Google Messages: Now there is no fear of scammers

Google Messages: अब स्कैमर्स की खैर नहीं, गूगल ने एक साथ पेश किए पांच नए फीचर्स

Google Messages: Now there is no fear of scammers, Google introduced five new features simultaneously : गूगल ने हाल ही में अपने मैसेजिंग एप, Google Messages के लिए पांच नए फीचर्स पेश किए हैं, जिनका उद्देश्य यूजर्स की सुरक्षा को बेहतर बनाना है। टेक्नोलॉजी कंपनियां और सरकारें लगातार स्पैम और स्कैम रोकने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद यह समस्या रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए गूगल ने कुछ अत्याधुनिक फीचर्स लॉन्च किए हैं जो यूजर्स को संदिग्ध कॉल्स और मैसेजेस से बचाने में मदद करेंगे।

इन नए फीचर्स में खासकर अंतरराष्ट्रीय कॉलर्स से बचाव और कॉन्टैक्ट वेरिफिकेशन जैसे महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। इसके अलावा, गूगल यह भी कह रहा है कि वह साल के अंत तक खतरनाक लिंक के बारे में भी यूजर्स को अलर्ट करेगा, जिससे वे समय रहते सावधान हो सकें।

1. बेहतर स्पैम सुरक्षा:

Google Messages में अब स्पैम से सुरक्षा के लिए एक नया फीचर जोड़ा गया है, जो कि ऑन-डिवाइस मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग करता है। जिन यूजर्स ने स्पैम सिक्योरिटी को एक्टिवेट कर रखा है, उन्हें यह फीचर पैकेज डिलीवरी या जॉब से संबंधित संभावित धोखाधड़ी वाले टेक्स्ट मैसेज की पहचान करके उन्हें ऑटोमैटिक स्पैम फोल्डर में भेजने की सुविधा प्रदान करता है। इस फीचर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यूजर्स के टेक्स्ट मैसेज प्राइवेट रहते हैं और तब तक किसी अन्य के साथ साझा नहीं किए जाते, जब तक कि वे विशेष रूप से स्पैम के रूप में रिपोर्ट न किए जाएं।

यह फीचर खासकर उन यूजर्स के लिए उपयोगी है जो अक्सर अनजान नंबरों से जॉब ऑफर या पैकेज डिलीवरी जैसे मैसेज प्राप्त करते हैं, क्योंकि कई बार ऐसे मैसेज धोखाधड़ी के मकसद से भेजे जाते हैं। अब यह नए स्पैम सुरक्षा फीचर के तहत ऑटोमैटिकली पहचान लिए जाएंगे और यूजर को परेशानी से बचाया जा सकेगा।

2. संभावित खतरनाक लिंक:

Google वर्तमान में भारत, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर में एक पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है, जो अज्ञात सेंडर्स से प्राप्त खतरनाक लिंक की पहचान करता है। यह फीचर यूजर्स को सचेत करता है और उन्हें ऐसे लिंक को ब्लॉक करने का विकल्प भी देता है। गूगल का यह पायलट प्रोजेक्ट काफी सफल माना जा रहा है, और इसे इस साल के अंत तक वैश्विक स्तर पर लॉन्च किया जाएगा।

जब यह फीचर पूरी तरह से रोल आउट हो जाएगा, तो यूजर्स को किसी भी अज्ञात सेंडर से प्राप्त लिंक को खोलने से पहले चेतावनी मिलेगी। यह उन्हें अनजाने में किसी संदिग्ध या खतरनाक वेबसाइट पर जाने से रोक सकेगा, जिससे उनकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी सुरक्षित रहेगी।

3. संवेदनशील कंटेंट की चेतावनी:

Google Messages में एक और बेहद जरूरी फीचर जोड़ा गया है—संवेदनशील सामग्री की चेतावनी (Sensitive Content Warnings)। यह फीचर उन मैसेजेस को ब्लर कर देता है जो स्पष्ट सामग्री या संवेदनशील जानकारी रखते हैं। यूजर को इसे देखने का विकल्प दिया जाता है, जिससे वह तय कर सके कि वह इसे देखना चाहता है या नहीं। इसके साथ ही, अगर कोई यूजर इस तरह की सामग्री को फॉरवर्ड करना चाहता है, तो उसे एक चेतावनी दी जाएगी, जिससे उसे यह जानकारी मिल सके कि वह संवेदनशील कंटेंट शेयर कर रहा है।

यह फीचर विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो अक्सर ग्रुप्स में मैसेज फॉरवर्ड करते हैं या संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं। इससे उन्हें अपनी प्राइवेसी को बनाए रखने में मदद मिलेगी और अनजाने में संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचा जा सकेगा।

4. अंतरराष्ट्रीय सेंडर्स से सुरक्षा:

गूगल ने एक और महत्वपूर्ण फीचर पेश किया है, जो अनजान अंतरराष्ट्रीय सेंडर्स से प्राप्त मैसेजेस से यूजर्स को सुरक्षित रखेगा। यह फीचर उन मैसेजेस को स्पैम या ब्लॉक्ड फोल्डर में ऑटोमैटिक भेज देगा, जो अनजान अंतरराष्ट्रीय नंबरों से आए हैं। यह फीचर सबसे पहले सिंगापुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा और इसके बाद धीरे-धीरे अन्य देशों में भी उपलब्ध कराया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय सेंडर्स से आने वाले मैसेजेस को लेकर कई बार यूजर्स धोखे का शिकार हो जाते हैं, खासकर जब यह मैसेज जॉब ऑफर या किसी इनाम से जुड़े होते हैं। इस फीचर की मदद से गूगल इन समस्याओं से यूजर्स को बचाएगा और उनका डेटा सुरक्षित रहेगा।

5. कॉन्टैक्ट वेरिफिकेशन:

Google Messages का एक और नया फीचर है—कॉन्टैक्ट वेरिफिकेशन। यह फीचर यूजर्स को यह जांचने की सुविधा देता है कि वे जिस कॉन्टैक्ट को मैसेज भेज रहे हैं, वह सही है या नहीं। इसके लिए गूगल एक यूनिफाइड पब्लिक की वेरिफिकेशन सिस्टम विकसित कर रहा है, जो QR कोड का उपयोग करता है। यह फीचर सुनिश्चित करेगा कि यूजर का मैसेज सही व्यक्ति तक पहुंचे और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।

कॉन्टैक्ट वेरिफिकेशन फीचर यूजर्स को एक अतिरिक्त स्तर की सुरक्षा प्रदान करेगा, खासकर जब वे किसी नए व्यक्ति से संपर्क कर रहे हों। QR कोड के माध्यम से कॉन्टैक्ट्स की वेरिफिकेशन प्रक्रिया सरल और सुरक्षित होगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी।

निष्कर्ष:

गूगल ने इन नए फीचर्स के माध्यम से यूजर्स की सुरक्षा को और भी मजबूत किया है। स्पैम, स्कैम और खतरनाक लिंक से बचाने के लिए ये फीचर्स अत्यधिक उपयोगी साबित होंगे। गूगल का लक्ष्य है कि यूजर्स को एक सुरक्षित और प्राइवेट मैसेजिंग अनुभव प्रदान किया जा सके, जहां वे बिना किसी चिंता के अपने संपर्कों से संवाद कर सकें।

इन सभी फीचर्स को इस साल के अंत तक पूरी दुनिया में रोल आउट किया जाएगा, और यह गूगल की कोशिश है कि यूजर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *