Google search engine
HomeEntertainmentमहाकुंभ: बिजली विभाग ने 211 करोड़ खर्च कर कमाए 28 करोड़, 45...

महाकुंभ: बिजली विभाग ने 211 करोड़ खर्च कर कमाए 28 करोड़, 45 दिन में 3.20 करोड़ यूनिट से रोशन हुआ महाकुंभ

Maha Kumbh: Electricity department spent 211 crores and earned 28 crores, Maha Kumbh was lit with 3.20 crore units in 45 days : महाकुंभ मेले में इस बार बिजली की खपत ने नए रिकॉर्ड बनाए। पूरे 45 दिनों के आयोजन के दौरान कुल 3.20 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई, जिससे विद्युत विभाग को नौ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से लगभग 28.80 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। हालांकि, यह कमाई बिजली सप्लाई और इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुए कुल 211.20 करोड़ रुपये के खर्च के मुकाबले बहुत कम रही। इस खर्च में ट्रांसफार्मर, केबल, खंभे, स्ट्रीट लाइट, और अन्य विद्युत सुविधाओं की स्थापना और रखरखाव शामिल था।

विद्युत आपूर्ति का विस्तृत प्रबंधन

Maha Kumbh: Electricity department spent 211 crores

महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया गया, जिसमें लाखों श्रद्धालु पहुंचे। विद्युत विभाग ने मेले की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए 54 हजार खंभे लगाए, जिन पर 1405 किलोमीटर एलटी लाइन और 182 किलोमीटर 11 केवी की एचटी लाइन बिछाई गई। पूरे मेला क्षेत्र को निर्बाध बिजली आपूर्ति देने के लिए 85 सब-स्टेशनों की व्यवस्था की गई।

मेले के दौरान बिजली की खपत का औसत अनुमान प्रतिदिन 30 मेगावोल्ट एम्पीयर (एमवीए) था, लेकिन वास्तविक खपत प्रतिदिन लगभग 27 एमवीए दर्ज की गई। बिजली की इस भारी मांग को पूरा करने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का भी सहारा लिया गया, जिसमें सोलर एनर्जी भी शामिल रही।

कनेक्शन और बिजली खपत का विस्तृत विश्लेषण

मेले के दौरान श्रद्धालुओं और व्यापारियों के लिए कुल 4.25 लाख से अधिक कैंप कनेक्शन बांटे गए। व्यावसायिक कनेक्शनों की बात करें तो इनके लिए लगभग 80 लाख यूनिट बिजली खर्च हुई, जिससे विद्युत विभाग को सात करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई।

इसके अलावा, पूरे शहर में भी बिजली की मांग बढ़ी। 45 दिनों के इस आयोजन के दौरान शहर में कुल 27.30 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई। यदि मेला क्षेत्र और शहरी क्षेत्र की कुल बिजली खपत को मिलाकर देखा जाए, तो यह 30.50 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई, जो मेले की खपत का लगभग 90% से अधिक था।

विद्युत आपूर्ति के लिए किया गया अनुमान और वास्तविकता

Maha Kumbh: Electricity department spent 211 crores

मेले के लिए पहले अनुमान लगाया गया था कि कुल पांच करोड़ यूनिट बिजली की खपत होगी, लेकिन वास्तविक खपत इससे कम रही और 3.20 करोड़ यूनिट पर सिमट गई। हालांकि, इस बिजली की सप्लाई और वितरण के लिए की गई तैयारियों में विभाग को काफी खर्च करना पड़ा।

विद्युत विभाग ने इस आयोजन के लिए कुल 380.20 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसे दो भागों में बांटा गया। पहला भाग मेला क्षेत्र के लिए था, जिसमें 211.20 करोड़ रुपये खर्च हुए, और दूसरा भाग शहर के लिए था, जिसमें 179 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। इस बजट में बिजली घर, ट्रांसफार्मर, केबल, स्ट्रीट लाइट और अन्य आवश्यक उपकरणों की स्थापना की गई।

मेले के बाद क्या हुआ?

मेले के समाप्त होने के बाद विद्युत विभाग द्वारा बिजली के तार, एलईडी लाइट्स, और ट्रांसफार्मर आदि को हटाने का काम किया गया। इन उपकरणों को महाकुंभ परिसर के पास बने गोदाम में सुरक्षित रखा गया है। इनमें से कुछ उपकरणों का उपयोग भविष्य में शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने में किया जाएगा।

महाकुंभ में बिजली प्रबंधन से मिली सीख

  1. बड़े आयोजन के लिए बिजली आपूर्ति की उचित योजना आवश्यक – इस मेले के दौरान विद्युत आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए किए गए प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे बड़े आयोजनों के लिए दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए।
  2. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ाया जाना चाहिए – इस बार कुछ स्थानों पर सोलर एनर्जी का उपयोग किया गया, लेकिन भविष्य में इसे और अधिक बढ़ाने की जरूरत है, ताकि लागत में कमी आए और बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
  3. राजस्व और खर्च के बीच संतुलन की आवश्यकता – विभाग को 211.20 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ा, जबकि उसे मात्र 28.80 करोड़ रुपये की आय हुई। भविष्य में, ऐसी योजनाएं बनाई जानी चाहिए जिससे लागत कम हो और राजस्व बढ़ सके।

अधिकारियों की राय

विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता मनोज गुप्ता ने बताया कि मेला क्षेत्र में बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए किए गए कार्यों से आने वाले आयोजनों के लिए अनुभव मिला है। उन्होंने कहा कि ’45 दिनों में 3.20 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई, वहीं चार लाख से अधिक कैंप कनेक्शन बांटे गए थे। मेले के समापन के बाद बचे उपकरणों को अब शहर की बिजली पूर्ति में इस्तेमाल किया जाएगा।’

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 में बिजली की भारी मांग को देखते हुए विद्युत विभाग ने व्यापक स्तर पर तैयारी की और मेले को रोशन करने के लिए बड़ी मात्रा में संसाधन लगाए। हालांकि, खर्च और आमदनी के बीच बड़ा अंतर यह दर्शाता है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए और बेहतर बजट प्रबंधन और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों से न केवल आध्यात्मिक बल्कि प्रशासनिक और तकनीकी सीख भी मिलती है, जो भविष्य में बड़े आयोजनों की तैयारी में सहायक सिद्ध होगी।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular