बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन ने इंडस्ट्री में दो दशक से अधिक का समय बिताया है और उन्होंने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। अभिषेक बच्चन ने हमेशा अपनी अलग छवि बनाए रखी है और वह अक्सर अपनी फिल्मों के चयन को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में, उन्होंने खुलासा किया कि वे बोल्ड सीन्स क्यों नहीं करते और किस आधार पर फिल्मों का चयन करते हैं।बॉलीवुड में जहां आजकल बोल्ड और इंटीमेट सीन आम हो गए हैं, वहीं अभिषेक बच्चन ने इस ट्रेंड से दूरी बनाए रखी है। उनकी ज्यादातर फिल्मों में परिवारिक मूल्य, भावनात्मक गहराई और मनोरंजन को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। तो आइए जानते हैं कि उन्होंने इस बारे में क्या कहा और वे किस आधार पर अपनी फिल्मों का चयन करते हैं।—अभिषेक बच्चन ने क्यों नहीं किए बोल्ड सीन्स?अभिषेक बच्चन ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान इस सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे पर्दे पर बोल्ड और इंटीमेट सीन करने में सहज महसूस नहीं करते और इसकी कुछ खास वजहें हैं।1. पारिवारिक संस्कार और मूल्यअभिषेक बच्चन ने बताया कि वे एक ऐसे परिवार से आते हैं, जहां सिनेमा को एक कला और जिम्मेदारी के रूप में देखा जाता है। उनके माता-पिता, अमिताभ बच्चन और जया बच्चन, दोनों ही भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकार हैं। उन्होंने हमेशा ऐसी फिल्में की हैं, जिनका दर्शकों पर गहरा प्रभाव पड़ा है।अभिषेक ने कहा,”मैंने अपने माता-पिता से सीखा है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज को प्रभावित करने वाली ताकत भी है। मैं ऐसी फिल्मों में काम करना पसंद करता हूं, जिन्हें पूरा परिवार एक साथ बैठकर देख सके।”2. खुद की असहजताअभिषेक बच्चन ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से बोल्ड सीन्स करने में असहज महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एक अभिनेता के तौर पर वे अपने किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाना चाहते हैं, लेकिन अगर कोई सीन उन्हें खुद ही सहज महसूस नहीं कराता, तो उसे करने का कोई तर्क नहीं बनता।3. दर्शकों की उम्मीदें और छविअभिषेक बच्चन की छवि एक संजीदा, सुलझे हुए और पारिवारिक अभिनेता की रही है। उन्होंने कभी भी अपनी इस छवि को तोड़ने की कोशिश नहीं की, बल्कि इसे और मजबूत किया है। वे मानते हैं कि उनके दर्शक उनसे ऐसी फिल्मों की उम्मीद रखते हैं, जो परिवार के साथ देखी जा सकें।उन्होंने कहा,”मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्में हर उम्र के लोग देख सकें और कोई भी असहज महसूस न करे।”—अभिषेक बच्चन फिल्मों का चयन कैसे करते हैं?अभिषेक बच्चन का फिल्मों को चुनने का तरीका भी अलग है। वे सिर्फ बड़े बैनर या कमर्शियल सक्सेस को ध्यान में रखकर फिल्में साइन नहीं करते, बल्कि उनके लिए स्क्रिप्ट और किरदार ज्यादा मायने रखते हैं।1. स्क्रिप्ट सबसे महत्वपूर्णअभिषेक बच्चन ने कहा कि वे हमेशा स्क्रिप्ट को प्राथमिकता देते हैं। अगर स्क्रिप्ट अच्छी है और कहानी में दम है, तो वे फिल्म का हिस्सा बनने के लिए तैयार रहते हैं।”फिल्म को चुनने से पहले मैं यह देखता हूं कि इसकी कहानी कितनी मजबूत है। अगर कहानी लोगों को छूने वाली है, तो मैं जरूर उसका हिस्सा बनना चाहूंगा।”