Amul becomes the world's strongest food-dairy brand

अमूल बना दुनिया का सबसे मजबूत खाद्य-डेयरी ब्रांड, 100 में से 91 का बीएसआई स्कोर हासिल

Amul becomes the world’s strongest food-dairy brand: अमूल ने एक बार फिर से अपनी शक्ति साबित करते हुए दुनिया का सबसे मजबूत खाद्य एवं डेयरी ब्रांड बनने का खिताब हासिल किया है। ब्रांड फाइनेंस फूड एंड ड्रिंक-2024 की रिपोर्ट के अनुसार, अमूल ने प्रभावशाली ब्रांड स्ट्रेंथ इंडेक्स (बीएसआई) स्कोर में 100 में से 91 अंक प्राप्त किए हैं, जिससे उसे एएए+ रेटिंग मिली है। यह उपलब्धि अमूल को वैश्विक मंच पर न सिर्फ पहचान दिलाती है, बल्कि उसकी बढ़ती ब्रांड इक्विटी को भी दर्शाती है।

2023 की तुलना में, अमूल का ब्रांड मूल्य 11 प्रतिशत बढ़कर 3.3 अरब डॉलर हो गया है, जिससे वह ब्रांड मूल्यांकन की सूची में 22वें स्थान पर पहुंच गया है। यह वृद्धि पिछले साल के मुकाबले चार स्थान की छलांग के साथ हुई है। अमूल की इस सफलता का मुख्य कारण उसकी व्यापक उत्पाद रेंज है, जो न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुकी है। भारतीय मक्खन बाजार में अमूल की 85 प्रतिशत और पनीर में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो इसे और भी मजबूत बनाता है।

नेस्ले और अन्य प्रमुख ब्रांड

स्विट्जरलैंड की नेस्ले कंपनी ने 20.8 अरब डॉलर के साथ दुनिया का सबसे मूल्यवान ब्रांड का खिताब अपने पास बरकरार रखा है। इसके अलावा, शीर्ष 10 मूल्यवान ब्रांड्स में लेज (12.02 अरब डॉलर), यिलि (11.60 अरब डॉलर), टायसन (8.26 अरब डॉलर), डेनोन (8.02 अरब डॉलर), क्वैकर (7.54 अरब डॉलर), केलोग्स (6.09 अरब डॉलर), व्रिग्ले (6.02 अरब डॉलर), मेन्गनियू (5.41 अरब डॉलर), और डोरिटोज (4.63 अरब डॉलर) शामिल हैं।

Amul becomes the world's strongest food-dairy brand

शीर्ष-100 में भारतीय कंपनियों का योगदान

दुनिया की शीर्ष-100 खाद्य एवं पेय ब्रांड्स की सूची में केवल चार भारतीय कंपनियां शामिल हैं। अमूल, जो 3.3 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ 22वें स्थान पर है, ने इस सूची में चार स्थान की छलांग लगाई है। ब्रिटानिया, जो पिछले साल की तुलना में पांच पायदान नीचे गिरकर 68वें स्थान पर पहुंच गई है, वहीं मदर डेयरी सात पायदान की उछाल के साथ 87वें स्थान पर और नंदिनी 95वें स्थान पर है।

वैश्विक ब्रांड मूल्य में गिरावट और चुनौतियाँ

वैश्विक स्तर पर खाद्य एवं पेय क्षेत्र का समग्र ब्रांड मूल्य 4 प्रतिशत घटकर करीब 268 अरब डॉलर रह गया है। इस गिरावट का मुख्य कारण उपभोक्ताओं की पारंपरिक बड़े ब्रांड्स से हटकर छोटे और निजी-लेबल वाली कंपनियों की ओर झुकाव है।

डेयरी उद्योग की चुनौतियाँ और अमूल की मजबूती

यरी उद्योग में शीर्ष 10 ब्रांड्स के मूल्यांकन में 6 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो अब 43.8 अरब डॉलर है। इसके बावजूद, अमूल ने लगातार चौथे वर्ष दुनिया का सबसे मजबूत डेयरी ब्रांड बने रहने का खिताब बरकरार रखा है। यह अमूल की ब्रांड स्थिरता और उसकी वैश्विक पहचान की मजबूती को दर्शाता है।

अमूल की इस अद्वितीय सफलता ने न केवल भारतीय डेयरी उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सही रणनीति और ब्रांड मूल्य के साथ, भारतीय कंपनियां भी वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं।

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