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शक्ति दुबे का संघर्ष और समर्पण

शक्ति दुबे की कहानी सिर्फ एक परीक्षा पास करने की नहीं है, बल्कि यह उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखते हैं। प्रयागराज की गलियों से निकलकर देश की सबसे कठिन परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल करना आसान नहीं था। शक्ति ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने पढ़ाई के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया—आर्थिक कठिनाई, समय की कमी और मानसिक दबाव, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।वे कहती हैं, “हर दिन जब थक जाती थी, तो खुद से कहती थी कि बस एक दिन और मेहनत कर ले, शायद यही दिन मेरा भविष्य बदल दे।” उनके इस आत्म-संवाद ने उन्हें हर बार नई ऊर्जा दी और अंततः उन्हें सफलता की ओर ले गया।परिवार का समर्थन और भूमिकाशक्ति के इस सफर में उनके परिवार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके माता-पिता ने आर्थिक तंगी के बावजूद उनकी पढ़ाई में कभी कोई बाधा नहीं आने दी। उन्होंने बताया कि उनकी मां ने घर के खर्चों में कटौती की, पिता ने अतिरिक्त काम किया ताकि शक्ति को किताबें और कोचिंग की फीस मिल सके।शक्ति कहती हैं, “मेरे माता-पिता मेरे पहले गुरू हैं। उन्होंने मुझ पर विश्वास किया, जब मैं खुद पर संदेह कर रही थी।”परीक्षा की तैयारी और रणनीतिशक्ति दुबे की तैयारी की रणनीति बेहद अनुशासित और केंद्रित थी। उन्होंने सबसे पहले NCERT की किताबों से बुनियादी ज्ञान प्राप्त किया, फिर स्टैंडर्ड बुक्स और न्यूज पेपर पढ़ने की आदत डाली।उनकी दिनचर्या सख्त थी – सुबह 6 बजे उठना, दिन में 8-10 घंटे पढ़ाई करना और हर सप्ताह मॉक टेस्ट देना। उन्होंने हर विषय पर शॉर्ट नोट्स बनाए, जिन्हें अंतिम समय में दोहराना आसान था।शक्ति ने ऑप्शनल विषय के रूप में पॉलिटिकल साइंस को चुना था और इस विषय में उन्होंने बेहतरीन अंक प्राप्त किए।मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यानUPSC की तैयारी केवल शैक्षणिक नहीं होती, यह एक मानसिक लड़ाई भी है। शक्ति दुबे ने अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा। जब भी उन्हें घबराहट होती या दबाव महसूस होता, वे ध्यान (मेडिटेशन) करतीं, परिवार से बात करतीं या हल्की फुल्की किताबें पढ़तीं।उनके अनुसार, “UPSC एक मैराथन है, स्प्रिंट नहीं। आपको लंबे समय तक मानसिक रूप से मजबूत रहना होता है।”समाज के लिए संदेशअपने परिणाम घोषित होने के बाद शक्ति दुबे ने कहा, “यह सफलता सिर्फ मेरी नहीं है, यह उन सभी लड़कियों की है जो छोटे शहरों से आती हैं और बड़े सपने देखती हैं। यह उनके लिए एक सबूत है कि अगर आप ठान लें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।”उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और प्रशासन में पारदर्शिता लाने की होगी।UPSC 2024: अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ेइस बार कुल 1016 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी, जिनमें से 1009 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। IAS, IPS, IFS, IRS और अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए नियुक्तियां की जाएंगी।सफल अभ्यर्थियों को जल्द ही कैडर आवंटन और प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा। उन्हें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षण दिया जाएगा।सोशल मीडिया पर बधाईयों का तांताशक्ति दुबे के रिजल्ट के बाद सोशल मीडिया पर बधाईयों की बाढ़ आ गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, BHU के कुलपति और कई अन्य शिक्षाविदों ने उन्हें बधाई दी है।लोगों ने शक्ति को “प्रयागराज की शेरनी” और “देश की बेटी” जैसे नामों से नवाजा है।निष्कर्ष: एक नई प्रेरणा का जन्मशक्ति दुबे की सफलता हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, अगर मन में लक्ष्य को पाने का जुनून हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। UPSC CSE जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में टॉप करना केवल ज्ञान का प्रमाण नहीं होता, यह धैर्य, आत्म-नियंत्रण और समर्पण का भी प्रतीक होता है।उनकी यह कहानी आने वाली पीढ़ियों को न सिर्फ पढ़ाई में मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि यह विश्वास भी दिलाएगी कि सपनों को साकार करने के लिए जरूरी नहीं कि आपके पास संसाधनों की भरमार हो, जरूरी है सिर्फ जज़्बा और संघर्ष करने की इच्छाशक्ति।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
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