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शिक्षक दिवस 2024: गुरु-शिष्य परंपरा का महोत्सव, देशभर में मनाया गया विशेष उत्सव

Teacher’s Day 2024: Festival of Guru-Shishya Parampara, special celebration celebrated at UNESCO : नई दिल्ली, 5 सितंबर 2024: पूरे देश में आज शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन को विशेष रूप से भारत के महान शिक्षक, शिक्षाविद, और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में अनमोल योगदान दिया और भारत को एक महान शिक्षण संस्कृति का उपहार दिया। उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यह दिन समर्पित किया जाता है।

शिक्षक दिवस का इतिहास भारत में गहरी गुरु-शिष्य परंपरा से जुड़ा हुआ है। भारतीय संस्कृति में गुरु को सबसे ऊँचा स्थान दिया गया है। गुरु न केवल शास्त्रों और विद्या का ज्ञान देते हैं, बल्कि जीवन जीने की कला और मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। डॉ. राधाकृष्णन ने हमेशा शिक्षा के महत्व को समझा और इसीलिए उनके जीवन को प्रेरणा मानकर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस अवसर पर देशभर के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, और शैक्षणिक संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। छात्रों ने अपने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटक, और अन्य रचनात्मक प्रस्तुतियां दीं। कुछ जगहों पर छात्र अपने शिक्षकों की भूमिका निभाते हुए क्लासरूम संभालते नजर आए। यह केवल शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर नहीं है, बल्कि छात्रों के लिए भी यह दिन विशेष होता है, जब वे अपने शिक्षकों के साथ मजबूत संबंध बना पाते हैं।

डिजिटल माध्यम से उत्सव की धूम आज के डिजिटल युग में, शिक्षक दिवस का उत्सव सिर्फ स्कूलों और कॉलेजों तक सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी शिक्षक दिवस की धूम रही। छात्र और पूर्व छात्र अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए पोस्ट्स, वीडियो और संदेश साझा कर रहे हैं। कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर #TeachersDay2024 ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग अपने शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए उनकी कहानियां शेयर कर रहे हैं। शिक्षकों को सिर्फ उनके शिक्षण के लिए नहीं, बल्कि उनके द्वारा दी गई जीवन की महत्वपूर्ण सीख के लिए भी सराहा जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि “शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे बच्चों के जीवन को आकार देते हैं और उन्हें समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। शिक्षक केवल शिक्षा प्रदान नहीं करते, बल्कि वे हमारे चरित्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके बिना समाज और राष्ट्र की प्रगति की कल्पना भी नहीं की जा सकती।”

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि “हमारे शिक्षकों का योगदान हमारे देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में अमूल्य है। वे बच्चों को अपने जीवन के लक्ष्यों को समझने और प्राप्त करने में मदद करते हैं।”

शिक्षा मंत्री ने भी शिक्षक दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में कहा, “हमारे शिक्षक हमारे देश की असली संपत्ति हैं। उनके बिना, शिक्षा प्रणाली का संचालन असंभव है। वे बच्चों को न केवल शैक्षिक ज्ञान देते हैं, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्यों और नैतिकताओं से भी परिचित कराते हैं। यह उनका समर्पण और कड़ी मेहनत ही है, जो हमें सफलता की ओर ले जाती है।”

शिक्षकों का सम्मान समारोह इस विशेष अवसर पर देश के कई हिस्सों में शिक्षकों को सम्मानित किया गया। विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों को उनके योगदान के लिए पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए। भारत सरकार और राज्य सरकारें इस दिन शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने के लिए विभिन्न पुरस्कार समारोह आयोजित करती हैं। उत्कृष्ट शिक्षकों को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से नवाजा जाता है, जो उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए एक प्रतिष्ठित सम्मान है।

2024 में भी कई शिक्षकों को उनकी अनुकरणीय सेवाओं के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस सम्मान से प्रेरित होकर शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को और भी ज्यादा समर्पित भाव से निभाने की दिशा में प्रेरित होते हैं।

शिक्षक-छात्र संबंध: एक विशेष बंधन शिक्षक दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक ऐसा अवसर है जब शिक्षक और छात्र अपने बीच के विशेष संबंध को और अधिक सशक्त कर सकते हैं। भारतीय समाज में शिक्षक को माता-पिता के बाद सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है। हमारे जीवन में शिक्षक ही वह व्यक्ति होते हैं, जो हमें न केवल शिक्षित करते हैं, बल्कि सही और गलत की पहचान कराते हैं और हमें अपने जीवन के लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद करते हैं।

शिक्षक दिवस इस बात की भी याद दिलाता है कि शिक्षक ही एक राष्ट्र का भविष्य बनाते हैं। वे अपने विद्यार्थियों के अंदर न केवल ज्ञान का दीपक जलाते हैं, बल्कि उनके जीवन में नैतिकता, अनुशासन, और कर्तव्यनिष्ठा के मूल्यों को भी संचारित करते हैं। एक सच्चा शिक्षक अपने छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है और उनके सपनों को साकार करने में उनकी सहायता करता है।

डॉ. राधाकृष्णन की शिक्षाएं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन एक शिक्षक के रूप में अनुकरणीय था। उनका मानना था कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य न केवल ज्ञान प्राप्त करना है, बल्कि व्यक्तित्व का विकास करना भी है। वह कहते थे कि “शिक्षा वह नहीं है जो सिर्फ जानकारी देती है, बल्कि वह है जो जीवन जीने की कला सिखाती है।” उनके विचार और शिक्षाएं आज भी शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

उनकी शिक्षाओं का प्रभाव केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में महसूस किया गया है। उनका मानना था कि एक शिक्षक को कभी भी सिर्फ एक पाठ्यक्रम को पूरा करने का लक्ष्य नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसे अपने छात्रों को जीवन के बड़े सवालों के उत्तर खोजने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

निष्कर्ष शिक्षक दिवस 2024 हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मार्गदर्शक होते हैं। वे न केवल हमें शिक्षित करते हैं, बल्कि हमारे अंदर आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान की भावना का निर्माण करते हैं। उनके योगदान को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है, लेकिन शिक्षक दिवस के माध्यम से हम उनके प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त कर सकते हैं।

आज का दिन सभी शिक्षकों को समर्पित है, जिन्होंने हमें अपने जीवन की दिशा में मार्गदर्शन किया है। उनके प्रयासों के बिना, हमारी प्रगति संभव नहीं होती। शिक्षकों को नमन!

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