2. किरदार की गहराईअभिषेक बच्चन किरदारों की विविधता में विश्वास रखते हैं। उन्होंने गुरु, युवा, बंटी और बबली, पा, दसवीं, ब्रीद: इनटू द शैडोज़ जैसी फिल्मों और वेब सीरीज में बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। वे हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनका किरदार दमदार हो और कुछ नया करने का मौका मिले।”मैं वही किरदार निभाना पसंद करता हूं, जो चुनौतीपूर्ण हो और जो मुझे एक अभिनेता के तौर पर आगे बढ़ने में मदद करे।”3. परिवार और दर्शकों को ध्यान में रखनाअभिषेक बच्चन मानते हैं कि एक अभिनेता को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उसकी फिल्में उसके परिवार और दर्शकों के लिए सही हैं या नहीं। वे ऐसी फिल्मों में काम करना पसंद करते हैं, जिन्हें उनके माता-पिता, पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन और बेटी आराध्या बच्चन भी आराम से देख सकें।”मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी भविष्य में मेरी फिल्में देखे और उन पर गर्व करे। इसी वजह से मैं फिल्मों को चुनते समय इस बात का खास ख्याल रखता हूं कि उनमें ऐसी कोई चीज न हो, जिससे मैं खुद असहज महसूस करूं।”—अभिषेक बच्चन का करियर ग्राफअभिषेक बच्चन ने 2000 में फिल्म “रिफ्यूजी” से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। शुरुआती कुछ सालों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा, लेकिन “युवा”, “गुरु”, “बंटी और बबली”, “धूम” जैसी फिल्मों से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।उन्होंने न केवल कमर्शियल हिट फिल्में दी हैं, बल्कि वेब सीरीज और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके हैं। “ब्रीद: इनटू द शैडोज़” जैसी वेब सीरीज में उनके काम की काफी तारीफ हुई।—क्या अभिषेक बच्चन भविष्य में बोल्ड सीन्स करेंगे?अभिषेक बच्चन ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे अपनी कम्फर्ट ज़ोन में रहकर ही काम करना पसंद करते हैं। अगर भविष्य में कोई ऐसा प्रोजेक्ट आता है, जिसमें बोल्ड सीन की जरूरत हो लेकिन वह कहानी के लिए बहुत जरूरी हो, तो वे उस पर विचार कर सकते हैं।हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे बेवजह बोल्ड सीन करने के पक्ष में नहीं हैं।”अगर कोई सीन कहानी की मांग है और बिना किसी फिजूल की सनसनी के दिखाया जाता है, तो मैं उस पर विचार कर सकता हूं। लेकिन मैं सिर्फ ट्रेंड को फॉलो करने के लिए कोई सीन नहीं करूंगा।”—निष्कर्षअभिषेक बच्चन बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने अपनी अलग और सुलझी हुई छवि बनाई है। उन्होंने हमेशा कंटेंट-ड्रिवेन सिनेमा को प्राथमिकता दी है और फिजूल की बोल्डनेस से दूर रहे हैं।उनके अनुसार, फिल्मों में काम करने का उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना या ट्रेंड फॉलो करना नहीं होना चाहिए, बल्कि यह सोचना चाहिए कि आपकी फिल्म दर्शकों पर क्या प्रभाव डालेगी।आज के समय में, जहां ज्यादातर अभिनेता बोल्ड और एक्सपेरिमेंटल कंटेंट की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं अभिषेक बच्चन अपने संस्कारों, पारिवारिक मूल्यों और खुद की सहजता को ध्यान में रखते हुए फिल्में चुनते हैं। यही वजह है कि वे एक गंभीर और विश्वसनीय अभिनेता के रूप में दर्शकों के दिलों में जगह बना चुके हैं।अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में वे किस तरह की फिल्मों और किरदारों में नजर आते हैं!
अभिषेक बच्चन: पर्दे पर बोल्ड सीन्स ना करने की वजह साझा, बताया फिल्मों के चयन का तरीका
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