UP Police Result: अभ्यर्थियों की नाराजगी और पारदर्शिता पर सवाल, आखिर क्यों उठ रहे हैं प्रश्न?
यूपी पुलिस भर्ती परिणाम: अभ्यर्थियों में नाराजगी क्यों?
UP Police Result: Candidates’ resentment and questions on transparency, why are questions being raised? : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPBPB) ने हाल ही में 2024 यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित किए। हालांकि, इन परिणामों को लेकर अभ्यर्थियों में भारी असंतोष देखा गया। कई उम्मीदवार परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं और अपने प्राप्त अंकों को जानने की मांग कर रहे हैं।
‘शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया’ के नोट पर असंतोष
परीक्षा में असफल रहे अभ्यर्थियों को उनके परिणाम में केवल यह लिखा दिखा कि “आपको डीवी/पीएसटी के लिए शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया है।” लेकिन, स्कोरकार्ड में उनके प्राप्तांक नहीं दिखाए गए। अभ्यर्थियों का कहना है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि उनके कितने अंक आए हैं और जो पास हुए हैं, उनके कितने अंक थे।
सोशल मीडिया पर उठी आवाज: #Release_UPPolice_marks
अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर #Release_UPPolice_marks हैशटैग के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की।
अभ्यर्थियों के सवाल:
- “हमें यह जानने का हक है कि हमारे कितने अंक आए हैं।”
- “जो पास हुए, उनके और असफल रहे अभ्यर्थियों के बीच अंकों का अंतर क्या है?”
- “पारदर्शी प्रक्रिया का दावा करने के बावजूद अंक क्यों छिपाए जा रहे हैं?”
एक अभ्यर्थी ने अपने रिजल्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा,
“पारदर्शिता के नाम पर नंबर छिपाना गलत है। हमें यह जानने का अधिकार है कि हमारे रॉ और सामान्यीकृत (normalized) अंक क्या हैं।”
यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2024: प्रमुख जानकारी
UPPBPB ने 23 से 31 अगस्त 2024 के बीच यह परीक्षा आयोजित की थी। परिणाम 21 नवंबर को घोषित किए गए। हालांकि, परिणाम पीडीएफ में केवल सफल अभ्यर्थियों की सूची और कट-ऑफ अंक जारी किए गए।
वर्गवार कट-ऑफ अंक:
- सामान्य वर्ग (General): 214.04644
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS): 187.31758
- ओबीसी वर्ग: 198.99599
- अनुसूचित जाति (SC): 178.04955
- अनुसूचित जनजाति (ST): 146.73835
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित: 75.96059
- भूतपूर्व सैनिक कोटा: 100.44128
यह कट-ऑफ विभिन्न वर्गों के लिए निर्धारित न्यूनतम अंकों को दर्शाता है, लेकिन उम्मीदवारों का मानना है कि केवल कट-ऑफ दिखाने से पर्याप्त जानकारी नहीं मिलती।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
- रॉ और सामान्यीकृत अंकों की जानकारी:
अभ्यर्थियों ने स्पष्ट किया है कि वे अपने रॉ स्कोर और सामान्यीकृत (Normalized) स्कोर जानना चाहते हैं। - पारदर्शिता में सुधार:
परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए बोर्ड को प्रत्येक उम्मीदवार के अंकों की जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए। - भ्रम दूर करना:
उम्मीदवारों ने बोर्ड से आग्रह किया है कि वे भर्ती प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति को समाप्त करें और निष्पक्षता बनाए रखें।
परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल
अंकों की गोपनीयता क्यों?
कई उम्मीदवारों ने इस बात पर सवाल उठाया है कि आखिर अंकों को छिपाने की क्या आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया में प्रत्येक अभ्यर्थी के अंकों की जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए।
‘पारदर्शी प्रक्रिया’ का दावा झूठा?
एक अभ्यर्थी ने लिखा,
“जब सरकार कहती है कि प्रक्रिया पारदर्शी है, तो अंकों को छिपाने की क्या जरूरत है? यह छात्रों के साथ अन्याय है।”
विशेषज्ञों की राय
शिक्षाविद और भर्ती विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि परीक्षा के अंकों को सार्वजनिक किया जाए तो इससे पारदर्शिता और विश्वास में बढ़ोतरी होगी।
विशेषज्ञों का कहना है:
- “अभ्यर्थियों के अंकों को छिपाना उनकी मेहनत का अनादर है।”
- “पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर अभ्यर्थी को स्कोरकार्ड मिलना चाहिए।”
- “अंकों की जानकारी से भर्ती प्रक्रिया पर किसी भी तरह का संदेह खत्म होगा।”
UPPBPB का जवाब: बोर्ड की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPBPB) ने अभ्यर्थियों की इन मांगों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, उम्मीदवार उम्मीद कर रहे हैं कि बोर्ड जल्द ही इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देगा और उनकी मांगों को स्वीकार करेगा।
निष्कर्ष
यूपी पुलिस भर्ती 2024 का परिणाम पारदर्शिता और निष्पक्षता के सवालों के घेरे में है। अभ्यर्थियों का कहना है कि स्कोरकार्ड में अंकों की जानकारी न देकर भर्ती बोर्ड ने उनकी मेहनत को नजरअंदाज किया है।
आगे की राह:
- UPPBPB को अभ्यर्थियों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए।
- अंकों की सार्वजनिक जानकारी से विश्वास बहाल किया जा सकता है।
- भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सुधार आवश्यक है।
अभ्यर्थियों की आवाज अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। देखना होगा कि बोर्ड इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है।