Big statement from shareholders

वीरेंद्र सहवाग का बड़ा बयान: खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण समय, गंभीर को मिलेगी क्लैरिटी

Big statement from shareholders: Special time for players, real clarity for Gambhir : भारत के पूर्व ओपनर और “मुल्तान के सुल्तान” के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में एक कार्यक्रम में शिरकत की, जहां उन्होंने क्रिकेट से जुड़ी कई दिलचस्प बातों पर चर्चा की। गुरुग्राम में आयोजित अमर उजाला के वैचारिक संवाद कार्यक्रम में सहवाग ने क्रिकेटरों की जिंदगी, रिटायरमेंट के बाद की चुनौतियों, और क्रिकेट में हो रहे बदलावों पर अपने विचार साझा किए।

सहवाग ने बताया कि क्रिकेटर की जिंदगी बहुत कठिन होती है, जिसमें अनुशासन बेहद जरूरी होता है। 16-17 साल की उम्र से ही एक खिलाड़ी को अनुशासन में रहकर खेलना होता है। हालांकि, जब खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए खेलता है, तो अनुशासन का स्तर और बढ़ जाता है। रिटायरमेंट के बाद जिंदगी बदलती है, लेकिन व्यस्तता कम नहीं होती। सहवाग ने बताया कि वह 35 साल की उम्र में रिटायर हुए, और अब कमेंट्री बॉक्स में अपनी जगह बना ली है, जहां वे दर्शकों को किस्से और कहानियों से मनोरंजन करते हैं।

सोशल मीडिया और क्रिकेट के बदलते आयाम

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वीरेंद्र सहवाग – फोटो : PTI

सहवाग सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करना शुरू किया और अपने पहले पोस्ट में रोहित शर्मा के बारे में लिखा, जो बहुत चर्चित हुआ। इससे उनकी फॉलोइंग तेजी से बढ़ी। सहवाग का मानना है कि सोशल मीडिया एक प्रभावी माध्यम है, जहां वह अपने विचार साझा करते हैं, जो लोगों को पसंद आते हैं।

क्रिकेट के प्रगति के बारे में बात करते हुए सहवाग ने बताया कि क्रिकेट अब बहुत तेज और मनोरंजक हो गई है। आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट को मजबूत किया है और खिलाड़ियों के पास अब ज्यादा विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में क्रिकेट में बहुत बदलाव आया है, और अब भारतीय खिलाड़ी सबसे ज्यादा पैसे कमाते हैं।

महिला क्रिकेट और टी20 का प्रभाव

महिला क्रिकेट के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने कहा कि भारतीय महिला क्रिकेटरों को पुरुषों के बराबर सैलरी मिलती है। अगर वे बेहतर प्रदर्शन करेंगी और विश्व कप जीतेंगी, तो उनकी पहचान और बढ़ेगी। टी20 क्रिकेट के असर पर सहवाग ने कहा कि इसने बल्लेबाजों के माइंडसेट को बदल दिया है। अब बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में भी तेजी से रन बनाने की कोशिश करते हैं, जिससे मैच जल्दी खत्म हो जाते हैं।

सहवाग ने भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन खेलने की क्षमता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा व्हाइट बॉल क्रिकेट होगी, उतनी ही स्पिन खेलने की स्किल कम होती जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय खिलाड़ी अब घरेलू क्रिकेट कम खेलते हैं, जिससे स्पिन खेलने की उनकी क्षमता प्रभावित हो रही है।

गंभीर की नई जिम्मेदारी और सहवाग का भविष्य

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सहवाग – फोटो : PTI

गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बारे में सहवाग ने कहा कि गंभीर के लिए ज्यादा चुनौती नहीं है क्योंकि वहां प्रोफेशनल्स हैं और खिलाड़ियों को अपनी भूमिका पता है। गंभीर के आने से खिलाड़ियों को क्लैरिटी मिलेगी, लेकिन असली चुनौती खिलाड़ियों के लिए होगी, क्योंकि अब उन्हें और भी बड़ी प्रतियोगिताएं जीतनी होंगी।

आईपीएल या भारतीय टीम के कोच बनने के सवाल पर सहवाग ने कहा कि भारतीय टीम के कोच बनने में उन्हें रुचि नहीं है, क्योंकि यह वही रुटीन होगा जो उन्होंने 15 साल किया है। लेकिन अगर आईपीएल में किसी टीम के कोच या मेंटर का रोल मिलता है, तो वे उस पर विचार करेंगे। सहवाग ने यह भी बताया कि उनके बच्चे क्रिकेट खेलते हैं और वह उनके साथ समय बिताना चाहते हैं।

भजन, शोएब अख्तर, और मुल्तान के सुल्तान की कहानी

सहवाग ने यह भी बताया कि जब वह रन नहीं बना पाते थे, तो भजन गुनगुनाते थे। उन्होंने हंसी-मजाक में बताया कि कैसे उन्होंने शोएब अख्तर को भूत बनाने में मजा लिया। अख्तर के साथ उनकी दोस्ती और खाने के किस्से भी उन्होंने साझा किए। मुल्तान के सुल्तान की उपाधि मिलने के बारे में सहवाग ने बताया कि उन्हें यह उपाधि मीडिया ने दी थी, और इसके बाद उन्हें “नजफगढ़ का नवाब” भी कहा जाने लगा।

सहवाग का स्पोर्ट्स-ओरियेंटेड स्कूल और हरियाणा के खेलों का विकास

सहवाग ने हरियाणा में अपने स्पोर्ट्स-ओरियेंटेड स्कूल के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी तरजीह दी जाती है। क्रिकेट, फुटबॉल, स्विमिंग, बास्केटबॉल, और लॉन टेनिस जैसी खेल सुविधाएं उनके स्कूल में उपलब्ध हैं। सहवाग का मानना है कि स्पोर्ट्स खेलना बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी है।

इस कार्यक्रम में सहवाग ने क्रिकेट और खेलों से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। वीरेंद्र सहवाग की आक्रामक खेल शैली और क्रिकेट में किए गए उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। उनके विचार और अनुभव आज के क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

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