PAK vs ENG: अब्दुल्ला शफीक विराट कोहली से बेहतर? कप्तान शान मसूद का बड़ा दावा
PAK vs ENG: Abdullah Shafiq better than Virat Kohli? Captain Shan Masood’s big claim : पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच चल रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला मुल्तान में खेला जा रहा है। इस मैच के पहले दिन पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार विकेट पर 328 रन बना दिए। खास बात यह रही कि कप्तान शान मसूद और अब्दुल्ला शफीक ने शानदार शतक जड़ा। शफीक ने 184 गेंदों में 102 रन बनाए, जिसमें 10 चौके और दो छक्के शामिल थे। वहीं, शान मसूद ने 177 गेंदों में 151 रनों की बेहतरीन पारी खेली, जिसमें 13 चौके और दो छक्के शामिल थे।
मैच के पहले दिन के खेल के बाद शान मसूद ने मीडिया से बातचीत में अब्दुल्ला शफीक की तुलना भारतीय कप्तान विराट कोहली से कर डाली, जिससे क्रिकेट जगत में खलबली मच गई।
अब्दुल्ला शफीक और विराट कोहली की तुलना: क्या कहा कप्तान ने?
शान मसूद से शफीक की हालिया फॉर्म को लेकर सवाल पूछा गया था, क्योंकि उन्होंने पिछले कुछ मैचों में बेहतर प्रदर्शन नहीं किया था। लेकिन मसूद ने सीधे जवाब देने के बजाय विराट कोहली का उदाहरण देकर शफीक का बचाव किया। उन्होंने कहा, “पूरे सम्मान के साथ, मुझे नहीं लगता कि आपका सवाल सही है। पाकिस्तान ने 2024 में बहुत अच्छी क्रिकेट नहीं खेली है, और इसे निष्पक्ष रूप से देखा जाना चाहिए। आंकड़ों की बात करें तो एक बार मैंने पढ़ा कि अब्दुल्ला शफीक का 19 टेस्ट के बाद का रिकॉर्ड विराट कोहली से बेहतर है।”
मसूद ने इस बयान के जरिए शफीक की आलोचना करने वालों को जवाब दिया, जिनका मानना है कि शफीक की फॉर्म गिर चुकी है।
शफीक का टेस्ट करियर: आंकड़ों की जुबानी
शफीक ने पाकिस्तान के लिए अब तक 19 टेस्ट मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 40.35 की औसत से 1372 रन बनाए हैं। उनके नाम चार शतक और पांच अर्धशतक दर्ज हैं, जबकि उनका सर्वोच्च स्कोर 201 रन का है। शफीक का यह प्रदर्शन काफी प्रभावशाली है, खासकर जब तुलना की जाती है विराट कोहली के शुरुआती टेस्ट करियर से।
विराट कोहली का 19 टेस्ट के बाद का प्रदर्शन
विराट कोहली ने अपना 19वां टेस्ट नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ईडन गार्डन में खेला था। उस समय तक कोहली ने 32 पारियों में 40.62 की औसत से 1178 रन बनाए थे, जिसमें चार शतक और छह अर्धशतक शामिल थे। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 116 रन था।
विराट ने ऑस्ट्रेलिया जैसी कठिन पिचों पर रन बनाए थे और मिचेल जॉनसन, स्टुअर्ट क्लार्क और जेम्स एंडरसन जैसे बेहतरीन गेंदबाजों का सामना किया था। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि उस समय कोहली के लिए परिस्थितियाँ भी काफी चुनौतीपूर्ण थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया था।
क्या शफीक कोहली से बेहतर हैं?
आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो शफीक ने 19 टेस्ट के बाद कोहली से अधिक रन बनाए हैं, लेकिन औसत के मामले में कोहली उनसे आगे हैं। शफीक ने 36 पारियों में 40.35 की औसत से 1372 रन बनाए, जबकि कोहली ने 32 पारियों में 40.62 की औसत से 1178 रन बनाए थे। दोनों खिलाड़ियों के आंकड़े लगभग समान हैं, लेकिन शफीक ने अपने रन बांग्लादेश, श्रीलंका और जिम्बाब्वे जैसी टीमों के खिलाफ बनाए, जबकि कोहली ने अपने शुरुआती दौर में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ खेला।
कप्तान का बयान: एक रणनीतिक कदम?
शान मसूद का बयान केवल एक क्रिकेट विश्लेषण नहीं था, बल्कि यह उनके साथी खिलाड़ी का मनोबल बढ़ाने का भी प्रयास था। क्रिकेट में तुलना अक्सर खिलाड़ियों के मानसिक दबाव को बढ़ा सकती है, और मसूद ने शायद इसी दबाव से शफीक को बचाने के लिए विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी से उनकी तुलना की। यह कप्तान का अपने साथी खिलाड़ियों के प्रति समर्थन दिखाता है, जो किसी भी टीम के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
शफीक के लिए आगे की राह
अब जब शफीक का नाम कोहली के साथ जोड़ा जा रहा है, तो उनके ऊपर उम्मीदों का बोझ और भी बढ़ गया है। आने वाले मैचों में उन्हें अपने प्रदर्शन को और निखारने की जरूरत होगी ताकि वह न सिर्फ पाकिस्तान की टीम के लिए बल्कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी एक बड़ा नाम बन सकें।
उनके आंकड़े भले ही कोहली से मेल खाते हों, लेकिन उन्हें कोहली के जैसे वैश्विक क्रिकेट की मजबूत टीमों के खिलाफ भी अपनी क्षमता साबित करनी होगी। यदि शफीक इस दबाव को झेलकर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो यकीनन वह आने वाले समय में पाकिस्तान क्रिकेट के एक बड़े सितारे बन सकते हैं।
निष्कर्ष
अब्दुल्ला शफीक और विराट कोहली की तुलना करना काफी दिलचस्प है, खासकर तब जब दोनों खिलाड़ियों ने अपने शुरुआती करियर में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हालांकि, यह भी सच है कि दोनों खिलाड़ियों की परिस्थितियाँ और विरोधी टीमों की गुणवत्ता अलग-अलग रही हैं। शफीक के पास प्रतिभा है, लेकिन उन्हें अब विराट कोहली जैसे बड़े नामों के साथ तुलना को सही साबित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करना होगा।