने भारत को जीत के और करीब ला दिया।
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया का लचीलापन
पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी इस ऐतिहासिक जीत पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा:
“यह हमारे लिए खुद को साबित करने का मौका था। हमने दिखाया कि टीम इंडिया के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि जुनून है। इंग्लैंड की टीम लगभग जीत के कगार पर थी, लेकिन धोनी के कुछ रणनीतिक फैसलों ने पूरे मैच का रुख बदल दिया।”
धोनी की सूझबूझ और दबाव में सही निर्णय लेने की क्षमता ने भारतीय टीम को वह जीत दिलाई, जिसे आज भी याद किया जाता है।
ईशांत शर्मा का जादुई स्पेल: धोनी का मास्टरप्लान
इस मैच में ईशांत शर्मा की भूमिका भी बेहद खास रही। उनके पहले स्पेल में इंग्लिश बल्लेबाजों ने जमकर रन बटोरे थे, लेकिन धोनी ने उन पर भरोसा दिखाया और उन्हें एक बार फिर गेंद थमाई।
धोनी ने ईशांत को सलाह दी कि वह धीमी गेंद डालें और इस रणनीति का तुरंत प्रभाव दिखा। 17वें ओवर में ईशांत ने बैक-टू-बैक दो विकेट लिए—इयोन मॉर्गन और रवि बोपारा। इन दोनों के आउट होते ही इंग्लैंड का मैच जीतने का सपना चकनाचूर हो गया।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने इसे धोनी की कप्तानी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया। उन्होंने कहा:
“ईशांत शर्मा का यह स्पेल उनके करियर के सबसे बेहतरीन पलों में से एक था। धोनी को पता था कि कब और कैसे गेंदबाज से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना है।”
अश्विन पर आखिरी ओवर का दांव: धोनी की सूझबूझ
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मैच के अंतिम छह गेंदों के लिए धोनी ने एक बड़ा दांव खेला और अश्विन को गेंद थमा दी। आमतौर पर अंतिम ओवर तेज गेंदबाज डालते हैं, लेकिन धोनी ने अपनी सोच से परे जाकर यह जोखिम उठाया।
आकाश चोपड़ा ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा:
“धोनी को सिर्फ अश्विन की गेंदबाजी पर ही नहीं, बल्कि उनके मानसिक संतुलन और दबाव झेलने की क्षमता पर भी पूरा भरोसा था। 20वें ओवर में स्पिनर से गेंदबाजी कराना बहुत बड़ा जोखिम था, लेकिन धोनी को पता था कि अश्विन इसे निभा लेंगे।”
अश्विन ने इस फैसले को सही साबित किया और भारत ने 5 रनों से जीत दर्ज कर ली।
सुरेश रैना की तुलना 2011 विश्व कप से
टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर सुरेश रैना ने इस जीत की तुलना 2011 वर्ल्ड कप जीत से की। उन्होंने कहा:
“2011 विश्व कप में भी हमने कठिन परिस्थितियों का सामना किया था। लेकिन 2013 चैंपियंस ट्रॉफी की यह जीत हमें यह सिखाती है कि जब आप मेहनत और टीम वर्क पर भरोसा करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।”
रैना के अनुसार, यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं था, बल्कि भारतीय टीम की प्रतिबद्धता और संघर्षशीलता का प्रमाण था।
CT 2025 में क्या करेगा भारत?
अब, जब 2025 चैंपियंस ट्रॉफी करीब आ रही है, तो भारतीय टीम एक बार फिर अपने गौरव को दोहराने के इरादे से मैदान में उतरेगी।
भारत 20 फरवरी 2025 को दुबई में बांग्लादेश के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा। इसके बाद 23 फरवरी को भारत-पाकिस्तान मुकाबला होगा, जो पूरे क्रिकेट जगत की निगाहों का केंद्र बनेगा।
निष्कर्ष
2013 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक सुनहरा अध्याय है। धोनी की कप्तानी, ईशांत का शानदार स्पेल, अश्विन का आखिरी ओवर, और पूरी टीम का जज्बा—इन सभी ने मिलकर भारत को यह प्रतिष्ठित खिताब दिलाया।
आज भी, जब क्रिकेट की रणनीति की बात होती है, तो इस मैच में धोनी द्वारा लिए गए फैसलों को मिसाल के तौर पर देखा जाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में भी यही करिश्मा दोहरा पाएगी?