रविचंद्रन अश्विन: गौतम गंभीर के साथ रिश्ते और कोचिंग पर उनकी राय
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आगामी 10 टेस्ट मैचों की महत्वपूर्ण श्रृंखला के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अगले महीने बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली सीरीज उनके लिए खास होगी, क्योंकि यह नई भूमिका में मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में उनकी पहली सीरीज होगी। अश्विन ने गंभीर के साथ कई मैच खेले हैं और उन्हें भारतीय क्रिकेट के हीरो में से एक मानते हैं।
गौतम गंभीर के साथ रिश्ते पर अश्विन की राय
अश्विन ने अपने 14 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में अब तक 281 मैच खेले हैं और 744 विकेट लिए हैं। उन्होंने गौतम गंभीर के साथ अपने रिश्ते को लेकर कहा कि गंभीर एक बेहद ईमानदार और सीधे इंसान हैं, जिनके साथ उनके संबंध आज भी मजबूत हैं। अश्विन का मानना है कि गंभीर उन लोगों में से एक हैं जिनका हमेशा समर्थन किया जाना चाहिए क्योंकि वे भारतीय क्रिकेट के हीरो हैं।
कोच पर निर्भरता के विरोध में अश्विन
अश्विन कभी भी पारंपरिक रूप से कोच पर निर्भर रहने के पक्ष में नहीं रहे हैं। उनके अनुसार, खिलाड़ियों की कोच पर अत्यधिक निर्भरता उन्हें हठधर्मी बना सकती है। अश्विन का मानना है कि एक खिलाड़ी को अपने खेल के बारे में खुद जानकारी होनी चाहिए और खुद को सिखाने की क्षमता होनी चाहिए। यदि खिलाड़ी खुद को सुधारने में असमर्थ होते हैं, तो वे हमेशा किसी पर निर्भर रहेंगे, जो उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
कैरम बॉल पर महारत हासिल करने का सफर
अश्विन की विशेष कैरम बॉल, जिसने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को संघर्ष में डाल दिया, को समझने में उन्हें लगभग तीन साल का समय लगा। उन्होंने कहा कि 2006-07 से नेट्स में ऐसी गेंदें फेंकना शुरू किया, जो उनके लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट का दूसरा सत्र था। 2008 में विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान उन्होंने इस गेंद का इस्तेमाल किया और 2010 तक आत्मविश्वास हासिल करने में सफल रहे।
अश्विन का यह सफर और उनके विचार स्पष्ट करते हैं कि वे सिर्फ एक शानदार खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि खेल को गहराई से समझने वाले और उसे बेहतर तरीके से सीखने वाले भी हैं। गौतम गंभीर के साथ उनकी यह नई साझेदारी भारतीय क्रिकेट के लिए कई सकारात्मक परिणाम ला सकती है।