रेलवे भर्ती 2014 से 2023: अब तक 5 लाख भर्तियां, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा खुलासा

Railway Recruitment 2014 to 2023: 5 lakh recruitments till now, big disclosure by Railway Minister Ashwini Vaishnav : भारतीय रेलवे देश की सबसे बड़ी रोजगार देने वाली संस्थाओं में से एक है। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि 2014 से अब तक रेलवे में कुल 5 लाख कर्मचारियों की भर्ती हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि 2004 से 2014 के दशक में यह संख्या 4.4 लाख थी। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट से जुड़ी हर अहम जानकारी।


2014 से अब तक 5 लाख भर्तियां

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नागपुर के अजानी रेलवे ग्राउंड में आयोजित अखिल भारतीय एससी/एसटी रेलवे कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में रेलवे ने 5 लाख कर्मचारियों की भर्ती की है। यह संख्या 2004-2014 के दशक से अधिक है।

इस घोषणा ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय रेलवे न केवल परिवहन का मजबूत माध्यम है, बल्कि देश में रोजगार सृजन में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


2004-2014 के बीच हुई 4.4 लाख भर्तियां

मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि 2004 से 2014 के दशक में रेलवे में कुल 4.4 लाख कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। यह संख्या वर्तमान दशक में रेलवे की बढ़ती जरूरतों और प्रगति को दर्शाती है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार वार्षिक भर्ती कैलेंडर की शुरुआत की गई है। यह कदम न केवल भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है, बल्कि इससे रोजगार के अवसरों में भी सुधार हुआ है।


अखिल भारतीय एससी/एसटी कर्मचारी संघ के अधिवेशन में संबोधन

इस कार्यक्रम में रेल मंत्री के साथ एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएल भैरव, मध्य रेलवे के महाप्रबंधक धर्मवीर मीना, और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की महाप्रबंधक नीनू भी उपस्थित थीं। मंत्री ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर किया।

उन्होंने कहा, “संविधान के प्रति सम्मान केवल एक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमारे कार्यों में भी झलकना चाहिए।” मंत्री ने संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर यह संदेश दिया।


स्मारिका का अनावरण और डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि

कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री ने एससी/एसटी कर्मचारी संघ की स्मारिका का अनावरण किया। इसके अलावा, उन्होंने दीक्षाभूमि में डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे वर्तमान में 12,000 सामान्य कोच का उत्पादन कर रहा है, जो रेलवे के तेज़ी से बढ़ते ढांचे और संचालन क्षमता का प्रमाण है।


रेलवे भर्ती कैलेंडर की शुरुआत

रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे में पहली बार वार्षिक भर्ती कैलेंडर लागू करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह पहल न केवल भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाएगी, बल्कि उम्मीदवारों के लिए योजना बनाने में भी मददगार साबित होगी।

इस कैलेंडर के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी वर्गों और क्षेत्रों को समान अवसर मिले। साथ ही, यह कदम पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा।


रेलवे का योगदान रोजगार सृजन में

भारतीय रेलवे हमेशा से रोजगार के बड़े स्रोतों में से एक रहा है। नई तकनीकों और परियोजनाओं के विस्तार के साथ, रेलवे में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में रेलवे में डिजिटलाइजेशन, तेज़ ट्रेनों की शुरुआत और बुनियादी ढांचे में सुधार के कारण कर्मचारियों की आवश्यकता बढ़ी है। इन भर्तियों से रेलवे को न केवल बेहतर सेवा देने में मदद मिली है, बल्कि इससे देश के युवाओं को स्थायी रोजगार भी मिला है।


प्रधानमंत्री मोदी की पहल की सराहना

रेल मंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को सराहा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री संसद में प्रवेश करने से पहले संविधान को नमन करते हैं, जो संविधान के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाता है।

मंत्री ने कहा, “संविधान का सम्मान हमारी ज़िम्मेदारी है। यह न केवल हमारे अधिकारों को सुरक्षित करता है, बल्कि हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है।”


रेलवे का भविष्य: नई परियोजनाओं और चुनौतियों के साथ आगे बढ़ना

भारतीय रेलवे का भविष्य अत्यधिक उज्जवल है। वर्तमान में बुलेट ट्रेन परियोजना, सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों की शुरुआत, और यात्री सुविधाओं में सुधार जैसी योजनाओं पर काम हो रहा है।

इन योजनाओं के तहत रेलवे में और अधिक भर्तियां होने की संभावना है। इसके अलावा, डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन से कार्यप्रणाली में भी बड़ा बदलाव आएगा।


निष्कर्ष

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा 5 लाख भर्तियों की घोषणा ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय रेलवे न केवल देश की जीवनरेखा है, बल्कि रोजगार सृजन में भी अग्रणी है।

भविष्य में, रेलवे के इन प्रयासों से न केवल यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना भी मजबूत होगी। भारतीय रेलवे का यह योगदान देश के विकास में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।

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