मैलवेयर: भारतीय कंपनियों पर जासूसी, पाकिस्तानी हैकर्स के द्वारा ElizaRAT का इस्तेमाल
Malware आजकल साइबर सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय बन गई है, और भारतीय कंपनियां इससे बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। पाकिस्तान स्थित हैकर्स ने हाल ही में एक नया मैलवेयर, ElizaRAT, तैयार किया है, जिसे भारतीय कंपनियों की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस लेख में हम समझेंगे कि ElizaRAT क्या है, यह कैसे काम करता है, और इसके प्रभाव से भारतीय कंपनियों को कैसे बचा जा सकता है।
ElizaRAT: एक खतरनाक साइबर हथियार
ElizaRAT एक प्रकार का मैलवेयर है, जिसे खासतौर पर कंप्यूटर और डिवाइस में गुप्त रूप से घुसपैठ करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य हैकर्स को संक्रमित डिवाइस से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने का अवसर देना। यह मैलवेयर अक्सर फिशिंग अटैक के माध्यम से फैलता है, जहां हैकर्स पीड़ितों को एक आकर्षक लिंक पर क्लिक करने के लिए मजबूर करते हैं। जब कोई उपयोगकर्ता इस लिंक पर क्लिक करता है, तो एक मैलवेयर से भरी फाइल डाउनलोड हो जाती है, जो एक बार डाउनलोड होने के बाद उस सिस्टम में चुपके से इंस्टॉल हो जाती है।
फिशिंग अटैक: ElizaRAT का प्रमुख तरीका
फिशिंग अटैक एक बहुत ही सामान्य तरीका है जिसके जरिए हैकर्स किसी भी डिवाइस को संक्रमित कर सकते हैं। हैकर्स इस प्रक्रिया में पीड़ितों को ऐसी फाइलों का लिंक भेजते हैं, जो आमतौर पर Google Drive, Dropbox, या अन्य क्लाउड सेवाओं पर स्टोर होती हैं। ये प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं के लिए भरोसेमंद दिखते हैं, जिससे पीड़ित आसानी से उन फाइलों को डाउनलोड कर लेते हैं। एक बार फाइल डाउनलोड हो जाने के बाद, ElizaRAT अपने काम को शुरू करता है।
ElizaRAT का कार्यप्रणाली: जानकारी की चोरी और उसे भेजना
ElizaRAT एक बार डिवाइस में इंस्टॉल हो जाने के बाद चुपचाप काम करना शुरू कर देता है। यह किसी भी कंप्यूटर या डिवाइस में मौजूद महत्वपूर्ण जानकारी को चुराता है, जैसे कि व्यक्तिगत डेटा, व्यापारिक जानकारी, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, और अन्य संवेदनशील जानकारी। यह डेटा हैकर्स के पास भेजा जाता है, जिससे वे उसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
पाकिस्तानी हैकर्स, जो ‘ट्रांसपेरेंट ट्राइब’ या APT36 के नाम से जाने जाते हैं, इस मैलवेयर के माध्यम से भारतीय कंपनियों की जासूसी कर रहे हैं। यह ग्रुप विशेष रूप से सरकार और महत्वपूर्ण व्यापारिक संस्थाओं को अपने हमलों का लक्ष्य बनाता है।
हैकर्स का तरीका: Google, Telegram और Slack का उपयोग
ElizaRAT मैलवेयर को संचालित करने के लिए हैकर्स कई लोकप्रिय प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं। Google, Telegram, और Slack जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग करके वे संक्रमित डिवाइस से जुड़े रहते हैं। इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल इस मैलवेयर को छुपाने के लिए किया जाता है, ताकि यह अनजाने में अपने लक्ष्य को प्रभावित न कर सके। इसके अलावा, ये प्लेटफार्मों को ट्रैक करना हैकर्स के लिए आसान होता है क्योंकि ये आमतौर पर उपयोगकर्ता के लिए सुरक्षित और सामान्य दिखते हैं।
भारत में ElizaRAT का खतरा
साइबर सुरक्षा कंपनी Check Point ने सितंबर 2023 में ElizaRAT की गतिविधियों को ट्रैक करना शुरू किया था। रिपोर्ट के अनुसार, इस मैलवेयर का उद्देश्य भारतीय कंपनियों और सरकारी संस्थाओं की संवेदनशील जानकारी को चुराना है। हैकर्स न केवल व्यापारिक डेटा पर हमला कर रहे हैं, बल्कि यह उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां भी चुराने का एक तरीका बन चुका है।
भारत में इस प्रकार के साइबर हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे सुरक्षा की गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कई प्रमुख कंपनियां और सरकारी विभाग, जो उच्चतम स्तर की जानकारी को संभालते हैं, इन हमलों के शिकार हो चुके हैं।
ElizaRAT से बचाव: सुरक्षा उपाय और सुझाव
किसी भी मैलवेयर से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उपयोगकर्ता और कंपनियां कुछ सामान्य सुरक्षा उपायों का पालन करें:
- फिशिंग अटैक से बचाव: हमेशा यह सुनिश्चित करें कि जिस लिंक पर आप क्लिक कर रहे हैं वह विश्वसनीय है। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले दो बार जांचें।
- एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: अपने कंप्यूटर और अन्य डिवाइसों में हमेशा अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें, जो मैलवेयर और वायरस का पता लगा सके।
- सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें: अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और सभी ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करें। पुराने सॉफ़्टवेयर में सुरक्षा खामियां हो सकती हैं जिन्हें हैकर्स अपने हमलों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
- क्लाउड स्टोरेज का सावधानी से उपयोग करें: किसी भी अज्ञात स्रोत से क्लाउड स्टोरेज फाइल्स डाउनलोड करने से बचें।
- सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें: सार्वजनिक Wi-Fi नेटवर्क से बचें और केवल सुरक्षित, पासवर्ड-प्रोटेक्टेड नेटवर्क का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
ElizaRAT जैसे मैलवेयर भारतीय कंपनियों और नागरिकों के लिए एक बड़ा खतरा बन चुके हैं। पाकिस्तान के हैकर्स का यह नया तरीका भारत के महत्वपूर्ण डेटा की चोरी करने के लिए तैयार किया गया है। हालांकि, सुरक्षा उपायों का पालन करके हम इस तरह के हमलों से बच सकते हैं। हमें हमेशा सतर्क रहना होगा और अपनी डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना होगा ताकि ऐसे साइबर हमलों से बचा जा सके।
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