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Year Ender 2024: कोविड वैक्सीन को लेकर ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ ईयर, कैंसर के टीकों ने जगाई नई उम्मीद

Year Ender 2024: ‘Black and white’ year regarding Covid vaccine, cancer vaccines raise new hopes : साल 2024 स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ बड़े बदलावों का साल बनकर उभरा है। वैक्सीनेशन और नई दवाओं के संदर्भ में यह वर्ष महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि इस दौरान कोविड-19 से संबंधित वैक्सीनेशन और कैंसर की रोकथाम के लिए किए गए नवाचारों ने बड़ी सुर्खियां बटोरीं। कोविड बूस्टर डोज, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और कैंसर के इलाज के लिए नए वैक्सीनेशन को लेकर वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित हुईं। आइए, 2024 के इस साल को इस संदर्भ में संक्षेप में देखें।

कोविड-19 और बूस्टर शॉट्स: सुरक्षा और डर का मिला-जुला माहौल

2024 की शुरुआत कोविड के एक नए वैरिएंट JN.1 के साथ हुई, जो ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट के रूप में सामने आया। इसने यूएस, यूके, भारत और अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि की। विशेषज्ञों ने 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को एक और बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी। भारत समेत कई देशों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड-19 के इस नए संस्करण से निपटने के लिए कोविड-19 के वैक्सीनेशन के बूस्टर डोज़ पर जोर दिया।

अमेरिका के Centers for Disease Control and Prevention (CDC) ने भी 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को अपनी अंतिम वैक्सीनेशन के चार महीने बाद एक और बूस्टर डोज़ लेने का परामर्श दिया। इस बूस्टर डोज़ से शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता था, जो भविष्य में कोविड संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार होने के जोखिम को कम कर सकता था।

हालांकि, इस दौरान वैक्सीनेशन को लेकर कुछ चिंताएँ भी उठीं। कुछ रिपोर्ट्स ने यह दावा किया कि कोविड-19 वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों को हृदय रोग, खासकर हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। इस रिपोर्ट ने दुनियाभर में डर का माहौल पैदा किया। हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने इन रिपोर्ट्स का खंडन किया और कहा कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसका हृदय रोगों से कोई संबंध नहीं है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी स्पष्ट किया कि कोविड-19 वैक्सीन से हार्ट अटैक का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और कोविड वैक्सीनेशन को जारी रखें।

कोविड-19 की दवाएँ: पैक्सलोविड से नई उम्मीदें

साल 2024 में कोविड-19 के उपचार को लेकर भी नई उम्मीदें जगीं। पैक्सलोविड नामक दवा को कोविड-19 के इलाज के लिए उपयोगी पाया गया। जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबियल कीमोथेरेपी में प्रकाशित शोध के अनुसार, पैक्सलोविड दवा कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को 84% तक कम कर सकती है। यह दवा विशेष रूप से उन मरीजों के लिए लाभकारी साबित हुई जिनमें कोविड-19 के गंभीर रूप लेने का खतरा था।

मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने भी यह पाया कि जिन मरीजों को पैक्सलोविड दिया गया, उनका अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम था। यह दवा कोविड-19 के इलाज में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उभरी, जिससे महामारी की गंभीरता को कम करने की दिशा में एक नई संभावना जन्मी।

सर्वाइकल कैंसर और टीकाकरण: एक और महत्वपूर्ण पहलू

2024 में सर्वाइकल कैंसर के बारे में भी काफी चर्चा हुई। जनवरी में, भारत समेत कई देशों में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता बढ़ी। इस दौरान एक घटना ने विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया, जब पूनम पांडे नामक एक अभिनेत्री ने सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पब्लिसिटी स्टंट किया और अपने कैंसर से मरने की झूठी खबर दी। बाद में उन्होंने इस घटना का खुलासा किया कि यह केवल एक पब्लिसिटी स्टंट था, ताकि सर्वाइकल कैंसर के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

इस घटना के बाद, भारत में सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए HPV वैक्सीनेशन को प्रोत्साहित किया। सरकारी बजट 2024-25 में इस दिशा में कई पहल की गईं, जिसमें वैक्सीनेशन की दर बढ़ाने की योजना शामिल थी। अध्ययनकर्ताओं ने यह बताया कि HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के खतरे को 90% तक कम करने में मदद कर सकता है। इसके कारण महिलाओं को इस घातक रोग से बचाने में मदद मिल सकती है।

कैंसर के खिलाफ नया मील का पत्थर: mRNA कैंसर वैक्सीन

2024 के अंत में, रूस ने एक नई mRNA आधारित कैंसर वैक्सीन के बारे में जानकारी साझा की, जिसे 2025 में लॉन्च करने की योजना है। यह वैक्सीन कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने और उन्हें नष्ट करने में मदद कर सकती है। रूस के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के महानिदेशक आंद्रेई काप्रिन ने कहा कि यह वैक्सीन कैंसर के जोखिमों से बचाव में मदद कर सकती है और रोगियों को मुफ्त में दी जाएगी।

प्री-क्लीनिकल ट्रायल्स में यह देखा गया है कि यह वैक्सीन ट्यूमर के आकार को घटाने और मेटास्टेसिस (कैंसर के फैलने) को रोकने में प्रभावी हो सकती है। अगर यह वैक्सीनेशन सफल होता है, तो यह कैंसर के इलाज में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है, जो लाखों लोगों की जान बचाने की दिशा में मदद करेगा।

समापन

साल 2024 का अंत स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध, नई दवाओं और वैक्सीनेशन की दिशा में सकारात्मक बदलाव लेकर आया है। कोविड-19 के बूस्टर शॉट्स और कोविड-19 की दवाओं ने महामारी से लड़ाई में मदद की, जबकि सर्वाइकल कैंसर और कैंसर के खिलाफ किए गए नवाचारों ने लोगों को नई उम्मीदें दीं। 2025 में रूस के mRNA कैंसर वैक्सीन के लॉन्च के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई एक नई दिशा में बढ़ेगी।

इस साल के अंत में, मानवता के स्वास्थ्य के लिए किए गए प्रयासों से हमें यह संदेश मिला कि विज्ञान और नवाचार किसी भी बीमारी को हराने में सक्षम हैं, और आने वाले वर्षों में हमें और भी बड़ी सफलताएँ देखने को मिल सकती हैं।

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