सिर्फ Amitabh Bachchan बचा सकते थे Salim-Javed की जोड़ी, सलीम खान ने किया खुलासा
Only Amitabh Bachchan could have saved Salim-Javed pair, Aryan Khan revealed : बॉलीवुड में सलीम-जावेद (Salim Javed) की जोड़ी का नाम सुनते ही 70 और 80 के दशक की वो सुपरहिट फिल्में याद आती हैं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। इस मशहूर जोड़ी ने हिंदी सिनेमा को एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में स्थापित किया। हालांकि, 80 के दशक के अंत में यह जोड़ी अचानक टूट गई, और इसके पीछे की असली वजह आज तक सामने नहीं आ सकी। हाल ही में आई डॉक्यु-सीरीज ‘एंग्री यंग मेन’ में भी इस पर कोई ठोस खुलासा नहीं हुआ, लेकिन अब सलीम खान (Salim Khan) ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए हैं।
सलीम-जावेद की जोड़ी: सुपरहिट फिल्मों का सैलाब
सलीम खान और जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की जोड़ी ने बॉलीवुड को 24 बेहतरीन फिल्मों की कहानियां दीं, जिनमें से 20 फिल्में सुपरहिट रहीं। उनकी लिखी फिल्मों ने न केवल दर्शकों के दिलों पर राज किया बल्कि हिंदी सिनेमा के परिदृश्य को भी बदल दिया। दोनों की जोड़ी ने ‘शोले’, ‘दीवार’, ‘जंजीर’, ‘त्रिशूल’ और ‘डॉन’ जैसी फिल्में दीं, जिन्होंने अमिताभ बच्चन को रातों-रात सुपरस्टार बना दिया।
हालांकि, यह जोड़ी 80 के दशक के अंत में टूट गई, और इसके पीछे की असल वजह कभी सार्वजनिक नहीं हो सकी। दर्शकों और फैंस के लिए यह एक चौंकाने वाला वाकया था क्योंकि सलीम-जावेद की जोड़ी हिंदी सिनेमा में सफलता की गारंटी मानी जाती थी।
डॉक्यु-सीरीज ‘Angry Young Men’ में नहीं हुआ खुलासा
हाल ही में अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई डॉक्यु-सीरीज ‘एंग्री यंग मेन’ में सलीम-जावेद की जोड़ी पर फोकस किया गया। इस सीरीज से उम्मीद थी कि यह उस राज़ पर से पर्दा उठाएगी कि आखिर सलीम और जावेद ने अलग होने का फैसला क्यों लिया। लेकिन, सीरीज ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया और प्रशंसकों को असमंजस में छोड़ दिया।
क्यों टूटी सलीम-जावेद की जोड़ी? सलीम खान का बयान
सलीम खान ने हाल ही में एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में इस मामले पर बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें आज तक सही कारण नहीं पता कि जावेद अख्तर ने उनसे अलग होने का फैसला क्यों लिया। सलीम खान ने कहा, “जब उन्होंने मुझसे कहा कि वह अलग फिल्में बनाना चाहते हैं, मैंने बिना किसी विवाद के उन्हें अपनी राह चुनने दी। किसी को जबरदस्ती रोक नहीं सकते। मुझे अब तक नहीं पता कि आखिर वो क्यों अलग हुए। हो गया तो हो गया।”
यह बयान सलीम खान की समझदारी और परिपक्वता को दर्शाता है। उन्होंने न तो कभी इस फैसले पर सवाल उठाया और न ही इसे लेकर किसी तरह की कड़वाहट रखी।
अलग होने के बाद भी दोस्ती कायम
सलीम खान ने आगे बताया कि जावेद अख्तर के साथ उनकी जोड़ी टूटने के बावजूद उनकी दोस्ती पर इसका असर नहीं पड़ा। उन्होंने कहा, “अलग होने के बाद भी हमने कभी इसके बारे में बात नहीं की, न ही किसी ने एक-दूसरे के खिलाफ कुछ कहा। हमारा मिलना-जुलना जारी रहा। मैं रोज उनके घर के सामने से निकलता था, वे मुझे देखकर हाथ हिलाते थे, और मैं भी उन्हें हाथ हिलाता था। हमारी दोस्ती हमेशा बरकरार रही।”
इससे यह साफ होता है कि सलीम और जावेद के बीच कभी कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं हुआ था। उन्होंने अपनी प्रोफेशनल पार्टनरशिप को भले ही खत्म कर दिया हो, लेकिन आपसी सम्मान और दोस्ती बनी रही।
अमिताभ बच्चन बचा सकते थे जोड़ी
सलीम खान ने यह भी कहा कि अगर अमिताभ बच्चन ने हस्तक्षेप किया होता, तो शायद सलीम-जावेद की जोड़ी टूटने से बच जाती। उन्होंने कहा, “अगर मैं अमिताभ बच्चन की जगह होता, तो जावेद से कहता, ‘मत छोड़ो, तुम दोनों की जोड़ी बेहतरीन है, अच्छा काम कर रहे हो, इसे क्यों छोड़ रहे हो?’ अगर मैं होता तो यह सलाह देता।”
यह बयान दर्शाता है कि सलीम खान को इस बात का मलाल है कि उस समय कोई बीच में आकर दोनों को समझाने की कोशिश नहीं की। अमिताभ बच्चन ने सलीम-जावेद की फिल्मों से ही अपनी सफलता का सफर शुरू किया था, और सलीम खान को लगता है कि अगर बिग बी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया होता, तो शायद यह जोड़ी अब तक कायम होती।
सलीम-जावेद का बॉलीवुड में योगदान
सलीम-जावेद ने हिंदी सिनेमा को एक नया दौर दिया। उनकी फिल्मों ने उस समय की भारतीय सिनेमा की कहानी कहने के तरीके को बदल दिया। उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों पर आधारित कहानियों को बड़े पर्दे पर पेश किया, जिसमें नायक की छवि को बदला गया। अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में स्थापित करने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है।
‘जंजीर’, ‘शोले’, ‘दीवार’ और ‘डॉन’ जैसी फिल्मों ने हिंदी सिनेमा को नए आयाम दिए और अमिताभ बच्चन को सिनेमा का सबसे बड़ा सुपरस्टार बना दिया। सलीम-जावेद की जोड़ी ने न केवल हिट फिल्में दीं बल्कि हिंदी फिल्मों के संवाद लेखन और कहानी कहने की परंपरा को भी पूरी तरह बदल दिया।
अलगाव के बाद का सफर
सलीम-जावेद के अलग होने के बाद भी दोनों ने अपने-अपने करियर में कामयाबी हासिल की। जावेद अख्तर ने अकेले फिल्में लिखने का फैसला किया और इंडस्ट्री में बतौर लेखक और गीतकार अपनी अलग पहचान बनाई। वहीं, सलीम खान ने भी अपने बेटों- सलमान खान, सोहेल खान और अरबाज खान के साथ फिल्मों में काम करना जारी रखा।
निष्कर्ष: एक अनसुलझी पहेली
सलीम-जावेद की जोड़ी का टूटना हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी पहेलियों में से एक है। इस पर अभी तक कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है, और शायद यह सवाल हमेशा के लिए अनसुलझा रह जाए। हालांकि, दोनों के योगदान को कोई भी नकार नहीं सकता। उनकी फिल्मों ने सिनेमा को एक नई दिशा दी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं।