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Samwad 2025: सेहत का संदेश – ‘सुबह का नाश्ता हल्का करें, दोपहर तक पाचन कमजोर होता है’, डॉ. मेहता के स्वास्थ्य टिप्स

Samwad 2025 के मंच पर जब वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ. राजीव मेहता ने माइक संभाला, तो पूरा सभागार ध्यान से उनकी बातों को सुनने लगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में लोग अपने काम में इतने व्यस्त हो चुके हैं कि उन्होंने अपनी सेहत को नजरअंदाज कर दिया है। खानपान की गलत आदतें, बेमेल दिनचर्या और तनावपूर्ण जीवनशैली हमें बीमारियों की ओर ले जा रही है। ऐसे में डॉ. मेहता ने कुछ सरल लेकिन प्रभावी सुझाव दिए, जिनका पालन करके हम बेहतर और लंबा जीवन जी सकते हैं।


1. सुबह का नाश्ता: हल्का और पौष्टिक रखें

डॉ. मेहता ने सबसे पहले दिन की शुरुआत के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा:

“लोगों को लगता है कि सुबह भरपेट और भारी नाश्ता करना जरूरी है, लेकिन सच्चाई यह है कि सुबह का समय हमारे शरीर के लिए पाचन के लिहाज़ से थोड़ा धीमा होता है। ऐसे में यदि हम भारी या तली-भुनी चीजें खा लें तो वह पूरी तरह से पच नहीं पातीं और इसका असर हमारी ऊर्जा और वजन पर पड़ता है।”

उन्होंने सुझाव दिया कि नाश्ते में फाइबर युक्त, हल्की और पौष्टिक चीजें खानी चाहिए जैसे:

  • ओट्स
  • मिक्स फ्रूट्स
  • नारियल पानी
  • हल्का उपमा या पोहा
  • अंकुरित दालें
  • गुनगुना पानी के साथ शहद और नींबू

उन्होंने जोर दिया कि नाश्ता “राजाओं की तरह” नहीं, बल्कि “संतुलित और पचने योग्य” होना चाहिए।


2. पाचन प्रक्रिया और उसका समय के साथ संबंध

डॉ. मेहता ने बताया कि हमारे शरीर की पाचन शक्ति दिन में बदलती रहती है। आमतौर पर:

  • सुबह 6 से 11 बजे तक – पाचन क्रिया कमजोर होती है।
  • दोपहर 12 से 2 बजे तक – पाचन शक्ति सबसे ज्यादा होती है।
  • शाम के बाद – शरीर धीमा हो जाता है, पाचन फिर कमजोर होने लगता है।

इसलिए, दोपहर का भोजन सबसे प्रमुख और संतुलित होना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और हरी सब्जियां शामिल हों।


3. पानी पीने का सही तरीका और समय

पानी पीने की आदत पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग या तो जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं या बिल्कुल कम। उन्होंने बताया:

  • भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। इससे पाचन रस कमजोर होते हैं।
  • खाली पेट गुनगुना पानी पीना लाभदायक है।
  • छोटे-छोटे घूंट लेकर पानी पीएं, एक बार में गिलास भरकर नहीं।

डॉ. मेहता के अनुसार, सही समय पर पानी पीना न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि त्वचा, वजन और ऊर्जा के स्तर को भी बेहतर बनाता है।


4. रात का खाना – जितना जल्दी, उतना अच्छा

रात के खाने के बारे में उन्होंने कहा:

“हम अक्सर दिनभर की थकान के बाद रात में अच्छा और भरपूर खाना खाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यही हमारी सबसे बड़ी गलती होती है।”

उन्होंने सुझाव दिया:

  • रात का खाना 7 से 8 बजे के बीच कर लेना चाहिए।
  • भारी, तला-भुना भोजन टालें
  • खाने के बाद कम से कम 20 मिनट टहलें

उन्होंने बताया कि देर से खाना खाने से न केवल पाचन खराब होता है, बल्कि यह वजन बढ़ने और नींद खराब होने का कारण भी बन सकता है।


