Naseem Shah: अपने पिता को क्रिकेट नहीं देखने देते हैं नसीम शाह, भारत के खिलाफ PAK की हार पर बोले
पाकिस्तान के 21 वर्षीय तेज गेंदबाज Naseem Shah ने खुलासा किया है कि भले ही उनके पिता उनकी गेंदबाजी के बड़े प्रशंसक हैं, लेकिन वह अपने पिता को कभी भी टेस्ट मैच या कोई बड़ा मुकाबला देखने नहीं देते। नसीम ने बताया कि क्रिकेटर की जिंदगी में कई ऐसी बातें होती हैं जो आम लोगों को नहीं पता होतीं। नसीम को भविष्य का बेहतरीन तेज गेंदबाज माना जा रहा है। उन्होंने अब तक 17 टेस्ट, 14 वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।
नसीम ने कहा, “कभी-कभी आप जीवन में छोटे-छोटे खुशी के क्षणों की तलाश में रहते हैं। मेरे पिता स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। एक समय था जब उन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ भी नहीं पता था, लेकिन अब वह हर गेंद देखते हैं और जब हम हारते हैं तो बहुत परेशान हो जाते हैं। इसलिए, हर बड़े मैच से पहले मैं अपने भाइयों को फोन करके सुनिश्चित करता हूं कि पिताजी मैच न देखें। मुझे डर है कि इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दबाव में ऐसा लगता है जैसे मैं एक साथ दो मैच खेल रहा हूं।”
नसीम ने टी20 विश्व कप 2024 में भारत-पाकिस्तान मैच के बारे में बात की, जहां पाकिस्तान 120 रन के मामूली लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रहा। 14वें ओवर तक 80/3 की स्थिति में होने के बावजूद पाकिस्तान यह मैच छह रन से हार गया। उन्होंने कहा, “ऐसे मैचों में कई भावनाएं जुड़ी होती हैं। मुझे उम्मीद नहीं थी कि परिणाम ऐसा निकलेगा। कुछ बातें ऐसी होती हैं जो आप अपने तक ही रखना चाहते हैं। उस समय मेरे सामने बहुत सी चीजें थीं। जीवन में बहुत कम ऐसे क्षण आए हैं जब मुझे किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत महसूस हुई है जो मुझे सकारात्मक बात कह सके।”
उन्होंने आगे कहा, “चाहे प्रशंसक हों या मीडिया, कोई भी टीम की हार से संतुष्ट नहीं हो सकता। मैं ऐसा इंसान हूं जो जीतना चाहता है। मैं तब भी निराश होता हूं जब घर पर या गली में खेलते हुए हार जाता हूं। मैं जीतने के लिए खेलता हूं, और विश्व कप से बाहर होने से मुझे बहुत दुख हुआ।”
शाह ने कहा कि वह अच्छे प्रदर्शन से पाकिस्तान के प्रशंसकों का दिल जीतना चाहते हैं। उन्होंने बताया, “लोग रेस्त्रां में मुझसे पूछते हैं कि हम क्यों हारे। यहां तक कि मेरे रिश्तेदार भी इसके बारे में सवाल करते हैं। मैं समझता हूं कि उनकी भावनाएं सोशल मीडिया से प्रभावित होती हैं, और एक खिलाड़ी के रूप में मैं उनकी बातों को सुन सकता हूं। ऐसे समय आते हैं जब लगता है कि अब और नहीं सुन सकता, लेकिन इसी से वापसी की प्रेरणा भी मिलती है। अब हमारे पास अच्छा क्रिकेट खेलकर फिर से दिल जीतने का मौका है।”