Cyber security agency alerts

Alert: गूगल पर यह सर्च करते ही हैक हो सकता है आपका सिस्टम, साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने किया अलर्ट

Cyber security agency alerts क्या आपने कभी सोचा था कि गूगल पर कुछ सामान्य सर्च करने से आपका कंप्यूटर हैक हो सकता है? यह सुनकर शायद आपको विश्वास न हो, लेकिन यह सच है! साइबर सिक्योरिटी एजेंसी Sophos ने इस खतरनाक साइबर हमले को लेकर लोगों को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि कुछ खास सर्च शब्दों के जरिए हैकर्स आपके सिस्टम में मालवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं। खासकर, जब आप गूगल पर बिल्लियों से जुड़ी जानकारी सर्च करते हैं, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, Sophos ने SEO-पॉयजनिंग (Search Engine Optimization poisoning) के जरिए साइबर हमलावरों के नए तरीके को उजागर किया है, जो आपकी सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं।

SEO-पॉयजनिंग: एक नई हैकिंग रणनीति

SEO-पॉयजनिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) के माध्यम से हमला करने का एक तरीका है। इस तकनीक में साइबर हमलावर कुछ खास सर्च शब्दों का चयन करते हैं, जो Google जैसे सर्च इंजनों में उच्च स्थान प्राप्त करते हैं। इन विशेष शब्दों के जरिए वे मालवेयर से भरे लिंक बनाते हैं और इन्हें इंटरनेट पर प्रमुखता से दिखाते हैं। जब कोई यूज़र इन लिंक पर क्लिक करता है, तो उनका कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस संक्रमित हो जाता है और मालवेयर आपके सिस्टम में प्रवेश कर लेता है।

साइबर सिक्योरिटी एजेंसी Sophos ने इस हमले के लिए एक उदाहरण साझा किया है, जिसमें “बंगाल कैट्स” (Bengal Cats) और ऑस्ट्रेलिया में उनके कानूनी होने पर आधारित सर्च शब्दों का इस्तेमाल किया गया। जब कोई व्यक्ति गूगल पर “Are Bengal Cats legal in Australia?” (क्या ऑस्ट्रेलिया में बंगाल बिल्लियों को रखना कानूनी है?) सर्च करता है, तो वह संक्रमित लिंक पर क्लिक कर सकता है और इसके बाद उसका सिस्टम हैक हो सकता है।

कैसे काम करती है यह तकनीक?

Sophos की रिपोर्ट में बताया गया है कि साइबर हमलावर SEO पॉयजनिंग का इस्तेमाल करते हुए एक बहुत ही सामान्य सर्च परिणाम के रूप में लिंक को प्रस्तुत करते हैं। जब कोई यूज़र एक सामान्य सवाल जैसे “क्या ऑस्ट्रेलिया में बंगाल बिल्लियों को रखना कानूनी है?” सर्च करता है, तो यह लिंक सर्च रिजल्ट्स में सबसे ऊपर आ जाता है। इन लिंक पर क्लिक करने के बाद, यूज़र एक संदिग्ध वेबसाइट पर रीडायरेक्ट हो जाता है, जो मालवेयर से संक्रमित होती है।

Sophos ने यह भी बताया कि जैसे ही यूज़र उस लिंक पर क्लिक करता है, एक .zip फाइल डाउनलोड हो जाती है, जो सिस्टम में प्रवेश करने के बाद मालवेयर इंस्टॉल कर सकती है। उदाहरण के लिए, इस मामले में, C:\Users\Downloads\Are_bengal_cats_legal_in_australia_33924.zip नामक एक फाइल डाउनलोड हो रही थी, और इसके साथ ही यूज़र को एक खतरनाक लिंक पर रीडायरेक्ट किया जा रहा था: hxxps://www.chanderbhushan.com/doc.php। यह लिंक सीधा हमलावरों की वेबसाइट पर भेजता है, जहां से आपका सिस्टम पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

किसे है इस हमले का खतरा?

इस हमले से विशेष रूप से उन लोगों को खतरा है जो सामान्यत: इंटरनेट पर बिल्लियों से संबंधित जानकारी या अन्य सामान्य सवालों के लिए सर्च करते हैं। इस प्रकार के हमले में साइबर क्रिमिनल्स अपने हमलों को सामान्य और आकर्षक बनाने के लिए लोकप्रिय विषयों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि यूज़र्स उन्हें अनजाने में खोल लें। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक गंभीर प्रकार का साइबर हमला है, जो सिर्फ एक सामान्य सर्च से हो सकता है, और इसका शिकार कोई भी बन सकता है।

Sophos की सलाह: बचाव के उपाय

Sophos ने इस हमले से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनका पालन करके आप अपने सिस्टम को सुरक्षित रख सकते हैं:

  1. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: यदि आप किसी वेबसाइट पर पहुंचते हैं और वह साइट संदिग्ध या अजनबी लगती है, तो वहां क्लिक करने से बचें। हमेशा जांचें कि URL सही है और वह सुरक्षा प्रमाणपत्र (HTTPS) से कनेक्टेड है या नहीं।
  2. एंटीवायरस और सुरक्षा सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें: अपने सिस्टम में एक अच्छा एंटीवायरस प्रोग्राम इंस्टॉल करें और उसे नियमित रूप से अपडेट रखें। यह आपको मालवेयर और वायरस से बचाने में मदद करेगा।
  3. सुरक्षित सर्च इंजन का उपयोग करें: कुछ सर्च इंजनों में सुरक्षा सुविधाएं होती हैं जो खतरनाक वेबसाइटों को ब्लॉक कर देती हैं। ऐसे सर्च इंजन का उपयोग करें जो सुरक्षा को प्राथमिकता देते हों।
  4. सिस्टम पर मॉनिटरिंग टूल्स का इस्तेमाल करें: अगर आपको लगता है कि आपका सिस्टम संक्रमित हो सकता है, तो आप साइबर सुरक्षा टूल्स का इस्तेमाल करके अपने सिस्टम की निगरानी कर सकते हैं।
  5. सुरक्षा चेतावनियों पर ध्यान दें: यदि आपके ब्राउज़र या सिस्टम में कोई सुरक्षा चेतावनी आती है, तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत कार्रवाई करें।
  6. लिंक का स्रोत जांचें: किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले, सुनिश्चित करें कि वह लिंक भरोसेमंद स्रोत से है। लिंक के स्रोत की जांच करना आपके सिस्टम को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।

साइबर सिक्योरिटी एजेंसियों का महत्व

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है, और इसे नजरअंदाज करना आपकी साइबर सुरक्षा को जोखिम में डाल सकता है। साइबर सुरक्षा एजेंसियों का काम ऐसे खतरों को पहचानना और लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक करना है। Sophos जैसी एजेंसियों का योगदान इस तरह के खतरों से निपटने में महत्वपूर्ण है, और वे हमेशा नई तकनीकों के माध्यम से हमलावरों के तरीके को पहचानने और उसे रोकने के लिए काम कर रही हैं।

निष्कर्ष

गूगल पर एक सामान्य सर्च भी अब आपके कंप्यूटर के लिए खतरा बन सकता है। साइबर हमलावर SEO-पॉयजनिंग का उपयोग करके अपने मालवेयर लिंक को सर्च रिजल्ट्स में सबसे ऊपर लाते हैं। इससे बचने के लिए, यूज़र्स को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। यदि आप किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करते हैं, तो आपका सिस्टम संक्रमित हो सकता है और हैकर्स उस पर कब्जा कर सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि हम अपने सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए सही उपायों का पालन करें और साइबर खतरों से खुद को बचाएं।

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