Jammu and Kashmir Assembly elections

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: दूसरे चरण के लिए अधिसूचना जारी, 25 सितंबर को मतदान

Jammu and Kashmir Assembly elections: Notification issued for second phase, voting on September 25 : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। चुनाव आयोग ने गुरुवार को दूसरे चरण के मतदान के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इस चरण में कुल 26 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे, जिनके लिए मतदान 25 सितंबर को होगा। नामांकन की प्रक्रिया 5 सितंबर तक पूरी होगी, और 6 सितंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। उम्मीदवारों के पास 9 सितंबर तक नामांकन वापस लेने का विकल्प होगा।

दूसरे चरण के प्रमुख विधानसभा क्षेत्र

दूसरे चरण के चुनाव में गांदरबल (कंगन और गांदरबल), श्रीनगर (हजरतबल, खन्यार, हब्बाकदल, लाल चौक, छान पोरा, जदिवल, ईदगाह, शालटेंग), बडगाम (खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, बड़गाम, वीरवार और चाडूरा), पुंछ (सुरनकोट, पुंछ हवेली और मेंढर), रियासी (गुलाबगढ़, माता वैष्णो देवी और रियासी), और राजोरी (नौशेरा, राजोरी, बुद्धल, थन्नामंडी और सुंदरबनी) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मतदान होंगे। इन क्षेत्रों में चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।

लद्दाख में नए जिलों का गठन: सुशासन की ओर एक बड़ा कदम

लद्दाख में पांच नए जिलों के गठन की घोषणा ने स्थानीय लोगों में सुशासन और बुनियादी सुविधाओं की पहुंच को लेकर आशा की किरण जगाई है। लद्दाख के उप-राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ. बीडी मिश्र ने इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम न केवल लद्दाख के विकास को गति देगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगा।

मुख्य कार्यकारी पार्षद ताशी ग्यालसन और लद्दाख के पूर्व सांसद और भाजपा नेता जामयांग सेरिंग नामग्याल ने भी इस फैसले की सराहना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि नए जिलों की मांग लद्दाख के लोग लंबे समय से कर रहे थे, और यह फैसला उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

प्रशासनिक और लोकतांत्रिक सुधारों की संभावनाएं

पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने भी इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह देखना होगा कि नए जिले केवल प्रशासनिक इकाइयां बनकर रह जाते हैं या उन्हें लोकतांत्रिक अधिकार भी प्राप्त होते हैं। अगर इन जिलों में स्वायत्तशासी परिषदों का गठन होता है, तो इससे स्थानीय जनता को अधिक लाभ होगा और वे अपनी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही कर पाएंगे।

गृह मंत्रालय की सख्त समयसीमा

गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन को नए जिलों के गठन से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। इस समिति को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी, जिसमें मुख्यालय, सीमाएं, संरचना, पदों के सृजन और जिला निर्माण से संबंधित अन्य पहलुओं का आकलन किया जाएगा। रिपोर्ट मिलने के बाद, लद्दाख प्रशासन इस पर आधारित अंतिम प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजेगा, जिसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

छठी अनुसूची की मांग: आंदोलन जारी रहेगा

लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) ने नए जिलों के गठन के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन उनका आंदोलन अभी भी जारी रहेगा। उनकी मांग है कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, जिससे उनके क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को संरक्षित किया जा सके। इसके अलावा, उनकी अन्य चार प्रमुख मांगें भी हैं, जिन्हें लेकर वे संघर्षरत हैं। इस आंदोलन के तहत 1 सितंबर से लेह से दिल्ली तक एक पदयात्रा भी शुरू की जाएगी, जिससे वे अपनी मांगों को और मजबूती से सरकार के सामने रख सकें।

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