गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया का प्रदर्शन
Is everything right in the Indian team? Questions on the decision of coach Gautam Gambhir and BCCI : गौतम गंभीर ने जुलाई 2024 में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच का पद संभाला। हालांकि, उनकी कोचिंग में टीम का प्रदर्शन अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाया। टीम ने 10 टेस्ट मैचों में से छह में हार का सामना किया और श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज भी गंवा दी। इन नतीजों ने गंभीर की कोचिंग शैली और उनकी रणनीतियों पर सवाल खड़े किए हैं।
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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार और विवाद
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 की हार ने भारतीय टीम की कमियों को उजागर किया। यह हार सिर्फ खिलाड़ियों की फॉर्म का मुद्दा नहीं थी, बल्कि टीम के भीतर के मतभेद भी इसका कारण बने। सूत्रों के अनुसार, गंभीर और टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों के बीच संवादहीनता और विचारों का टकराव टीम के प्रदर्शन को प्रभावित कर रहा है।
बीसीसीआई की सख्ती और चैंपियंस ट्रॉफी की अहमियत
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गंभीर और टीम के प्रदर्शन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अगले महीने होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का प्रदर्शन गंभीर के भविष्य का फैसला करेगा। अगर टीम का प्रदर्शन खराब रहता है, तो गंभीर का कार्यकाल, जो 2027 विश्व कप तक है, खतरे में आ सकता है।
गंभीर का ‘सुपरस्टार कल्चर’ खत्म करने का प्रयास
गंभीर का मानना है कि भारतीय टीम में लंबे समय से चला आ रहा ‘सुपरस्टार कल्चर’ टीम के लिए हानिकारक है। वह इसे खत्म करना चाहते हैं और सभी खिलाड़ियों को समान दर्जा देने की वकालत करते हैं। हालांकि, यह विचार सीनियर खिलाड़ियों को रास नहीं आ रहा।
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एक उदाहरण के तौर पर, गंभीर ने दिल्ली रणजी टीम की कप्तानी करते हुए पिच के चयन को लेकर सीनियर खिलाड़ी की फरमाइश को खारिज कर दिया था। इसी तरह, आईपीएल 2012 के दौरान कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान रहते हुए उन्होंने फाइनल मैच में ब्रेंडन मैकुलम को बाहर बिठा दिया था।
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टीम संस्कृति पर सवाल
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद हुई बीसीसीआई की समीक्षा बैठक में टीम की संस्कृति पर चर्चा हुई। बताया गया कि गंभीर टीम में अनुशासन लाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कुछ सीनियर खिलाड़ी इससे असहमत हैं। गंभीर का मानना है कि टीम को व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
खिलाड़ियों और कोच के बीच मतभेद
टीम के सीनियर खिलाड़ियों और कोच के बीच मतभेद की खबरें तेज हो रही हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि गंभीर संवाद स्थापित करने में विफल रहे हैं, जबकि गंभीर का मानना है कि कुछ खिलाड़ी अनुशासनहीनता कर रहे हैं। अभ्यास और होटलों को लेकर खिलाड़ियों की फरमाइशें गंभीर को खटक रही हैं।
फैंस और पूर्व क्रिकेटरों की राय
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टीम के प्रदर्शन को लेकर फैंस और पूर्व क्रिकेटरों ने भी अपनी नाराजगी जताई है। गंभीर की रणनीतियों और खिलाड़ियों के चयन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। फैंस का मानना है कि भारतीय टीम में बदलाव की जरूरत है ताकि टीम पुराने फॉर्म में लौट सके।
क्या चैंपियंस ट्रॉफी बदल सकता है समीकरण?
चैंपियंस ट्रॉफी भारतीय टीम और गौतम गंभीर दोनों के लिए निर्णायक होगी। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन करती है, तो यह गंभीर के लिए राहत की बात होगी। वहीं, खराब प्रदर्शन उनके कार्यकाल को समाप्त कर सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल कठिन दौर से गुजर रही है। खिलाड़ियों और कोच के बीच की खींचतान, खराब प्रदर्शन और बीसीसीआई का सख्त रवैया यह दर्शाता है कि टीम को बड़े बदलावों की जरूरत है। चैंपियंस ट्रॉफी में टीम का प्रदर्शन गंभीर के भविष्य और भारतीय क्रिकेट की दिशा तय करेगा।