Akash Garg UPSC: Achieved success not by studying for hours but by smart strategy, know the story of Akash Garg’s UPSC rank-5 : यूपीएससी की परीक्षा भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हर साल लाखों युवा इस सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन सफलता केवल कुछ ही को मिलती है। उन्हीं में से एक नाम है आकाश गर्ग, जिन्होंने UPSC CSE 2024 में ऑल इंडिया रैंक-5 हासिल करके सबको चौंका दिया।
लेकिन उनकी इस सफलता के पीछे कोई घंटों-घंटों की थकाऊ पढ़ाई नहीं, बल्कि एक स्मार्ट, रणनीतिक और आत्मविश्लेषण से भरी तैयारी रही। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे आकाश गर्ग ने बिना दिन-रात किताबों में डूबे हुए, यूपीएससी जैसी परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की।
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कौन हैं आकाश गर्ग? जानिए उनकी पृष्ठभूमि
आकाश गर्ग उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर से आते हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई हिंदी मीडियम से की थी, जिससे यह साबित होता है कि यूपीएससी में सफलता केवल अंग्रेजी माध्यम वालों की बपौती नहीं है। आकाश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
उनके पिता सरकारी नौकरी में थे और मां एक गृहिणी। बचपन से ही उनमें अनुशासन और मेहनत की आदत रही, लेकिन उन्होंने कभी भी पढ़ाई को मानसिक बोझ नहीं बनाया।
UPSC की तैयारी की शुरुआत: किताबों से नहीं, खुद को समझने से की
आकाश गर्ग ने कई इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत NCERT किताबों से नहीं, बल्कि खुद को समझने से की। उन्होंने सबसे पहले यह जानने की कोशिश की कि उनके अंदर क्या खास है, उन्हें किस विषय में रुचि है और किस तरीके से वह सबसे बेहतर तरीके से पढ़ सकते हैं।
उनका कहना है:
“UPSC केवल एक परीक्षा नहीं है, यह खुद को जानने और निखारने की प्रक्रिया है। यदि आप खुद को समझ लेते हैं, तो आधी जंग वहीं जीत लेते हैं।”
घंटों पढ़ाई नहीं, बल्कि क्वालिटी स्टडी पर ध्यान
आकाश ने पढ़ाई को समय से नहीं, बल्कि गुणवत्ता से मापा। उन्होंने कभी भी 10-12 घंटे की पढ़ाई नहीं की, बल्कि 4-6 घंटे की गहराई वाली पढ़ाई की।
उनकी रणनीति थी:
- रोज़ 3 से 4 विषयों पर काम करना
- पढ़ाई के बीच में माइंडफुल ब्रेक्स लेना
- हर दिन 30 मिनट का रिविजन अनिवार्य
- वीकेंड पर मॉक टेस्ट और पिछली गलतियों का विश्लेषण
इस स्मार्ट टाइम मैनेजमेंट के जरिए उन्होंने कम समय में ज्यादा आउटपुट प्राप्त किया।
सही स्रोतों का चुनाव: कम लेकिन प्रभावी सामग्री
UPSC की तैयारी में अक्सर छात्र दर्जनों किताबों और कोचिंग मटेरियल में उलझ जाते हैं। लेकिन आकाश ने केवल चुनिंदा और विश्वसनीय स्रोतों से ही पढ़ाई की। उनकी किताबों की सूची बेहद सीमित थी:
- NCERT (6वीं से 12वीं तक – केवल जरूरी चैप्टर्स)
- लक्ष्मी कांथ की ‘Indian Polity’
- रमेश सिंह की ‘Indian Economy’
- GC Leong की ‘Geography’
- स्पेक्ट्रम की ‘Modern History’