5. तनाव मुक्त जीवन के लिए खानपान का योगदान

डॉ. मेहता ने यह भी बताया कि तनाव और डिप्रेशन का एक बड़ा कारण असंतुलित आहार है। उन्होंने कहा कि जब हम संतुलित और समय पर भोजन करते हैं, तो शरीर में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे ‘हैप्पी हार्मोन्स’ का उत्पादन बेहतर होता है।

तनाव कम करने वाले आहार के उदाहरण:

  • केले (Banana)
  • डार्क चॉकलेट (थोड़ी मात्रा में)
  • बादाम और अखरोट
  • दही और छाछ
  • हरी पत्तेदार सब्जियां

6. फास्ट फूड और प्रोसेस्ड खाने से बचाव

डॉ. मेहता ने आज के युवाओं को विशेष रूप से चेतावनी दी कि फास्ट फूड, रेडी टू ईट मील, और प्रोसेस्ड फूड शरीर के लिए धीमा ज़हर हैं। उन्होंने बताया कि इनमें ट्रांस फैट, अधिक नमक और प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो लंबे समय में कई बीमारियों जैसे डायबिटीज़, हाई बीपी और हृदय रोग को जन्म देते हैं।

वैकल्पिक रूप में उन्होंने सुझाया:

  • घर का बना खाना
  • फल और सलाद
  • लो-सोडियम नमक
  • हर्बल चाय

7. आहार के साथ जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी

सिर्फ खानपान ही नहीं, बल्कि हमारे सोने-जागने का समय, फिजिकल एक्टिविटी, और मेंटल हेल्थ भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।

डॉ. मेहता के जीवनशैली टिप्स:

  • सुबह जल्दी उठें, दिन की शुरुआत योग या प्राणायाम से करें।
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट चलें या एक्सरसाइज करें
  • स्क्रीन टाइम सीमित करें, विशेषकर रात के समय।
  • हर 1 घंटे में 5 मिनट की स्ट्रेचिंग या ब्रेक लें, अगर आप लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं।

8. साप्ताहिक डिटॉक्स और उपवास

उन्होंने सुझाव दिया कि हर व्यक्ति को हफ्ते में एक बार हल्का उपवास रखना चाहिए या डिटॉक्स डे मनाना चाहिए। इसमें फल, जूस, नारियल पानी और उबली सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।

इससे शरीर को आराम मिलता है और आंतों की सफाई होती है


निष्कर्ष: छोटे बदलाव, बड़ा असर

डॉ. मेहता ने Samwad 2025 के मंच से यह स्पष्ट किया कि सेहतमंद जीवन पाने के लिए कोई बड़ी औषधि या इलाज नहीं चाहिए, बल्कि छोटे-छोटे सुधार चाहिए। अगर हम अपने दिन की शुरुआत सही ढंग से करें, संतुलित खाएं, सही समय पर सोएं और कुछ समय खुद के लिए निकालें, तो बीमारियां हमसे कोसों दूर रहेंगी।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या सुबह खाली पेट फल खाना सही है?
हाँ, खासकर मौसमी फल और पपीता जैसे फल पाचन के लिए अच्छे माने जाते हैं।

Q2. क्या हर दिन उपवास करना ठीक है?
हर दिन नहीं, लेकिन हफ्ते में एक बार हल्का उपवास या डिटॉक्स डे लाभकारी होता है।

Q3. रात का खाना देर से खाने से क्या समस्या हो सकती है?
पाचन खराब होता है, वजन बढ़ता है और नींद पर असर पड़ता है।

Q4. डॉ. मेहता का सबसे जरूरी सुझाव क्या था?
सुबह का नाश्ता हल्का और पौष्टिक रखें, क्योंकि सुबह शरीर की पाचन शक्ति कमजोर होती है।

Q5. तनाव और खानपान का क्या संबंध है?
गलत खानपान से तनाव बढ़ता है और संतुलित आहार से ‘हैप्पी हार्मोन’ बढ़ते हैं जिससे तनाव कम होता है।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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