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IND vs AUS: बुमराह का खौफ, पिंक बॉल टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया में चर्चा का केंद्र

IND vs AUS: Bumrah’s fear, center of discussion in Australia before the pink ball test : जसप्रीत बुमराह, भारतीय क्रिकेट का ऐसा नाम जो विपक्षी टीमों के बल्लेबाजों के लिए खौफ का पर्याय बन चुका है। पर्थ टेस्ट में बुमराह की शानदार गेंदबाजी के बाद अब एडिलेड में होने वाले गुलाबी गेंद के टेस्ट मैच से पहले उनकी चर्चा ऑस्ट्रेलिया में जोरों पर है। वहां की मीडिया, खिलाड़ी और विशेषज्ञ उनकी गेंदबाजी को लेकर विचार कर रहे हैं और उन्हें रोकने के तरीके खोज रहे हैं। बुमराह ने पर्थ टेस्ट में अपनी घातक गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया को पस्त कर दिया था। इस मैच में उन्होंने 72 रन देकर आठ विकेट लिए और भारत को 295 रनों की यादगार जीत दिलाई।

ऑस्ट्रेलिया के महान विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने तो बुमराह को “तूफान” तक कह दिया है। उनका मानना है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को एडिलेड में इस तूफान का सामना करना होगा। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने भी माना कि बुमराह को खेलना आसान नहीं है और उनकी टीम को इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार होना पड़ेगा।

गुलाबी गेंद के साथ बुमराह का शानदार रिकॉर्ड

गुलाबी गेंद से खेला जाने वाला टेस्ट क्रिकेट पारंपरिक लाल गेंद की तुलना में थोड़ा अलग होता है। गुलाबी गेंद की चमक अधिक समय तक रहती है, जिससे तेज गेंदबाजों को लंबे समय तक मदद मिलती है। जसप्रीत बुमराह इस प्रारूप में भी काफी प्रभावी रहे हैं। उन्होंने अब तक तीन डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं और 14.50 की औसत से 10 विकेट लिए हैं। हालांकि, 2020 के एडिलेड टेस्ट में बुमराह सिर्फ दो विकेट ही ले सके थे, लेकिन उनकी लाइन और लेंथ ने उस मैच में भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशान किया था।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके प्रदर्शन को देखें तो बुमराह ने इस देश में आठ टेस्ट मैच खेले हैं और 18.80 की शानदार औसत से 40 विकेट लिए हैं। यह रिकॉर्ड ही यह बताने के लिए काफी है कि वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं।

पर्थ टेस्ट में बुमराह की तूफानी गेंदबाजी

पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से तहलका मचा दिया। उन्होंने 72 रन देकर आठ विकेट लिए और भारतीय टीम को शानदार जीत दिलाई। उनकी गेंदबाजी के आगे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज असहाय नजर आए। बुमराह ने नई और पुरानी दोनों गेंदों का इस्तेमाल करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को बैकफुट पर धकेल दिया।

पर्थ टेस्ट के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनकी जमकर तारीफ की। गिलक्रिस्ट ने बुमराह को “तूफान” कहते हुए कहा कि एडिलेड में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को इस तूफान का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि बुमराह की गेंदबाजी के खिलाफ धैर्य और दृढ़ता से खेलना होगा।

एडिलेड टेस्ट: कैरी का बयान

ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने बुमराह की तारीफ करते हुए उन्हें “शानदार गेंदबाज” कहा। उन्होंने कहा, “बुमराह ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। वह भारतीय टीम का प्रमुख गेंदबाज हैं।” हालांकि, कैरी ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज विश्वस्तरीय हैं और बुमराह समेत अन्य भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ समाधान निकालने में सक्षम हैं।

कैरी ने उम्मीद जताई कि एडिलेड में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पहले और दूसरे स्पैल का अच्छी तरह सामना करेंगे और जैसे-जैसे गेंद पुरानी होगी, वे बल्लेबाजी को गहराई तक ले जाएंगे। उन्होंने ट्रेविस हेड के पर्थ टेस्ट में दूसरी पारी के जवाबी आक्रमण का उदाहरण देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बुमराह के खिलाफ मजबूती से खेल सकते हैं।

गिलक्रिस्ट की सलाह: धैर्य और दृढ़ता

एडम गिलक्रिस्ट ने एडिलेड टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को बुमराह के खिलाफ धैर्यपूर्वक खेलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर बल्लेबाज क्रीज पर ज्यादा समय बिताते हैं तो बुमराह और अन्य भारतीय गेंदबाजों के खतरे को कम किया जा सकता है।

गिलक्रिस्ट ने मार्नस लाबुशाने और स्टीव स्मिथ जैसे प्रमुख बल्लेबाजों पर विशेष रूप से ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि लाबुशाने को अपनी जिम्मेदारी उठानी होगी और बुमराह का सामना करते हुए कम से कम 50 गेंदें धैर्यपूर्वक खेलनी होंगी। ऐसा करने से न केवल लाबुशाने अपनी खोई हुई फॉर्म में लौट सकते हैं, बल्कि टीम के बाकी बल्लेबाजों को भी आत्मविश्वास मिलेगा।

पर्थ टेस्ट में बुमराह की कप्तानी की तारीफ

पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया, जो उस पिच पर जोखिम भरा माना जा रहा था। इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज एलिस्टर कुक ने इस फैसले को साहसिक करार दिया। उन्होंने कहा, “यह एक साहसिक निर्णय था। अगर कोई और कप्तान होता, तो वह पहले गेंदबाजी करने का फैसला लेता। लेकिन बुमराह ने यह निर्णय लिया और यह दिखा दिया कि भारतीय टीम किसी भी परिस्थिति में जीतने के लिए आत्मविश्वास से भरी है।”

रविचंद्रन अश्विन को बाहर रखने का फैसला

पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम ने रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया। अश्विन, जिन्होंने 500 से अधिक टेस्ट विकेट लिए हैं, को बाहर रखना एक बड़ा निर्णय था। लेकिन यह फैसला सही साबित हुआ। कुक ने इसे भी बहादुरी भरा फैसला बताते हुए कहा, “अश्विन को बाहर रखना यह दर्शाता है कि भारतीय टीम अपने तेज गेंदबाजों पर कितना भरोसा करती है। नई गेंद के साथ बुमराह की मौजूदगी ने भारतीय टीम को पर्थ में बढ़त दिलाई।”

भारतीय टीम की मानसिकता

भारतीय टीम की सोच और रणनीति इस बात का सबूत है कि वह अब किसी भी परिस्थिति में खेलने और जीतने के लिए तैयार है। पर्थ टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने का फैसला और पहली पारी में 150 रन पर सिमटने के बावजूद धैर्य बनाए रखना यह दिखाता है कि यह टीम कितनी मानसिक रूप से मजबूत है।

निष्कर्ष

जसप्रीत बुमराह का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में उन गेंदबाजों में शामिल हो चुका है जो अपने प्रदर्शन से मैच का रुख पलटने की क्षमता रखते हैं। एडिलेड टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम, वहां की मीडिया और विशेषज्ञों के बीच उनकी चर्चा यह दिखाती है कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।

गुलाबी गेंद से उनकी गेंदबाजी और पर्थ टेस्ट में उनके प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया है कि बुमराह विपक्षी टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। भारतीय टीम की रणनीति, बुमराह की घातक गेंदबाजी और बल्लेबाजों का आत्मविश्वास यह दर्शाता है कि टीम इंडिया अब विश्व क्रिकेट में एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुकी है।

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Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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