उन्होंने ऑनलाइन वीडियो लेक्चर्स, नोट्स और अखबारों को भी रिवीजन के तौर पर इस्तेमाल किया।
करंट अफेयर्स का अलग अंदाज़
करंट अफेयर्स यूपीएससी का अहम हिस्सा है। आकाश ने रोज़ अखबार पढ़ने के बजाय डेली करंट अफेयर्स शॉर्ट नोट्स बनाए, जो कि पूरे हफ्ते और महीने में समेकित रूप से उनका रिविजन करते थे।
उनका फॉर्मूला था:
- सिर्फ ‘The Hindu’ से जरूरी खबरें चुनना
- PIB (Press Information Bureau) की हेडलाइंस का संक्षेप
- मासिक करेंट अफेयर्स मैगज़ीन से आखिरी रिविजन
मॉक टेस्ट और आंसर राइटिंग की ताकत
यूपीएससी में केवल पढ़ना काफी नहीं होता, आंसर लिखने की भी कला होनी चाहिए। आकाश ने हर हफ्ते एक मॉक टेस्ट दिया और उसका गहन विश्लेषण किया। उन्होंने बताया:
“हर मॉक टेस्ट एक आईना है, जिसमें हम अपनी कमजोरियां साफ देख सकते हैं।”
वे हर उत्तर को इस तरीके से लिखते थे कि उसमें संरचना (Intro-Body-Conclusion) हो, डेटा और तथ्य शामिल हों और उत्तर में उनकी व्यक्तिगत राय संतुलित हो।
ऑप्शनल सब्जेक्ट की होशियारी से तैयारी
आकाश ने अपने ऑप्शनल विषय के रूप में Anthropology चुना, जो कि एक स्कोरिंग विषय माना जाता है। उन्होंने इस विषय की गहराई को समझने के लिए कुछ टॉपर के नोट्स पढ़े, ऑनलाइन लेक्चर देखे और उत्तरों में आरेखों (diagrams) का इस्तेमाल किया।
उनका मानना था कि ऑप्शनल में रैंक बनाने की सबसे बड़ी कुंजी है।
कोचिंग की भूमिका: गाइडेंस, न कि निर्भरता
हालांकि आकाश ने कुछ टेस्ट सीरीज और इंटरव्यू गाइडेंस के लिए कोचिंग जॉइन की थी, लेकिन उन्होंने कभी पूरी तरह से कोचिंग पर निर्भरता नहीं दिखाई। वे खुद की प्लानिंग और विश्लेषण को प्राथमिकता देते थे।
इंटरव्यू राउंड में खुद को किया पेश
UPSC इंटरव्यू राउंड में आकाश ने बेहद प्राकृतिक और विनम्र तरीके से खुद को पेश किया। उन्होंने किसी तरह की झूठी स्मार्टनेस नहीं दिखाई। जब कुछ प्रश्नों के जवाब नहीं पता थे, तो उन्होंने विनम्रता से माना।
उनके आत्मविश्वास और स्पष्ट दृष्टिकोण ने इंटरव्यू बोर्ड को प्रभावित किया।
यूपीएससी टॉपर्स के लिए टिप्स – आकाश गर्ग की जुबानी
- समझदारी से पढ़ो, सिर्फ पढ़ो मत।
- मॉक टेस्ट को गंभीरता से लो।
- अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस को जानो।
- हर दिन का एक लक्ष्य हो।
- बदलाव के लिए खुद में लचीलापन रखो।
निष्कर्ष: आकाश गर्ग की सफलता हर छात्र के लिए प्रेरणा
आकाश गर्ग की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को सिर्फ लंबी घंटों की पढ़ाई से नहीं, बल्कि समझदारी, रणनीति और आत्मविश्लेषण से भी पास किया जा सकता है। उन्होंने दिखा दिया कि सफलता उन लोगों को मिलती है जो स्मार्ट तरीके से मेहनत करते हैं और अपने आत्मविश्वास पर विश्वास बनाए रखते हैं।
अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, तो आकाश गर्ग की रणनीति आपके लिए एक गाइडलाइट बन सकती है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि हर सपने को साकार करने के लिए जरूरी नहीं कि आप सबसे तेज़ दौड़ें, बस सही दिशा में चलें।